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हिंदू धर्म में पूजा एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जो हमें मानसिक शांति और भक्ति की दिशा में मार्गदर्शन करती है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक, पूजा का सही समय बहुत मायने रखता है। वैसे तो दिनभर पूजा करना अच्छा माना जाता है, लेकिन शास्त्रों के मुताबिक सुबह का समय पूजा के लिए सबसे शुभ और उत्तम होता है।
इस समय हमारे शरीर और मन की स्थिति पूजा के लिए आदर्श होती है, जिससे भक्ति में गहरी एकाग्रता बनी रहती है और पूजा का प्रभाव अधिक होता है।
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सुबह पूजा करने के लाभ धार्मिक
शांति और ध्यान के लिए आदर्श समय
सुबह का समय शांति और एकाग्रता के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस समय वातावरण में शोर नहीं होता है और मन भी शांत रहता है, जिससे हम बिना किसी विकर्षण के पूजा में पूरी तरह से ध्यान लगा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, सुबह का ताजगी से भरा वातावरण मानसिक शांति को बढ़ावा देता है, जो पूजा के प्रभाव को और अधिक मजबूत बनाता है।
ब्रह्म मुहूर्त का महत्व
ब्रह्म मुहूर्त जो सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है, विशेष रूप से पूजा के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है। शास्त्रों के मुताबिक इस समय वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
वेदों और उपनिषदों में भी ब्रह्म मुहूर्त के महत्व का उल्लेख किया गया है। इस समय ध्यान और साधना से व्यक्ति को मानसिक शांति और संतुलन मिलता है। शास्त्रों में एक श्लोक है -
"प्रात: काले य: पूजाम् करोति भगवान् सदा, सुखं लभते च धर्मं प्राप्नोति न कदाचन"
इस श्लोक का अर्थ है कि जो व्यक्ति प्रात:काल पूजा करता है, वह सुख और धर्म की प्राप्ति करता है और उसे कभी भी कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता।
शरीर और मानसिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव
सुबह का समय शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। शास्त्रों के मुताबिक जब हम सुबह जल्दी उठकर पूजा करते हैं, तो न केवल धार्मिक उन्नति प्राप्त होती है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
इस समय शरीर में ऑक्सीजन की अधिकता होती है, जो मानसिक स्थिति को स्थिर और संतुलित रखती है। कई शोधों से यह भी पाया गया है कि सुबह के समय हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो आत्मिक और शारीरिक संतुलन में मदद करते हैं।
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सुबह पूजा के साथ और कौन-कौन से शुभ काम करें
- मंत्र जाप और ध्यान: पूजा के दौरान मंत्र जप और ध्यान करना बेहद लाभकारी होता है। इनका उच्चारण और साधना से मानसिक शांति मिलती है और हमारी एकाग्रता बढ़ती है, जिससे पूजा का प्रभाव और भी गहरा होता है।
- स्वच्छता और शुद्धता: पूजा से पहले घर और शरीर की सफाई आवश्यक है। शास्त्रों में यह कहा गया है कि पूजा के समय शुद्धता अनिवार्य है, इसलिए स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए।
- आध्यात्मिक साधना: पूजा के साथ ही ध्यान और साधना करना भी अच्छा रहता है। यह समय मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम होता है।
- सकारात्मक सोच और कार्य: पूजा के बाद दिन की शुरुआत सकारात्मक सोच के साथ करें। मानसिक शांति और संतुलन के साथ सारे कार्य करना बेहतर होता है, जिससे दिनभर की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
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सुबह पूजा करने के वैज्ञानिक लाभ
पूजा के समय ध्यान और मंत्रों का उच्चारण मानसिक स्थिति को बेहतर बनाता है। यह न केवल आत्मिक उन्नति के लिए जरूरी है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसका शारीरिक लाभ है।
सुबह का समय वातावरण में ताजगी और शांति लेकर आता है, जो हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
इसके अलावा, सुबह पूजा करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और तनाव भी कम होता है। जब मन शांत और एकाग्र होता है, तो हम अपने दिन की शुरुआत एक नए जोश के साथ करते हैं, जो दिनभर की कार्यक्षमता में मदद करता है।
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