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केंद्र सरकार ने एक बहुत ज़रूरी और बड़ा फैसला लिया है। अब देश भर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (Kendriya Vidyalaya) खोले जाएंगे।
यह फैसला इसलिए लिया गया है, ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों- जिनमें हमारे सैनिकों (रक्षा और अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी) के बच्चे भी शामिल हैं। यह डिसीजन बच्चों की बढ़ती पढ़ाई-लिखाई की जरूरतें पूरा करने के उद्देश्य से लिया गया है।
सरकार का यह कदम देश की सबसे भरोसेमंद और शानदार स्कूल शृंखला (यानी केंद्रीय विद्यालयों) के नेटवर्क को और भी मजबूत बनाएगा।
बजट और टाइमटाइन: 5862 करोड़ का इन्वेस्टमेंट
इन 57 नए केंद्रीय विद्यालयों को ज़मीन पर उतारने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा बजट अलॉट किया है। अनुमान है कि अगले नौ साल में (2026-27 से शुरू होकर), इन विद्यालयों के कंस्ट्रक्शन और ऑपरेशन पर लगभग 5 हजार 862 करोड़ 55 लाख रुपए खर्च होंगे।
यह खर्च केंद्र सरकार की शिक्षा के प्रति कमिटमेंट को दर्शाता है, खासकर उसके कर्मचारियों के बच्चों के लिए क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के संबंध में। यह निवेश न केवल नए भवनों के निर्माण में होगा, बल्कि विश्व-स्तरीय (World-Class) शैक्षिक सुविधाएं देने में भी मदद करेगा।
बालवाटिका के साथ KVs का नया अवतार
इस विस्तार का सबसे खास और ऐतिहासिक पहलू यह है कि इन सभी 57 KVs को पहली बार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत बालवाटिका के साथ मंज़ूरी मिली है।
बालवाटिका: शिक्षा की नींव मजबूत
बालवाटिका NEP 2020 द्वारा परिकल्पित 3 साल के बुनियादी स्टेज को संदर्भित करती है, जो प्री-प्राइमरी शिक्षा पर केंद्रित है। इसका अर्थ है कि ये नए केंद्रीय विद्यालय अब कक्षा 1 से ही नहीं, बल्कि 3 साल यानि प्री-प्राइमरी के बच्चों के लिए भी एडमिशन देंगे।
यह पहल बच्चों को खेल-आधारित शिक्षा (Play-based learning) के माध्यम से सीखने के लिए एक मजबूत नींव देगा, जो उनके समग्र विकास के लिए जरूरी है। यह मौजूदा शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है, जो केंद्रीय विद्यालयों (KVs) को मॉडल स्कूलों के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और कदम है।
केंद्रीय विद्यालय योजना का इतिहास
केंद्रीय विद्यालय योजना की शुरुआत नवंबर 1962 में की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य रक्षा और अर्धसैनिक बलों सहित केंद्र सरकार के ट्रांस्फ़ेरेबल और नॉन-ट्रांस्फ़ेरेबल कर्मचारियों के बच्चों की एजुकेशनल ज़रूरतों को पूरा करना था। इसके बाद, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) की एक इकाई के रूप में केंद्रीय विद्यालय संगठन की स्थापना की गई।
वर्तमान नेटवर्क की ताकत
वर्तमान में, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) का नेटवर्क काफी बड़ा है।
देश भर में 1288 केंद्रीय विद्यालय काम कर रहे हैं।
इनमें 3 विदेशी केंद्रीय विद्यालय भी शामिल हैं, जो मास्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं।
30 जून 2025 तक, इन KVs में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या करीब 13.62 लाख है।
केंद्रीय विद्यालयों (KVs) को हमेशा से ही अपनी हाई-क्वालिटी एजुकेशन और स्टैण्डर्ड करिकुलम के लिए जाना जाता रहा है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए देश के किसी भी हिस्से में बच्चों की शिक्षा को सुचारू बनाने में मदद करता है।
KVs को मॉडल स्कूल बनाने की पहल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने एक और मील का पत्थर स्थापित किया है। देश भर के 913 KVs को पहले ही पीएम श्री स्कूल के रूप में नॉमिनेटेड किया जा चुका है।
इन नए केंद्रीय विद्यालयों के खुलने से देश के विभिन्न क्षेत्रों में केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अपने बच्चों के लिए क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने में बड़ी मदद मिलेगी।
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