सीएम राइज स्कूलों का बोर्ड कक्षाओं का बिगड़ा रिजल्ट, कई स्कूलों में 50 फीसदी तक स्टूडेंट नहीं हुए पास

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Rahul Sharma
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सीएम राइज स्कूलों का बोर्ड कक्षाओं का बिगड़ा रिजल्ट, कई स्कूलों में 50 फीसदी तक स्टूडेंट नहीं हुए पास

BHOPAL. मध्यप्रदेश में सीएम राइज स्कूलों के दावों की हवा एक साल में ही निकल गई है। सीएम राइज स्कूल अपनी पहली परीक्षा में ही फेल होते नजर आ रहे हैं। एक साल पहले 17 जून 2022 को प्रदेश में 274 सीएम राइज स्कूलों को काफी होहल्ले के साथ शुरू किया गया। सरकारी प्रचार ऐसा हुआ मानो इन स्कूलों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में नई क्रांति आ गई हो, पर हकीकत इसके उल्ट रही। हाल ही में एमपी बोर्ड के रिजल्ट ने सीएम राइज स्कूलों के दावों की हवा निकाल दी। सीएम राइज स्कूलों की बोर्ड कक्षाओं का रिजल्ट पूरी तरह से बिगड़ गया। प्रदेश में 274 सीएम राइज स्कूल हैं। द सूत्र ने इनमें से कुछ जिलों के रिजल्ट की पड़ताल की तो पता चला कि कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें 50 फीसदी स्टूडेंट भी पास नहीं हो सके हैं। 



क्या किए गए थे दावे



29 अक्टूबर 2022 को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीएम राइज स्कूलों के भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया था। उस दौरान इन स्कूलों को लेकर बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं। सभी सुविधाओं से लैस इन स्कूलों के भवन निर्माण के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। दावा ये कि प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं इनमें मिलेंगी। स्वीमिंग पुल, खेल मैदान होंगे। पढ़ाई भी प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर होगी। योग्य शिक्षक इन स्कूलों में पढ़ाएंगे। जाहिर सी बात है कि सीएम राइज स्कूलों के भवन जब बनेंगे, तब बनेंगे, गुणवत्ता कितनी अच्छी होगी यह तो तब ही पता चल सकेगा, पर बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट ने इन स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था की पोल करके रख दी है। 



यह है सीएम राइज स्कूल बोर्ड परीक्षा रिजल्ट के हाल



50 फीसदी से कम 10वी कक्षा के रिजल्ट वाले स्कूल




  • सीएम राइज स्कूल खिरकिया (हरदा) — रिजल्ट 24%


  • सीएम राइज स्कूल पचमढ़ी (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 29%

  • सीएम राइज स्कूल बनखेड़ी (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 31%

  • सीएम राइज स्कूल सोहागपुर (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 40%

  • सीएम राइज स्कूल पिपरिया (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 40%

  • सीएम राइज स्कूल माखननगर (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 42%

  • सीएम राइज स्कूल करोंद (भोपाल) — रिजल्ट 43%

  • सीएम राइज स्कूल डबरा (ग्वालियर) — रिजल्ट 48%

  • सीएम राइज स्कूल घाटीगांव (ग्वालियर) — रिजल्ट 49%



  • 50 फीसदी से कम 12वी कक्षा के रिजल्ट वाले स्कूल




    • सीएम राइज स्कूल माखननगर (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 23%


  • सीएम राइज स्कूल सिवनीमालवा (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 24%

  • सीएम राइज स्कूल बनखेड़ी (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 29%

  • सीएम राइज स्कूल करताना (हरदा) — रिजल्ट 34%

  • सीएम राइज स्कूल डबरा (ग्वालियर) — रिजल्ट 36%

  • सीएम राइज स्कूल सोहागपुर (नर्मदापुरम) — रिजल्ट 39%

  • सीएम राइज स्कूल खिरकिया (हरदा) — रिजल्ट 45%

  • सीएम राइज स्कूल अबगांवकला (हरदा) — रिजल्ट 45%

  • सीएम राइज स्कूल घाटीगांव (ग्वालियर) — रिजल्ट 45%



  • इतने तामझाम के बाद भी क्यों बिगड़ा रिजल्ट



    द सूत्र ने सिर्फ कुछ जिलों के उदाहरण दिए हैं, अमूमन कई जिलों में सीएम राइज स्कूलों के रिजल्ट की यही स्थिति है। यह हालत तब है जब सीएम राइज स्कूल में नियुक्त शिक्षकों को पहले विभागीय परीक्षा से होकर गुजरना पड़ा था। इन्हें ट्रेनिंग भी दी गई। स्कूल की पढ़ाई डिस्टर्ब न हो इसलिए शासन ने यह तक किया कि सीएम राइज स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा किसी अन्य जिम्मेदारी में नहीं लगाया जाएगा। बावजूद इन सबके बोर्ड परीक्षा 2023 में यह स्कूल कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल खड़े होना लाजमी है।  



    कई स्कूलों को भेजे गए नोटिस



    सूबे के जिन सीएम राइज स्कूलों का रिजल्ट 50 फीसदी तक भी नहीं आया है, शासन ने उन्हें नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण भी मांगा है। अभी कई स्कूलों ने अब तक अपना जवाब सबमिट नहीं किया है, लेकिन खराब रिजल्ट का कारण कुछ स्कूल बच्चों के नियमित कक्षा में नहीं आना बता रहे हैं। वहीं खराब रिजल्ट के पीछे वजह कुछ स्कूलों में एक साल बीत जाने के बाद भी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाने बताई जा रही है। जब इस विषय में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से बात करना चाही तो उन्होंने यह कहते हुए बात करने से मना कर दिया कि वे खराब रिजल्ट का कारण रिजल्ट घोषित होने के समय ही बता चुके हैं। हालांकि ये बात और है कि उस समय मंत्री ने केवल ओवरआल 12वी का रिजल्ट खराब होने की वजह कोरोना को बताया था, जिसमें सीएम राइज स्कूल का कहीं कोई जिक्र नहीं था।  

     


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