/sootr/media/media_files/2025/08/13/career-counselling-by-national-career-counsellor-2025-08-13-14-37-59.jpg)
डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, नेशनल कॅरिअर काउंसलर
छात्र जीवन में दो अहम बदलाव के पड़ाव आते हैं इसमें पहला पड़ाव आता हैं दसवीं कक्षा के बाद जब हमें किसी एक स्ट्रीम को चुनना होता हैं। इसके बाद अगला पड़ाव हमारे सामने बारहवीं कक्षा के बाद आता हैं जिसमे हमारे सामने दो-तीन विकल्प नही बल्कि हजारो विकल्प होते हैं।
ऐसे में किस विकल्प में जाया जाए और किसमे नही, यह बहुत मायने रखता हैं। दरअसल कुछ समय पहले कॅरिअर में इतने विकल्प नही होते थे व सीमित संख्या में ही कॅरिअर बनाने के विकल्प उपलब्ध थे। आज के आधुनिक समय में यह कॅरिअर विकल्प बहुत ही तेजी से बढ़े हैं।
बारहवीं के बाद यदि आपने सही विकल्प को चुन लिया जिसमे आपकी रुचि भी हो और जिसमे आप बेहतर भी कर सके तो समझ जाइये कि आपका भविष्य सुनहरा रहने वाला हैं अन्यथा आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इसके लिए बारहवीं के बाद अपने कॅरिअर को सेट करने के लिए सबसे सही विकल्प का ही चुनाव करें।
बारहवीं के बाद आपके कॅरिअर विकल्प बहुत हद्द तक आपके द्वारा ली गयी स्ट्रीम पर निर्भर करेंगे जिसे आपने दसवीं के बाद चुना हैं और जिसमे आपने अपनी 11वीं व 12वीं कक्षा को पास किया हैं।
डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, नेशनल कॅरिअर काउंसलरउच्च शिक्षा में 26 वर्षो के अध्यापन का अनुभव रखने वाले नेशनल करिअर कॉउंसलर डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने 9 वर्ष सेसोमूं गल्र्स काॅलेज में प्रिसिंपल के पद पर कार्य किया वहीं आप ऑल इंडिया प्रिसिंपल्स एसोसिएशन के राजस्थान अध्यक्ष भी रहे। डाॅ. श्रीमाली को अनेक राजकीय व गैर राजकीय संस्थानों से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा आपने सूक्ष्म लेखन में महारथ हासिल कर रखी है, आप कॉउंसलर ऑफ़ काउन्सलिंग इंडिया (सीसीआई) के लगातार तीन सालो से राजस्थान चैप्टर के प्रभारी है। डाॅ. श्रीमाली को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित हो चुके है। | |
भारत के सभी शिक्षण संस्थानों में दसवीं के बाद बच्चे केवल नाॅन मेडिकल, मेडिकल, काॅमर्स, और आर्ट्स स्ट्रीम ही चुन सकते हैं। इसका मतलब एक तरह से आप बारहवीं के बाद क्या करने वाले हैं और क्या नही, यह बहुत हद्द तक आपके द्वारा ली गयी स्ट्रीम पर ही निर्भर करेगा।
हालाँकि आज के समय में कई ऐसे कॅरिअर विकल्प हैं जिनके लिए बारहवीं में ली गयी स्ट्रीम का कोई खास प्रभाव नही पड़ेगा फिर भी कुछ कॅरिअर विकल्प ऐसे हैं जो आप इन स्ट्रीम को लेकर ही कर पाएंगे अन्यथा नही।
बारहवीं में नॉन मेडिकल के बाद कॅरिअर कैसे बनाएं
सबसे पहले बात करते हैं नॉन मेडिकल लेने वाले छात्रों की। यदि आपने अपनी बारहवीं कक्षा को नॉन मेडिकल लेकर अथात फिजिक्स, केमिस्ट्री व गणित विषय लेकर पास किया हैं तो आपके सामने सबसे बड़ा विकल्प होगा इंजिनियर बनना।
मुख्यतया नॉन मेडिकल लेने वाले छात्र आगे चलकर इंजीनियरिंग की ही पढ़ाई करते हैं। बारहवीं में नॉन मेडिकल में पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास कई विकल्प होंगे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई को बी टेक अर्थात बैचलर इन टेक्नोलॉजी के नाम से जाना जाता है। यह चार वर्ष की डिग्री होती हैं।
इसे करने में 2 लाख से लेकर 10 लाख का खर्चा आता है। भारत में इंजीनियरिंग में पढ़ाई करवाने के लिए कई प्रतिष्ठित सरकारी व निजी कॉलेज हैं।
