हिंदू धर्म में नवरात्रि का अपना एक महत्व है। हिंदू धर्म के अनुसार 4 तरह की नवरात्रि होती है। चैत्र और शारदीय के अलावा माघ और आषाढ़ में भी नवरात्रि मनाई जाती है। माघ और आषाढ़ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते है। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से शुरू होती है।इस साल 11 जुलाई से नवरात्रि शुरू होगी।
तांत्रिक और सात्विक शक्तियां
इस महीने तांत्रिक सिध्दियों को प्राप्त करने के लिए भक्त गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करते है। इसलिए इस नवरात्रि को तंत्र-मंत्र को सिध्द करने वाली नवरात्रि भी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक विद्याओं को भी सिध्द करने के लिए मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
10 देवियों की पूजा
हिंदू धर्म के अनुसार, चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। जबकि गुप्त नवरात्रि में दुर्गा माता के 10 रूपों की पूजा की जाती है। ये है 10 देवियां, जिनकी पूजा - अर्चना की जाती हैं। मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी , मां छिन्नमस्ताका, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी।
नवरात्रि का मुहूर्त
आषाढ़ घटनास्थापना- 11 जुलाई 2021, घटनास्थापना मुहूर्त- सुबह 05:30 से लेकर 7:47, अवधि- 2 घंटे 16 मिनट, घटस्थापना शुभ मुहूर्त - 11:59 से दोपहर12:54, पक्ष की पहली तिथि शुरू- 10 जुलाई को सुबह 6:46, प्रतिपदा तिथि समाप्ति- जुलाई 11 को सुबह 7:47
पूजा विधि
नवरात्रि शुरू होने के दिन शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करके पूजा शुरू की जाती है। मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र रखकर इनकी पूजा की जाती है। इन्हें सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ीआदि चीजें अर्पित करें। अंतिम दिन हवन आदि करके पूजा समाप्त करें।