Vinayak Chaturthi 2025 : शिव-गणेश की कृपा पाने के लिए विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा, मिलेगा दोगुना फल

मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी (विनायक चतुर्थी) जब सोमवार को पड़ती है, तो गणेश जी और शिव जी दोनों का अभिषेक करना अति शुभ होता है। इस दिन व्रत, पंचामृत अभिषेक और मंत्रों का जाप करने से सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।

author-image
Kaushiki
New Update
margashirsha-shukla-chaturthi-vrat-puja-vidhi
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Latest Religious News: धर्म शास्त्रों के मुताबिक सोमवार, 24 नवंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी तिथि है। इसे विनायक चतुर्थी व्रत कहते हैं। यह तिथि इस बार खास है, क्योंकि चतुर्थी के स्वामी गणेश जी हैं और सोमवार के स्वामी भोलेनाथ शिव शंकर हैं।

इस दिन गणेश जी के साथ शिव जी का अभिषेक करने से दोगुना फल मिलता है। चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश जी हैं और सोमवार के स्वामी स्वयं भोलेनाथ शिव शंकर हैं।

इस दिन गणेश जी के साथ ही भगवान शिव की विशेष पूजा-अभिषेक करने से दोगुना फल मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पहले गणेश पूजा करें फिर शिवलिंग पर विराजित चंद्रदेव का अभिषेक करें। ये व्रत सुख-समृद्धि, ज्ञान और सफलता लाता है और चंद्र दोष से भी मुक्ति दिलाता है।

Ganesh Chaturthi 2025: शुभ कार्य की शुरुआत गणेश पूजन से ही क्यों होती है?  जानिए पौराणिक रहस्य - ganesh chaturthi 2025 lord ganesha worshipped first  in every puja tvisc - AajTak

चंद्र दोष निवारण के लिए विशेष पूजा

ज्योतिष की मानें तो इस सोमवार की चतुर्थी पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पूजा करें। उसके बाद भगवान शिव का विधिवत अभिषेक जरूर करना चाहिए। ये महादेव को प्रसन्न करने का बहुत ही उत्तम समय है।

ज्योतिष की मानें तो जिन भक्तों की कुंडली में चंद्र ग्रह से संबंधित दोष होते हैं, उनके लिए यह दिन वरदान साबित हो सकता है। उन्हें विशेष रूप से शिवलिंग पर विराजित चंद्रदेव का अभिषेक करना चाहिए।

अभिषेक करते समय चंद्र मंत्र - "सों सोमाय नमः" का जप करना बहुत ही लाभकारी होता है। यह मानसिक शांति और दोषों के निवारण में सहायक है। इस दिन शिवलिंग पर विराजित चंद्रदेव का अभिषेक करना बहुत शुभ फल देता है। ये उपाय मन की शांति और मानसिक स्थिरता के लिए बहुत लाभकारी माना गया है।

Sawan Katha 20 war of Ganesh ji with bholenath सावन कथा 20: गणेश जी का  जन्म, पिता शंकर जी से युद्ध, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan

गणेश चतुर्थी व्रत की सरल पूजा विधि

विनायक चतुर्थी व्रत के दिन पूजा इस प्रकार करनी चाहिए:

  • सुबह उठना और स्नान: सुबह जल्दी उठें और स्नान करके पवित्र हो जाएं।

  • सूर्य को जल: तांबे के लोटे में जल, कुमकुम, फूल और चावल भरें।

  • मंत्र जाप: "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें।

  • गणेश स्थापना: घर के मंदिर में गणेश प्रतिमा स्थापित करें।

  • पंचामृत अभिषेक: भगवान गणेश को पहले जल और फिर पंचामृत चढ़ाएं।

  • पंचामृत को दूध, दही, घी, शहद और मिश्री मिलाकर बनाना चाहिए।

  • श्रृंगार और भोग: भगवान को सिंदूर, दूर्वा, फूल, चावल, फल और जनेऊ आदि चीजें चढ़ाएं।

  • प्रसाद: प्रसाद में लड्डू और मोदक चढ़ा सकते हैं। आप चाहें तो दूध से बनी मिठाई भी अर्पित करें।

  • संकल्प और जाप: "श्री गणेशाय नमः" मंत्र का जाप करते हुए व्रत का संकल्प लें।

  • पूरे दिन (भगवान गणेश का दिन) अन्न ग्रहण न करें और व्रत में फलाहार, पानी, दूध या फलों का रस ले सकते हैं।

ये खबर भी पढ़ें...

G20 Summit क्यों है ग्लोबल स्टेबिलिटी के लिए मोस्ट इम्पोर्टेन्ट प्लेटफॉर्म, इसके बारे में डिटेल से जानें

भगवान गणेश के 108 नाम और मंत्र, जिनका जाप करते ही पूरी होगी हर मनोकामना -  Lord Ganesh 108 names and mantras chanting which will fulfill every wish

भगवान गणेश के 12 नाम मंत्र

पूजा में भगवान गणेश के 12 नाम मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। ये मंत्र बहुत ही शक्तिशाली माने जाते हैं:

  • ऊँ सुमुखाय नमः

  • ऊँ एकदंताय नमः

  • ऊँ कपिलाय नमः

  • ऊँ गजकर्णाय नमः

  • ऊँ लंबोदराय नमः

  • ऊँ विकटाय नमः

  • ऊँ विघ्ननाशाय नमः

  • ऊँ विनायकाय नमः

  • ऊँ धूम्रकेतवे नमः

  • ऊँ गणाध्यक्षाय नमः

  • ऊँ भालचंद्राय नमः

  • ऊँ गजाननाय नमः

ये खबर भी पढ़ें...

मध्य प्रदेश का अनोखा रामपायली मंदिर, जहां भगवान राम-सीता के साथ होती है बहन की पूजा

Ganesh Chaturthi 2022: Lord Shiva also worshiped the obstacle Ganesha, know  what was the secret | Ganesh Chaturthi 2022 : भगवान शिव ने भी की थी  विघ्नहर्ता गणेश की पूजा, जानें क्या था रहस्य

शिव जी का अभिषेक और पूजा विधि

  • शिवलिंग की स्थापना: 

    स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थान में शिवलिंग को स्थापित करें।

  • अभिषेक: 

    सबसे पहले स्वच्छ जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर गंगाजल, दूध, दही, शहद और घी चढ़ाएं, जिसे पंचामृत कहते हैं। अंत में फिर से जल से अभिषेक करें।

  • सामग्री अर्पण: 

    भगवान शिव को बिल्वपत्र, चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें।

  • मंत्र और भोग: 

    "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें और धूप-दीप जलाएं। भोग में कोई मिठाई अर्पित करें।

  • आरती और क्षमा याचना: 

    अंत में आरती करें। भगवान से अपनी जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। पूजा में चढ़ाई गई दक्षिणा किसी जरूरतमंद को दान कर दें।

इस तरह मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी (भगवान गणेश की कृपा) के दिन विनायक चतुर्थी व्रत करने से गणेश जी और शिव जी दोनों का आशीर्वाद एक साथ मिलता है। इससे जीवन में शुभता आती है।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

ये खबर भी पढ़ें...

नवंबर में कब है Vivah Panchami 2025, इस दिन पूजा करने से मिलेता सौभाग्य और दांपत्य सुख का वरदान

Margashirsha Purnima 2025: कब है साल की आखिरी पूर्णिमा, मां लक्ष्मी की कृपा के लिए इस विधि से करें पूजा

भगवान गणेश भगवान गणेश की कृपा भगवान गणेश का दिन भगवान गणेश की पूजा विनायक चतुर्थी व्रत Latest Religious News
Advertisment