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भिंड. मध्य प्रदेश में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं शुरू हो गईं हैं। इसी क्रम में भिंड जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने अजीबोगरीब आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि परीक्षा के समय में प्राइवेट कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों को थाने में बैठना होगा। इस फरमान की प्रदेशभर में चर्चा हो रही है और शिक्षक भी नाराज दिखाई दे रहे हैं। जाहिर है कि शिक्षकों को अपराधियों की तरह परीक्षा अवधि के दौरान थाने में बैठाना कतई सही नहीं कहा जा सकता। इसके आदेश के बाद जिला प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अधिकारी का अनोखा आदेश : मध्यप्रदेश का भिंड (Bhind) जिला दशकों से किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बना रहा है। यदि बात बोर्ड परीक्षाओं (Board Exams) में नकल (Copying) की करें तो जिले की छवि किसी से छिपी नहीं है। हालांकि, बीते कुछ सालों में नकल के मामलों में काफी सुधार हुआ है। जिला प्रशासन नकल रोकने को लेकर शत-प्रतिशत दावे करता रहा है। लेकिन इन दावों के बीच जिला शिक्षा अधिकारी हरिभवन सिंह तोमर (Haribhavan Singh Tomar) का ये आदेश कुछ और ही कह रहा है। उन्होंने सभी विकासखंड अधिकारियों (BEO) को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे सभी शिक्षकों की सूची एसडीएम से अनुमोदन लेकर जारी की जाए, जो निजी कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाते हैं। ऐसे सभी टीचरों को परीक्षाओं के दिन थाने में उपस्थित होने के निर्देश दिए जाने का आदेश दिया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी के फरमान की कॉपी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
आदेश की कॉपी वायरल: डीईओ (DEO) ने ये तुगलकी आदेश 11 फरवरी को निकाला था, जिसकी कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी है। इसके बाद लोगों ने आदेश पर आपत्ति जताई। क्योंकि ऐसे शिक्षक जो बच्चों को कोचिंग देते हैं। पढ़ाते हैं। उन्हें अपराधियों के सामान थानों में उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया जाना सही नहीं है।
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ देगा ज्ञापन: मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष लहरिया ने इस मामले पर कहा कि शिक्षकों को परीक्षा के दौरान थाने में बैठाना अपमानजनक है। यदि कोई शिक्षक किसी विषय का जानकार है, तो यह उसका अपराध नहीं है। यदि प्रशासन के पास कोई सबूत है कि कोई शिक्षक नकल कराता है, तो प्रशासन उस पर कानूनी कार्रवाई करे। इस आदेश का मैं विरोध करता हूं। ज्ञापन के माध्यम से इस मामले को शिक्षा मंत्री तक पहुंचाऊंगा।
कलेक्टर ने ये कहा: इस आदेश पर भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस (Satish Kumar S) का कहना है कि पहले भी इस तहर की व्यवस्थाएं की जाती रहीं हैं। पेपर वाले दिन संबंधित विषय के शिक्षकों को अलग से बैठाते रहे हैं। नकल रोकने का यह भी एक तरीका रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि थाने की जगह अन्य जगह पर शिक्षकों को बैठाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आदेश में संशोधन किया जाएगा। लेकिन यह व्यवस्था जारी रहेगी। वहीं, भिंड के एडिशनल एसपी कमलेश कुमार का कहना है कि पुलिस के पास इस तरह का कोई आदेश नहीं आया है।