शादी के कार्ड छप गए! सबसे पहले इन्हें निमंत्रण देने की है परंपरा

शादी का निमंत्रण कार्ड देने की परंपरा में भगवान गणेश को सबसे पहले निमंत्रण देना शुभ माना जाता है। यह न केवल विवाह को सौभाग्यशाली बनाता है, बल्कि परिवार की परंपराओं और आशीर्वाद का सम्मान भी करता है।

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Kaushiki
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शादी का दिन जीवन का सबसे अहम और शुभ दिन होता है। इसे सही तरीके से मनाने के लिए हर परंपरा का पालन करना जरूरी है। ऐसे में शादी के कार्ड को किसे पहले देना चाहिए, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है। इसमें परिवार की भावनाएं जुड़ी होती हैं और यह विवाह समारोह के लिए शुभ शुरुआत का प्रतीक भी होता है। आइए जानें, वे कौन 6 लोग हैं जिन्हें शादी का निमंत्रण सबसे पहले देना चाहिए।

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सबसे पहले भगवान गणेश को दें निमंत्रण कार्ड

धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भगवान गणेश को हर शुभ कार्य की शुरुआत का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। शादी के निमंत्रण कार्ड को सबसे पहले भगवान गणेश के चरणों में रखना चाहिए, ताकि विवाह के सभी कार्य बिना किसी रुकावट के संपन्न हों और खुशहाली आए।

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दूसरा निमंत्रण भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को

भगवान विष्णु का आशीर्वाद एक सुखमय और स्थिर जीवन की ओर अग्रसर करता है। वहीं, मां लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, शादी के पहले निमंत्रण कार्ड को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के चरणों में रखना विवाह को स्थिरता और समृद्धि प्रदान करता है।

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तीसरा निमंत्रण भगवान हनुमान को

भगवान हनुमान को शक्ति, साहस और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। उनका आशीर्वाद शादी के आयोजन को बल और सकारात्मकता से भर देता है। हनुमान जी की पूजा से न केवल विवाह का माहौल सकारात्मक बनता है, बल्कि विवाह समारोह में शक्ति और संयम की भी प्राप्ति होती है।

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चौथा निमंत्रण कुलदेवता और कुलदेवी को

हर परिवार का एक कुलदेवता और कुलदेवी होते हैं जो परिवार की समृद्धि और सुरक्षा के प्रतीक होते हैं। शादी के कार्ड को उनके चरणों में रखना एक पुरानी परंपरा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि विवाह के सभी कार्य शुभ और सही तरीके से संपन्न हों।

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पितरों को समर्पित निमंत्रण कार्ड

पितरों का आशीर्वाद भी विवाह समारोह में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों का सम्मान करने के लिए शादी का निमंत्रण पीपल के पेड़ के नीचे रखा जाता है, जो परिवार की परंपरा और इतिहास का प्रतीक है। पितरों का आशीर्वाद जीवन में शांति, दूरदृष्टि और ज्ञान को बढ़ाता है।

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मामा को दें विशेष निमंत्रण

मामा का विवाह में विशेष स्थान होता है। वे न केवल परिवार का जरूरी हिस्सा होते हैं, बल्कि विवाह समारोह में उनकी भूमिका को भी खास माना जाता है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, मामा को सबसे पहले निमंत्रण देने से परिवार में शुभकामनाएं और सुख-शांति का वातावरण बनता है।

शादी का निमंत्रण कार्ड केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह एक आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक होता है। जब आप इन खास लोगों को पहले निमंत्रण देते हैं, तो यह न केवल शादी को शुभ बनाता है बल्कि परिवार की परंपराओं और आशीर्वाद का सम्मान भी होता है।  lord ganesh ji | धर्म ज्योतिष न्यूज 

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