अब गांव गांव पहुंचेगा AI, 10 लाख लोगों को सरकार फ्री में सिखाएगी AI स्किल्स

सरकार ने AI की अहमियत को समझते हुए CSC के जरिए 10 लाख लोगों को मुफ्त AI ट्रेनिंग देने का ऐलान किया है। गांवों को डिजिटल बनाने और IndiaAI मिशन को मजबूत करने के लिए यह एक बड़ा कदम है।

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Kaushiki
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भारत में डिजिटल क्रांति को एक नया आयाम देने के लिए भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को गांव-गांव तक पहुंचाने का फैसला किया है।

बुधवार 16 जुलाई कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के 16वें स्थापना दिवस के मौके पर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक जरूरी अनाउंसमेंट की।

उन्होंने बताया कि सरकार अपने AI मिशन के तहत देश भर में 10 लाख लोगों को फ्री AI ट्रेनिंग देगी, जिसमें विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर को प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूत करेगा और गांवों में डिजिटल एम्पावरमेंट को बढ़ावा देगा। आइए जानें इसके बारे में...

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फ्री AI ट्रेनिंग

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने CSC के 16वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि सरकार का लक्ष्य अपने AI मिशन के तहत कम से कम 10 लाख लोगों को ट्रैन करना है।

इस ट्रेनिंग में, 5.5 लाख VLEs (Village Level Entrepreneurs) को प्राथमिकता दी जाएगी। ये VLEs वही इंटरप्रेन्योर  हैं जो CSC यानी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से गांवों में विभिन्न प्रकार की डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।

वैष्णव जी ने VLEs के सामने आने वाली दिक्कतों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि सरकार इन समस्याओं को दूर करने और लोगों तक सभी सेवाओं को स्मूथली पहुंचाने के लिए एक एकीकृत सेवा मंच (Unified Integrated Service Platform) तैयार कर रही है। इस पहल से गांवों में सेवाओं की डिलीवरी और भी आसान हो जाएगी।

गांवों को बनाएंगे डिजिटल एम्पावरमेंट

सरकार की यह पहल गांवों में डिजिटल एम्पावरमेंट को बढ़ावा देगी। VLEs की स्किल्स में सुधार होगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी सीधे गांवों तक पहुंचेगी।

यह कदम डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। आजकल बड़े-बड़े जानकार यह बात कह रहे हैं कि आने वाला समय AI का है।

ऐसे में, जिस देश के लोग AI के साथ जितना ज्यादा घुल-मिल जाएंगे उन्हें आने वाले समय में उतनी ही तेजी से आगे बढ़ने में आसानी होगी।

रूरल लेवल पर इस तरह की पहल बेहद काम आ सकती है, क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि भारत का कंट्रीसाइड भी टेक्नोलॉजी की दौड़ में पीछे न रह जाए।

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सरकार का इंडिया AI मिशन

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भारत सरकार ने पूरे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से इंडिया AI मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के लिए 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट भी तय किया गया है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य देश में AI तकनीक से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, अपनी खुद की स्वदेशी AI तकनीक विकसित करना, युवाओं को AI की ट्रेनिंग देना और नए AI स्टार्टअप्स को आर्थिक मदद देकर आगे बढ़ाना है। कुल मिलाकर, यह मिशन भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

CSC, डिजिटल इंडिया की रीढ़

इस AI मिशन में कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) एक खास हिस्सा है। CSC को साल 2006 में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत शुरू किया गया था।

जानकारी के लिए बता दें कि CSC देश के गांव-गांव में डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का काम करते हैं और अब डिजिटल इंडिया अभियान की रीढ़ बन चुके हैं।

सरकार का मकसद है कि इन सेंटर्स के जरिए AI जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को ग्रामीण भारत तक पहुंचाया जाए, जिससे गांवों में भी टेक्नोलॉजी से जुड़ा विकास तेज हो सके।

कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) भारत सरकार की एक जरूरी पहल है जो ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में नागरिकों को विभिन्न ई-गवर्नेंस और प्रोफेशनल सर्विसेज देती है। 2006 में MeitY के तहत स्थापित, CSCs ने डिजिटल इंडिया अभियान को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका निभाई है।

CSCs की कुछ मेजर सर्विसेज

  • सरकारी सेवाएं (G2C): आधार नामांकन और अपडेट, पैन कार्ड आवेदन, पासपोर्ट सेवाएं, मतदाता पहचान पत्र संबंधित सेवाएं।
  • बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: बैंक खाता खोलना, पैसे निकालना/जमा करना, बीमा योजनाएं, पेंशन सेवाएं।
  • शिक्षा और कौशल विकास: ऑनलाइन कोर्सेज, डिजिटल लिटरेसी प्रोग्राम्स, कौशल प्रशिक्षण (skill training)।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य परामर्श।
  • उपयोगिता बिल भुगतान: बिजली, पानी, मोबाइल और डीटीएच बिल भुगतान।
  • कृषि सेवाएं: कृषि संबंधी जानकारी, मिट्टी परीक्षण।
  • अन्य सेवाएं: IRCTC टिकट बुकिंग, Grameen eStore, कानूनी सहायता Tele-Law के माध्यम से।

आज लगभग 5.5 लाख CSCs देश भर में काम कर रहे हैं, जो लाखों VLEs के तहत चलाए जा रहे हैं। ये VLEs लोकल इंटरप्रेन्योर होते हैं जो अपनी कम्युनिटी नीड्स को समझते हैं और वैसी ही सर्विसेज प्रोवाइड करते हैं। CSCs ने डिजिटल डिवाइड को कम करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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AI का फ्यूचर

सरकार की यह पहल दर्शाती है कि भारत AI को केवल शहरों तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि इसे देश के हर कोने, खासकर गांवों तक पहुंचाना चाहता है।

VLEs को AI ट्रेनिंग देने से न केवल उनकी अपनी स्किल्स बढ़ेंगी, बल्कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में AI साक्षरता के कर्रिएर भी बनेंगे। यह एक ऐसा कदम है जो भारत को AI के क्षेत्र में एक वैश्विक शक्ति बनाने के साथ-साथ ग्रामीण भारत को भी सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएगा।

यह निश्चित रूप से डिजिटल इंडिया के अगले चरण की शुरुआत है, जहां टेक्नोलॉजी का उपयोग केवल सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए नहीं, बल्कि नए कौशल विकसित करने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए किया जाएगा।

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