शिक्षकों के पद में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर डीपीआई दफ्तर के बाहर गड़े तंबू, प्रदर्शनकारी बोले- इस वादाखिलाफी का चखाएंगे मजा

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Rahul Sharma
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शिक्षकों के पद में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर डीपीआई दफ्तर के बाहर गड़े तंबू, प्रदर्शनकारी बोले- इस वादाखिलाफी का चखाएंगे मजा

अजय छाबरिया, BHOPAL. राजधानी भोपाल में प्रदर्शन कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार ऐसा पहली बार हुआ जब लोक शिक्षण संचालनालय यानी डीपीआई धरना-प्रदर्शनों का अखाड़ा बन गया है। डीपीआई दफ्तर के बाहर एक-दो नहीं बल्कि चार संगठन अलग-अलग तंबू गाड़कर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं। वजह है 12 साल बाद प्रदेश में हो रही शिक्षक भर्ती। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार अपनी जुबान से पलट गई है और शिक्षकों के पदों में बढ़ोत्तरी नहीं कर युवाओं के भविष्य से खेल रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस वादाखिलाफी का हम चुनाव में मजा चखाएंगे।



डीपीआई दफ्तर की बाउंड्री को तंबूओं ने घेरा



शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर बारिश के बीच भी धरने पर डटे हुए हैं। आलम यह है कि डीपीआई दफ्तर की बाउंड्री को तंबूओ ने घेर लिया है। चेतक ब्रिज की ओर से जब गौतम नगर स्थित डीपीआई की ओर जाते हैं तो सबसे पहला तंबू प्राथमिक शिक्षक यानी वर्ग 3 के अभ्यर्थियों का है वे यहां धरना दे रहे हैं। डीपीआई इंट्रेंस गेट के बाद आपको दूसरा तंबू दिखेगा ये ओबीसी अभ्यर्थियों का तंबू है, जहां ये महीनों से बैठे हुए हैं। इससे चंद कदम दूरी पर आपको दूसरा तंबू दिखाई देगा जो वर्ग-2 के अभ्यर्थियों का प्रदर्षन स्थल है। वहीं चैथे तंबू में वर्ग-1 के अभ्यर्थियों प्रदर्शन कर रहे हैं।  



वर्ग 3 के अभ्यर्थियों की मांग-51 हजार पदों पर हो भर्ती



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प्राथमिक शिक्षक यानी वर्ग 3 की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यार्थियों की मांग है कि सरकार को खाली पदों के हिसाब से 51 हजार पदों पर तीसरी काउंसलिंग के आधार पर भर्ती करनी चाहिए। अभ्यार्थी अनुराधा दांगी का कहना है कि 1 दिसम्बर 2022 के राजपत्र के अनुसार प्राथमिक शिक्षक के सवा लाख पद खाली है, हमारे शिक्षा मंत्री को इस पर होमवर्क की जरुरत है। शिक्षा मंत्री एक बार राजपत्र को पढ़े और उसके बाद मीडिया में आकर यह ब्यान दे की हमारे पास पद नहीं है। प्राथमिक शिक्षक भर्ती उत्तीर्ण अभ्यार्थी राजाराम राजपाली का कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक यह धरना चलता रहेगा। 



ओबीसी अभ्यर्थी बोले- 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर हो भर्ती 



मध्य प्रदेश उच्च माध्यमिक यानी वर्ग 1 और माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग 2 में भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की मांग है कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण के आधार पर पदों पर भर्ती की जाए। अभ्यर्थी अनिल सिंह ने कहा कि 27 फीसदी पदों पर आरक्षण का कोई भी स्टे कोर्ट में नहीं है। सरकार बेबकूफ बना रही है। चुनाव में चार माह बांकि है और ओबीसी शिक्षकों की 5 हजार की टीम है यह टीम प्रत्येक विधानसभा में जाकर सरकार के खिलाफ प्रचार-प्रसार करेंगे।



