Board Exam Update : अब दो बार होगी 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा, JEE की तर्ज पर होगी परीक्षा
शिक्षा मंत्रालय ने अगले शैक्षणिक सत्र 2025-26 से दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने को लेकर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने की जानकारी दी।
Board Exam Update : उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी दी गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ( Dharmendra Pradhan ) ने शुक्रवार को 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार ( 10th and 12th board exams twice a year ) आयोजित करने की सहमति दी है। बोर्ड परीक्षा फरवरी और अप्रैल में होगी। इन परीक्षाओं को जेईई की तर्ज पर कराने पर सहमति बनी है।
इस तर्ज पर होगी परीक्षा
दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं सत्र 2025 - 26 से साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। छात्रों को दोनों परीक्षाओं में शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अंतिम स्कोर माना जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने के लिए वैसे तो दो फॉर्मूला तैयार किया गया है। पहला फॉर्मूला जेईई की तर्ज पर है, जिसमें छात्र दो बार परीक्षा दे सकते हैं। दूसरा फॉर्मूला सेमेस्टर यानी छह-छह महीने में परीक्षा कराने का है। हालांकि, अब तक जेईई की तर्ज पर ही इसे कराने को लेकर सहमति बनी है।
इसे बेहतर तरीके से अमल में लाने को लेकर मंत्रालय की सीबीएसई सहित दूसरे शिक्षा बोर्डों के साथ ही चर्चा चल रही है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस पहल से छात्रों का तनाव कम होगा और उनके पास बेहतर प्रदर्शन करने का एक और मौका होगा। साथ ही अगर किसी छात्र का पहली बार में पेपर खराब हो जाता है, तो वह दूसरी बार परीक्षा दे सकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद अब बारहवीं के परीक्षा मे देरी के चलते ऐसे बच्चों के दाखिले को लेकर उठ रहे सवाल भी खत्म हो गए, क्योंकि अब कोई बच्चा पहले सत्र में यानी जुलाई-अगस्त में प्रवेश लेने से वंचित रह जाता है, तो अब वह नई व्यवस्था के तहत दूसरे सत्र यानी जनवरी-फरवरी में भी दाखिला ले सकेगा। उसे अब प्रवेश के लिए एक साल का इंतजार नहीं करना होगा।
दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह भी साफ किया है कि सीयूईटी के आधार पर दोनों ही सत्रों में छात्रों को प्रवेश मिलेगा। दूसरे सत्र में प्रवेश के लिए उन्हें अलग-अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी। मौजूदा समय में उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए छात्रों को सीयूईटी परीक्षा देनी होती है।