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भारत तेजी से डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा है। यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक अलग अलग फील्ड में क्रांति ला रही है। NASSCOM की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2026 तक IT और AI सेक्टर में लगभग 10 लाख नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है।
इनमें AI डेवलपमेंट, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सिक्योरिटी और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय की रिपोर्ट ‘भारत की AI क्रांति: विकसित भारत के लिए रोडमैप’ के मुताबिक, 2026 तक देश में लगभग 10 लाख कुशल AI पेशेवरों की जरूरत हो सकती है।
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सरकार की पहल
- केंद्र सरकार ने ‘डिजिटल इंडिया 2.0’ योजना के तहत AI को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें,
- 50 नए AI ट्रेनिंग सेंटर (AI Training Centers) स्थापित करना
- 30 इनक्यूबेशन लैब्स (Incubation Labs) की शुरुआत
- हर राज्य में AI हैकथॉन (Hackathons) और तकनीकी प्रतियोगिताएं आयोजित करना शामिल है।
- यह कदम युवाओं को नई तकनीकों के लिए तैयार करने और रोजगार के मौके देने के लिए हैं।
उद्योगों में AI का विस्तार
Infosys, TCS, Wipro जैसी भारतीय कंपनियां और Google, Microsoft, Amazon जैसे वैश्विक दिग्गज भारत में AI हब बनाने में निवेश कर रहे हैं।
Google ने हैदराबाद में AI रिसर्च सेंटर खोल रखा है, जबकि Microsoft ने बेंगलुरु में AI स्टार्टअप इनक्यूबेशन प्रोग्राम शुरू किया है। इससे न केवल रोजगार मिलेगा बल्कि भारत की तकनीकी प्रतिस्पर्धा भी मजबूत होगी।
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शिक्षा प्रणाली में बदलाव
रिपोर्ट में बताया गया है कि उच्च शिक्षा, विशेषकर इंजीनियरिंग क्षेत्र में बड़े बदलाव हो रहे हैं ताकि AI आधारित नौकरी बाजार की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसमें
- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने 2025-26 के लिए बीटेक सीटों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि की है।
- बीटेक सीटों की इस वृद्धि का मुख्य कारण कंप्यूटर विज्ञान, AI/मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा, डेटा विज्ञान, क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसे तकनीकी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से अधिक सीटों का विस्तार है।
- भारत का तकनीकी शिक्षा क्षेत्र अब इंटरडिसिप्लिनरी और इंडस्ट्री -इंटीग्रेटेड लर्निंग सिस्टम की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यह परिवर्तन इंजीनियरिंग छात्रों को कोडिंग, नवाचार, और सहयोग के लिए बेहतर तैयार कर रहा है।
- शिक्षा प्रणाली में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (STEM) के साथ कला (Arts) को जोड़ने का चलन बढ़ रहा है ताकि रचनात्मकता और तकनीकी दक्षता दोनों को बढ़ावा मिल सके।
- विश्वविद्यालयों में AI और डेटा साइंस को मुख्य विषय बनाया जा रहा है।
- IIT, NIT और IIIT जैसे संस्थान AI और रोबोटिक्स के विशेष कोर्स चला रहे हैं।
- NCERT स्कूल स्तर पर AI शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी में है।
- यह शिक्षा प्रणाली युवाओं को भविष्य की तकनीकी मांगों के लिए तैयार करेगी।
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युवाओं के लिए अवसर
आज का युवा टेक-सेवी (Tech-Savvy) है, ऑनलाइन कोर्स (Online Courses) जैसे Coursera, Udemy और YouTube के जरिए AI, Python जैसी नई भाषाएं सीख सकता है।
PMKVY और NASSCOM के FutureSkills जैसे कौशल विकास कार्यक्रम निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं। युवा अब केवल नौकरी की तलाश नहीं कर रहे बल्कि स्टार्टअप शुरू करने और भारत को एक तकनीकी महाशक्ति बनाने में योगदान देने के लिए प्रेरित हैं।
NASSCOM क्या है
NASSCOM का पूरा नाम है "National Association of Software and Service Companies" है। यह भारत की एक बड़ी संगठन है जो आईटी और सॉफ्टवेयर कंपनियों का रिप्रजेंटेशन करती है। NASSCOM का काम है भारत में तकनीकी उद्योग को बढ़ावा देना और कंपनियों को मदद करना।
ऐसे में यह नई तकनीकों, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल तकनीक, को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाती है। NASSCOM भारत के आईटी क्षेत्र के विकास में इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करती है और देश के युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके बनाने में मदद करती है।
FAQ
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