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योगिनी एकादशी आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस साल योगिनी एकादशी 21 जून 2025 को मनाई जा रही है। यह दिन विशेष रूप से भगवान नारायण की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है।
मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से भगवान नारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन विशेष रूप से जयद योग बन रहा है, जो व्रत करने के महत्व को और बढ़ाता है।
इस व्रत का पालन कर भगवान नारायण के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति के रास्ते भी खोले जा सकते हैं।
🌸 योगिनी एकादशी का महत्व
योगिनी एकादशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
जो व्यक्ति इस दिन व्रत करते हैं, उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है और उनके जीवन के समस्त संकट समाप्त हो जाते हैं। जयद योग का निर्माण इस साल के व्रत में हो रहा है, जो व्रति के लिए अत्यधिक लाभकारी है। व्रत के दौरान सभी सांसारिक इच्छाओं से परे रहते हुए, भक्त केवल भगवान की भक्ति में रत रहते हैं और ध्यान, साधना और पूजा में लीन रहते हैं।
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⏰ व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 को रखा जाएगा। एकादशी तिथि का आरंभ 21 जून को सुबह 6:45 बजे से होगा और यह 22 जून को सुबह 4:27 बजे समाप्त होगी।
इस व्रत के लिए शुभ मुहूर्त 21 जून को सुबह 6:45 बजे से 8:26 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान पूजा और व्रत का संपूर्ण लाभ मिलता है।
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🥗 योगिनी एकादशी पर दान का महत्व
दान का विशेष महत्व इस दिन होता है। योगिनी एकादशी के दिन गेहूं, चावल, कपड़े, और जल का दान करना शुभ माना जाता है।
इसके अलावा, मौसमी फल जैसे आम, सेब या केला का दान भी स्वास्थ्य में सुधार लाता है और जीवन में मिठास बढ़ाता है। खासकर जौ का दान भी इस दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
पारण के दिन यानी 22 जून 2025 को ब्राह्मणों को भोजन कराना और उनके साथ दान करना भी बहुत फलदायी होता है। पारण के समय, जो लोग कठिन व्रत नहीं रख पाते, वे जौ के चूर्ण से पारण कर सकते हैं, जो शुभ माना जाता है।
🚫व्रत में क्या करें और क्या न करें
योगिनी एकादशी का व्रत बहुत कठिन होता है और इसमें कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है:
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इस दिन जल और अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए, अगर आप कठिन व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो फल और जल ले सकते हैं।
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इस दिन नमक और चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
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किसी भी स्थिति में झूठ न बोलें और हिंसा न करें।
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नशे से दूर रहें और ब्राह्मचर्य का पालन करें।
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मन, वचन और कर्म से किसी को दुख न पहुंचाएं और ध्यान, साधना में लीन रहें।
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🙏 कैसे करें योगिनी एकादशी का व्रत?
योगिनी एकादशी के व्रत के दौरान भक्तों को दिनभर पूजा, उपवास और ध्यान करने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करके भगवान विष्णु का ध्यान करें और एकादशी कथा का श्रवण करें।
व्रति को दिनभर साधना और भक्ति में रत रहना चाहिए, और सायंकाल दीप जलाकर पूजा करना चाहिए। शाम को आरती और भगवान विष्णु की विशेष पूजा करें, जिससे सभी सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है।
व्रत के अंत में पारण कर किसी ब्राह्मण या मंदिर में भोजन का दान करें।
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