नवनियुक्त शिक्षकों की नौकरी से खतरा टला, सरकार ने बढ़ाई पात्रता परीक्षा की अवधि

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नवनियुक्त शिक्षकों की नौकरी से खतरा टला, सरकार ने बढ़ाई पात्रता परीक्षा की अवधि

भोपाल. मध्यप्रदेश राजपत्र पर शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैलिडिटी बढ़ाई जाने का आदेश पारित हुआ है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों (MP Govt Schools) में हाल ही में नियुक्त किए गए करीब 12 हजार 269 शिक्षकों की नौकरी खतरे (Teachers Job in Danger) में पड़ सकती थी। इसकी वजह शिक्षक भर्ती 2018 के रिजल्ट की वैधता (Validity of Result) की अवधि बढ़ाने के लिए समय पर संशोधन जारी नहीं करना था। सरकार की इस लापरवाही के कारण यह मामला कानूनी पेंच में फंस सकता था। लेकिन अब नहीं फंसेगा। क्योंकि शिक्षक भर्ती 2018 के रिजल्ट की वैधता (Validity of Result) की अवधि बढ़ा दी है। कानून के जानकारों के अनुसार, शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा की वैधता खत्म होने के बाद नया नोटिफिकेशन जारी नहीं करना और समय सीमा में नियुक्ति नहीं करने से उम्मीदवारों की उम्मीदवारी भी समाप्त हो सकती थी। इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय विभाग ने जिम्मेदारी के साथ पात्रता परीक्षा की वैधता बढ़ा दी है। ऐसे में मप्र में उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षक भर्ती की वेटिंग लिस्ट में शामिल उम्मीदवारों को नियुक्ति मिलने की संभावना बढ़ी है।



आदेश की कॉपी



यह है नियम: भर्ती के लिए नियमावली के अनुसार परीक्षा का रिजल्ट आने के डेढ़ साल तक पात्रता की वैधता रहती है। शासन चाहे तो इसे छह माह तक बढ़ा सकता है। शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट अगस्त 2020 में आया था। राज्य सरकार ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा आयोजित परीक्षा की वैलिडिटी दो साल से बढ़ाकर तीन साल कर दी गई है। मध्यप्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा क्वालिफाई कर चुके उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है। राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक सेवा) शर्ते भर्ती नियम 2018 में संशोधन किया है।



यह है पूरा मामला: बता दें कि 2018 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 30 हजार पदों के लिए आयोजित की थी। कोविड के कारण दो साल से नियुक्ति प्रक्रिया लटकी रही। इसमें से 12,043 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है। अब चयनित शिक्षक विभाग से लेकर मंत्री के बंगले पर धरना दे रहे हैं। वहीं चयनित शिक्षकों ने कहा कि विभाग ने 11 विषयों पर 27 फीसद ओबीसी आरक्षण पर नियुक्ति दे दी, लेकिन पांच विषयों पर ओबीसी आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है। अब विभाग इस बात से इंकार कर रहा है कि 11 विषयों की ओबीसी वालों की प्रतिक्षा सूची जारी नहीं होगी। यही कारण है कि प्रतिक्षा सूची जारी नहीं हो रही है।


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