प्रदोष व्रत हिन्दू धर्म में हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए विशेष होता है।
प्रदोष व्रत की संध्या में लोग विधिपूर्वक पूजा करते हैं और दीपक जलाकर शिवजी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
प्रदोष व्रत का पालन करने से आर्थिक सफलता, परिवार में सौहार्द और स्वास्थ्य लाभ होता है। यह व्रत भक्तों के लिए महादेव की कृपा पाने का शुभ अवसर है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रदोष व्रत का विधिपूर्वक पालन करने से भगवान शिव की असीम कृपा मिलती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
ये खबर भी पढ़ें... ज्येष्ठ मास में वट सावित्री व्रत क्यों होता है खास, जानें वट वृक्ष की पूजा विधि और महत्व
प्रदोष व्रत 2025 की तिथि
हिंदू पंचांग के मुताबिक,
- तिथि आरंभ: 24 मई 2025, सुबह 07:20 बजे
- तिथि समाप्ति: 25 मई 2025, दोपहर 03:51 बजे
- व्रत दिवस: 24 मई 2025
ये खबर भी पढ़ें...ज्येष्ठ माह में आते हैं ये प्रमुख व्रत और त्योहार, जानें इस माह से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं
प्रदोष व्रत में क्या करें
मुख्य द्वार पर दीपक जलाना
घर के मुख्य द्वार पर तेल या देसी घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
तुलसी के पास दीपक जलाएं
तुलसी के पौधे के पास देसी घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और धन-लाभ के योग बनते हैं।
स्नान और सूर्य को अर्घ्य दें
प्रदोष व्रत के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत की शुरुआत करें।
दीपदान करें
इस दिन दीपदान करना पितरों को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है और जीवन में खुशहाली लाता है।
ये खबर भी पढ़ें...
क्यों माना जाता है कि एकदंत संकष्टी व्रत से दूर होते हैं सभी संकट?
शत्रु और रोग पर विजय दिलाती हैं मां बगलामुखी, जानें पूजा का मुहूर्त और विधि
प्रदोष व्रत पर पूजन | 2025 के व्रत और त्योहार | धर्म ज्योतिष न्यूज | pradosh | latest news