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बगलामुखी जयंती का आयोजन प्रत्येक वर्ष वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस वर्ष यह विशेष दिन 5 मई 2025, सोमवार को मनाया जाएगा।
पंचांग के मुताबिक, अष्टमी तिथि सुबह 7:18 बजे से 6 मई तक समाप्त होगी, लेकिन उदिया तिथि के आधार पर पूजा 5 मई को की जाएगी। इस दिन मां बगलामुखी की पूजा और साधना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और जीवन के संकटों का निवारण होता है।
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बगलामुखी जयंती का महत्व
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, मां दस महाविद्याओं में से आठवीं महाविद्या मानी जाती हैं। इन्हें शक्ति और विजय की देवी के रूप में पूजा जाता है।
मां की पूजा का मुख्य उद्देश्य शत्रुओं को परास्त करना, युद्ध में विजय प्राप्त करना और न्यायालयों में सफलता प्राप्त करना होता है। उनके पूजन से मनुष्य की सभी बाधाएं दूर होती हैं, और वह सफलता की दिशा में आगे बढ़ता है।
इस दिन विशेष रूप से वृद्धि योग, रवि योग, और सर्वार्थ शिववास योग जैसे योग बन रहे हैं, जो पूजा को और भी प्रभावी बनाते हैं। इन योगों के प्रभाव से संपत्ति में वृद्धि और जीवन में समृद्धि होती है।
मां बगलामुखी की पूजा
मां बगलामुखी की पूजा का इतिहास बहुत पुराना है और यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि, भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों से मां बगलामुखी की साधना करवायी थी।
यही नहीं, पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ब्रह्मा जी ने सबसे पहले सनकादि ऋषियों को बगलामुखी साधना का उपदेश दिया था। बाद में, देव ऋषि नारद, भगवान विष्णु और भगवान परशुराम ने भी इस विद्या की साधना की थी।
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पूजा विधि
- मां के पूजा विधि में पीले रंग का विशेष महत्व है, क्योंकि उनका रंग सोने जैसा पीला है।
- इस दिन साधक पीले कपड़े पहनकर पूजा करते हैं।
- पूजा से पहले हरिद्रा गणपति की पूजा की जाती है, जो इस साधना को सफल बनाने में सहायक होता है।
- इसके बाद, मां बगलामुखी की ध्यान और मंत्र जाप से उनकी कृपा प्राप्त की जाती है।
- पूजा के समय लक्ष्मी मंत्र और बगलामुखी मंत्र का जाप किया जाता है, जो शत्रुओं को परास्त करने और जीवन में विजय प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
उपयोगी योग और मुहूर्त
- इस दिन के दिन कुछ विशेष योग बन रहे हैं जैसे वृद्धि योग और रवि योग।
- वृद्धि योग से जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है, वहीं रवि योग से शांति और सुख का वास होता है।
- सर्वार्थ शिववास योग भी इस दिन बन रहा है, जो सभी प्रकार के कार्यों के लिए शुभ है।
- इन योगों के प्रभाव से मां बगलामुखी की पूजा और भी अधिक फलदायी हो जाती है।
पूजा के लाभ
मान्यता के मुताबिक, इनकी पूजा करने से
- शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है: इस दिन पूजा करने से व्यक्ति के शत्रु परास्त होते हैं और उन्हें सफलता मिलती है।
- न्यायालयों में सफलता: इस दिन विशेष रूप से कोर्ट या कचहरी में चल रहे मामलों में विजय प्राप्त करने के लिए पूजा की जाती है।
- संकटों का निवारण: यह पूजा जीवन के संकटों को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करती है।
- बुरी नजर से मुक्ति: बगलामुखी की पूजा से बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
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