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भारत के विभिन्न देवी मंदिर
नवरात्रि के पावन अवसर पर भारत के विभिन्न देवी मंदिरों में दर्शन करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है। इन मंदिरों में पूजा-अर्चना से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। आइए जानें
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मां वैष्णो देवी का पावन दरबार (जम्मू)
त्रिकूट पर्वत पर स्थित मां वैष्णो देवी का मंदिर धार्मिक महत्व रखता है, जहां माता लक्ष्मी, सरस्वती और काली के साथ विराजमान हैं। नवरात्रि में दर्शन से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं, और यह दर्शन पुण्यदायी माने जाते हैं।
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मां पीतांबरा देवी (मध्यप्रदेश)
दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा देवी का मंदिर चमत्कारी सिद्धपीठ है, जहां मां के विभिन्न स्वरूप दर्शन होते हैं। नवरात्रि में यहां विशेष पूजा होती है और पीले वस्त्रों से मां को भोग अर्पित करने से भक्तों की मुराद पूरी होती है।
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मां त्रिपुर सुंदरी (बिहार)
बिहार के बक्सर में स्थित मां त्रिपुर सुंदरी का मंदिर 400 साल पुराना है, जहां रात में मंदिर से आवाजें आती हैं। यह मंदिर तंत्र-मंत्र का केंद्र माना जाता है, और नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है।
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दुर्गा परमेश्वरी मंदिर (मंगलूरू)
मंगलूरू में स्थित दुर्गा परमेश्वरी मंदिर की खासियत यहां की अग्नि केलि परंपरा है, जहां भक्त अंगारे फेंकते हैं। नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
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मां दंतेश्वरी मंदिर (छत्तीसगढ़)
दंतेवाड़ा में स्थित मां दंतेश्वरी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां मां का दांत गिरने की पौराणिक कथा है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ होती है और यहां दर्शन के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
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दक्षिणेश्वर काली मंदिर (कोलकाता)
कोलकाता के हुगली नदी के किनारे स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्वामी रामकृष्ण परमहंस की कर्मभूमि है। नवरात्रि में यहां देवी काली के दर्शन का विशेष महत्व है और भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
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करणी माता मंदिर (राजस्थान)
राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर चूहों के मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है, जहां भक्तों को चूहों का प्रसाद दिया जाता है। नवरात्रि में यहां भक्तों की भारी भीड़ लगती है और इसे माता के चूहे भी मानते हैं।
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श्रीसंगी कालिका मंदिर (कर्नाटक)
कर्नाटक के बेलगाम में स्थित श्रीसंगी कालिका मंदिर में काली देवी की उपासना की जाती है। यहां वासंतिक और शारदीय नवरात्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, और भक्त खाली हाथ नहीं लौटते।
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नैना देवी मंदिर (नैनीताल)
नैनीताल में स्थित नैना देवी मंदिर शक्तिपीठ है, जहां देवी सती के नेत्र गिरे थे। नवरात्रि में यहां लंबी लाइनें लगती हैं और भक्तों का मानना है कि कोई भी यहां से खाली हाथ नहीं लौटता।
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श्री महालक्ष्मी मंदिर (कोल्हापुर)
कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर एक प्रमुख शक्तिपीठ है, जहां सूर्य भगवान साल में दो बार मां के चरणों को छूते हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष उत्सव होता है और मां की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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ज्वाला देवी मंदिर (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित ज्वाला देवी मंदिर में मां ज्वाला के रूप में पूजा होती है, और यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां जलने वाली जोत प्राकृतिक रूप से जलती रहती है और मां की पूजा से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है।