/sootr/media/media_files/2025/08/31/solar-eclipse-2025-2025-08-31-15-56-19.jpg)
Solar Eclipse 2025:खगोलविदों और वैज्ञानिकों के मुताबिक, साल 2025 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण अब ज्यादा दूर नहीं है। खगोल विज्ञान के प्रेमियों के लिए यह एक बड़ा मौका होगा क्योंकि यह ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को घटित होगा। इस दौरान चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आएगा जिससे सूर्य का एक हिस्सा ढक जाएगा।
हालांकि, वैज्ञानिकों के मुताबिक यह ग्रहण भारत और दक्षिण एशिया में रहने वाले लोगों के लिए दृश्यमान नहीं होगा क्योंकि इस समय यहां रात का समय होगा। सूर्य ग्रहण 2025 की यह घटना मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में ही नजर आएगी।
आंशिक सूर्य ग्रहण
खगोलविदों के अनुसार, यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जिसका अर्थ है कि सूरज का केवल एक भाग ही चंद्रमा से ढकेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह यह सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकेगा।
यह घटना सिर्फ उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए ही रोमांचक होगी जहां यह दिखाई देगा। भारत में रहने वाले लोग इसे सिर्फ खगोलीय समाचार के रूप में ही जान पाएंगे। हालांकि, इंटरनेट और लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से इसे दुनिया भर में देखा जा सकेगा।
आंशिक सूर्य ग्रहण कब होता है
आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है लेकिन तीनों एक सीधी रेखा में नहीं होते हैं। इसके कारण, चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता और सूर्य का केवल एक हिस्सा ही ढका हुआ दिखाई देता है।
खगोल विज्ञान के मुताबिक, यह एक सामान्य खगोलीय घटना है। यह तब होती है जब चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है।
वहीं ज्योतिषी के मुताबिक, यह एक महत्वपूर्ण घटना है जिसका मानव जीवन पर प्रभाव पड़ता है। इसे अक्सर अशुभ माना जाता है और इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन और शुभ कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
सूर्य ग्रहण का समयखगोलविदों और वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस सूर्य ग्रहण की शुरुआत और समाप्ति का समय भारतीय समयानुसार (IST) इस प्रकार है:
यह जानना महत्वपूर्ण है कि यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप में भी समय के अंतर के कारण दिखाई नहीं देगा। इस घटना की सबसे स्पष्ट दृश्यता न्यूजीलैंड के साउथ आइलैंड के दक्षिणी भाग में होगी। |
वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व
सूर्य ग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है, जिसका वैज्ञानिक अध्ययन खगोलविद करते हैं। यह तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए पृथ्वी तक पहुंचने से रोक देता है।
यह एक प्राकृतिक घटना है, जो खगोल विज्ञान की हमारी समझ को और गहरा करती है। इस बार का सूर्य ग्रहण एक और कारण से खास है।
यह घटना “इक्विनॉक्स ग्रहण” कहलाएगी, क्योंकि यह शरद विषुव के ठीक समय के आसपास हो रही है। विषुव वह क्षण होता है जब दिन और रात की अवधि लगभग बराबर हो जाती है। ग्रहण का इस खगोलीय संयोग पर पड़ना इसे और भी दुर्लभ बनाता है।
वहीं, भारतीय धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है (क्या होता है सूर्य ग्रहण)। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा (भारत में सूर्य ग्रहण), इसलिए यहां पर इसका कोई धार्मिक प्रभाव या सूतक काल मान्य नहीं होगा।
आम तौर पर ग्रहण के समय भोजन-पानी से लेकर पूजा-पाठ तक पर परहेज करने की परंपरा है लेकिन इस बार लोगों को वैसी सावधानियों की जरूरत नहीं होगी।
ये खबर भी पढ़ें...इस दिन लगने जा रहा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, जानें भारत में कब और कहां दिखेगा ब्लड मून
सूर्य ग्रहण देखते समय सावधानियां
जो लोग उन देशों में हैं जहां यह सूर्य ग्रहण दिखेगा, उनके लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है।
नंगी आंखों से न देखें: सूर्य की किरणें आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं, यहां तक कि अंधापन भी हो सकता है।
विशेष ग्लास या फिल्टर का इस्तेमाल करें: केवल प्रमाणित सोलर फिल्टर या विशेष चश्मे से ही ग्रहण देखें। ये चश्मे हानिकारक अल्ट्रावायलेट और इन्फ्रारेड किरणों को रोकते हैं।
मोबाइल/कैमरे से सीधा फोटो न लें: कैमरे के सेंसर और आपकी आंखों दोनों को नुकसान हो सकता है।
बच्चों को अकेला न छोड़ें: उन्हें सही तरीके से सुरक्षित देखने की जानकारी दें और उनकी निगरानी करें।
सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां
आंशिक सूर्य ग्रहण देखते समय क्या करें:
सर्टिफाइड सोलर फिल्टर वाले चश्मे पहनें: यह सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। अपनी आंखों को हानिकारक किरणों से बचाने के लिए ISO 12312-2 मानक वाले प्रमाणित सोलर फिल्टर वाले चश्मे ही पहनें।
सोलर व्यूइंग बॉक्स का उपयोग करें: यह सूर्य ग्रहण देखने का एक सुरक्षित और DIY (खुद से बनाया गया) तरीका है। इसमें सूर्य की परछाई को एक छेद के माध्यम से एक स्क्रीन पर प्रोजेक्ट किया जाता है।
ग्रहण का लाइव टेलीकास्ट देखें: कई मीडिया चैनल और खगोलीय संगठन सूर्य ग्रहण का सीधा प्रसारण करते हैं, जो इसे देखने का एक सुरक्षित विकल्प है।
बच्चों को सुरक्षा नियमों के बारे में समझाएं: सुनिश्चित करें कि बच्चे जानते हैं कि सीधे सूर्य को देखना कितना खतरनाक हो सकता है। उन्हें सही तरीके से ग्रहण देखने के लिए प्रेरित करें।
क्या न करें:
सूर्य को नंगी आंखों से न देखें: सीधे सूर्य की ओर देखने से आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है, इसे 'सोलर रेटिनोपैथी' कहते हैं।
साधारण धूप के चश्मे का उपयोग न करें: सामान्य धूप के चश्मे सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) और अवरक्त (IR) किरणों को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं।
मोबाइल या कैमरे से सीधे फोटो न लें: बिना उचित फिल्टर के मोबाइल या कैमरे से सीधे सूर्य की फोटो लेने से न केवल आपके कैमरे का सेंसर खराब हो सकता है, बल्कि इससे आपकी आँखों को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
बच्चों को अकेले ग्रहण देखने न दें: बच्चों को हमेशा एक वयस्क की देखरेख में ही ग्रहण देखने दें। सुनिश्चित करें कि वे सभी सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
ये खबर भी पढ़ें... मोक्ष का द्वार खोलती है परिवर्तिनी एकादशी, जानें भगवान विष्णु के करवट बदलने की कहानी और पूजा विधि
thesootr links
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