वर्ग 2 के अभ्यर्थियों ने कहा- शेष रहे 2237 पदों पर हो भर्ती



बालाघाट से धरने में शामिल हुई संध्या उइके का कहना है कि माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग 2 की भर्ती में पहली और दूसरी काउंसलिंग के जो पद शेष है उनको जोड़ते हुए तीसरी काउंसलिंग के माध्यम से सभी पदों को भरा जाए। माध्यमिक शिक्षक भर्ती के अंतर्गत सभी वर्गों के कुल शेष रहें 2237 पदों पर चयन सूची जारी की जाए। माध्यमिक शिक्षक भर्ती के उपेक्षित विषयों जैसे हिंदी, उर्दू, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत के पदों में वृद्धि की जाए। 



वर्ग 1 के अभ्यर्थियों का सवाल- पद रिक्त नहीं तो दोबारा परीक्षा क्यों हो रही 



उच्चतर माध्यमिक शिक्षक यानी वर्ग 1 की पात्रता परीक्षा पास अभ्यार्थी 18 मई से डीपीआई के सामने धरने पर बैठे हुए है। परीक्षा पास अभ्यार्थियों की मांग है कि पहली कांउसलिंग के शेष रिक्त पदों को तीसरी काउंसलिंग के माध्यम से भरा जाए। अभ्यर्थी अर्जुन सिंह कुशवाह ने कहा कि अगर विभाग के पास पद रिक्त नहीं है तो 2023 में भर्ती परीक्षा क्यों आयोजित करवाई जा रही है। जब पद रिक्त है तो 2018 की शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यार्थी भी मौजूद है, तो उन्हीं से भर्ती कर लेनी चाहिए।



अभ्यर्थियों की मांग पर मंत्री का जवाब- जितने पद पर भर्ती करना थी वो कर ली गई है



धरने पर बैठे शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थियों की मांग के संबंध में जब स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से बात की तो उन्होंने कहा कि 2018 की विज्ञप्ति में जितने पद निकाले गए थे, उन सभी पदों पर भर्ती पूरी कर ली गई है। इसमें ओबीसी को भी 27 फीसदी आरक्षण दिया गया है। केवल चार सब्जेक्ट पर कोर्ट का स्टे लगा हुआ है, जिसकी वजह से 13 फीसदी पदों को होल्ड करके रखा गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2023 की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। 2018 की विज्ञप्ति से अधिक पदों पर शिक्षा विभाग ने भर्ती कर ली है। जिसमें 42 हजार शिक्षकों की भर्ती अभी तक हम कर चुके है और 20 हजार शिक्षकों की भर्ती सितंबर तक पूरी कर लेंगे यानी की डेढ़ साल में 62 हजार शिक्षकों की भर्ती पूरी कर ली जाएगी है। मंत्री इंदरसिंह परमार ने कहा कि जितनी हमें आवश्यकता थी और जितने पदों पर हमें वित्त से अनुमति मिलती जा रही थी लगातार भर्ती प्रक्रिया की जा रही है और अब 2018 और 2020 का विषय खत्म हो गया है।



मंत्री को अपने ही विभाग की जानकारी नहीं 



स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार से जब वर्ग 3 में 51 हजार पदों पर भर्ती को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो कोई भी ये आंकड़े दे रहा है वो बिल्कुल झूठे है। हमारे पास न तो प्राथमिक शिक्षक के 51 हजार पद खाली है और न ही माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के इतने पद खाली है। मंत्री ने यहां तक कहा कि जो भी कहते है की एक लाख पद खली है वो जानकरी बिल्कुल असत्य है। वो अपनी जानकरी ठीक कर लें। जबकि हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश राजपत्र 1 दिसंबर 2022 में प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों का जिक्र किया गया है, जिसमें प्राथमिक शिक्षक के 1 लाख 25 हजार 243 पद बताए गए हैं। इसके आलावा माध्यमिक शिक्षक के 60 हजार 689 और उच्च माध्यमिक शिक्षक के 34 हजार 789 पद का जिक्र है। राजपत्र के अनुसार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के 50 फीसदी पदों को भरा जाना था और प्राथमिक के 100 फीसदी पदों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करना था।


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