BHOPAL. चैत्र नवरात्रि का आज अंतिम दिन है। इसी दिन रामनवमी भी होती है। नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। दुर्गा के नौ रूपों में मां सिद्धिदात्री नौवीं देवी हैं। बता दें, नवरात्रि में कलश और घट स्थापना करना महत्वपूर्ण और पुण्यदायक माना जाता है।
व्रत और त्योहार
आज नवरात्रि का आखिरी दिन है। आज के दिन ही त्रेता युग में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। आज मां के नवमं स्वरूप मां सिद्धिदात्री ( Shardiya Navratri ) की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि में जो लोग पूरे 9 दिन का व्रत रखते हैं वह नवमी तिथि के समाप्त होने के बाद व्रत खोल सकते हैं।
नवरात्रि शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि की महानवमी 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर आरंभ हो गई है और 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार, आज यानी 17 अप्रैल को महानवमी मनाई जाएगी। वहीं महानवमी के दिन कन्या पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
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पूजा की टाइम और विधि
- सुबह उठकर स्नान करें
- दुर्गा माता का गंगाजल से अभिषेक करें।
- मैया को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें।
- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं।
- घट और कलश स्थापित करें।
- घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं
- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
- पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता की आरती करें।
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
मां सिद्धिदात्री के कई नाम हैं....
- अणिमा
- लघिमा
- प्राप्ति
- प्राकाम्य
- महिमा
- ईशित्व
- वाशित्व
- सर्वकामावसायिता
- सर्वज्ञत्व
- दूरश्रवण
- परकायप्रवेशन
- वाक्सिद्धि
- कल्पवृक्षत्व
- सृष्टि
- संहारकरणसामर्थ्य
- अमरत्व
- सर्वन्यायकत्व
- भावना
- सिद्धि
भक्तों को 19 घंटे दर्शन देंगे रामलला
रामनवमी ( Ram Navami 2024 ) के दिन भक्त 19 घंटे रामलला के दर्शन कर सकेंगे। यहां पर सूर्यवंशी भगवान श्रीराम के माथे पर खुद सूर्यदेव तिलक करेंगे। भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य किरण 12 बजकर 16 मिनट पर करीब पांच मिनट तक पड़ेगी, इसके लिए तकनीकी व्यवस्था की गई है। आज अयोध्या में हेलीकॉप्टर से फूलों की बरसात की जाएगी।
दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा सूर्य तिलक
रामनवमी के खास दिन पर रामलला अपने भक्तों को तड़के साढ़े तीन बजे से दर्शन देना शुरू कर चुके हैं। भक्त रात को 11 बजे कर रामलला के दर्शन कर सकेंगे। दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर सूर्य की किरणें प्रभु के चेहरे का तिलक करेंगी।
राम नवमी के भोग
- पंजीरी
- चावल की खीर
- पंचामृत
- कंदमूल
- केसर भात