हालाँकि इंजीनियरिंग के सबसे टॉप कॉलेज आईआईटी को माना गया हैं व उसके बाद एनआईटी आते हैं। इसमें कुछ निजी कॉलेज भी बहुत महत्वपूर्ण हैं जैसे कि बिट्स पिलानी। इन सभी के अलावा भारत में कई अन्य कॉलेज भी इंजीनियरिंग की विभिन्न क्षेत्रों में पढ़ाई करवाने के लिए प्रसिद्ध हैं।
जिसमें मुख्य रूप से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बायो टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, माइनिंग इंजीनियरिंग, पॉवर इंजीनियरिंग, रोबोटिक्स इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, स्पेस इंजीनियरिंग इत्यादि।
इस तरह यदि आपने अपनी बारहवीं कक्षा में नॉन मेडिकल ली हुई हैं तो आप इंजीनियरिंग की विभिन्न ब्रांच में अपना भविष्य सुनहरा बना सकते हैं। इंजीनियरिंग के टॉप कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए आपको जेईई की परीक्षा में अच्छे अंक लाने होंगे। अन्यथा आप देश के किसी भी अन्य इंजीनियरिंग के कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं।
बारहवीं में मेडिकल के बाद कॅरिअर कैसे बनाएं
यदि आपने बारहवीं कक्षा में मेडिकल ली हुई हैं जिसमें आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री व बायोलॉजी विषय पढ़े है तो छात्र आगे चलकर अपना भविष्य भी मेडिकल फील्ड में ही बनाना चाहते हैं। अब मेडिकल फील्ड में केवल डॉक्टर बनना ही एक विकल्प नही होता हैं। इसमें अन्य भी कई तरह के विकल्प होते हैं जो आप बन सकते हैं।
डॉक्टर बनने के लिए देश के सर्वोच्च मेडिकल कॉलेज में एम्स आते हैं जो कि सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इसके लिए आपको नीट की परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा हर वर्ष एक बार आयोजित करवाई जाती हैं।
इसके लिए आपको बहुत मेहनत करके पढ़ाई करनी होगी क्योंकि हर वर्ष लाखों की संख्या में छात्र नीट की परीक्षा देते हैं जबकि उसमे से चुने केवल कुछ हजार छात्र ही जाते हैं। यदि आपका सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हो जाता हैं तो इसमें आपका खर्चा बहुत कम आएगा जबकि निजी कॉलेज में बहुत ज्यादा खर्चा आएगा।
साथ ही इसमें आपको डिग्री करने के कई तरह के विकल्प मिलेंगे जिनसे आप अलग अलग तरह के डॉक्टर बन सकते हैं। जैसे कि
एमबीबीएस- बैचलर ऑफ मेडिसिन
बैचलर ऑफ सर्जरी
बीडीएस- बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी
बीएचएमएस- बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी
बीएएमएस- बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी
बीएसएमएस- बैचलर ऑफ सिद्धा मेडिसिन एंड सर्जरी
बीयूएमएस- बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी
बीवीएससी एंड एएच- बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंसेज
एनिमल हस्बैंड्री
आदि मेडिकल के कई विकल्प में से डॉक्टर के बाद जिसका नाम आता हैं वे नर्सिंग स्टाफ ही होता हैं। इसलिए आप अपनी बारहवीं कक्षा के बाद बीएससी इन नर्सिंग भी कर सकते हैं।
बीएससी का पूरा नाम हुआ बैचलर इन नर्सिंग। यह 3 वर्ष का कोर्स होता हैं जिसके बाद में आपको 6 महीने की अनिमार्य रूप से ट्रेनिंग करनी होती हैं।
इसके बाद ही आपको नर्स की डिग्री दी जाएगी। अब आप किसी भी अस्पताल में हेड नर्स या एक मान्यता प्राप्त नर्स की नौकरी कर सकते हैं। हालाँकि बारहवीं के बाद नर्स बनने के लिए आप एएनएम का कोर्स भी कर सकते हैं।
यह बीएससी नर्सिंग से छोटी डिग्री होती हैं। इसे करने में आपका केवल 2 वर्ष का समय लगेगा। जैसे ही आप इसे पूरा कर लेंगे तो आपको नर्स की नौकरी दे दी जाएगी।
हालाँकि इसमें आपकी नौकरी सहायक नर्स के तौर पर लगेगी और आप बीएससी की डिग्री प्राप्त किये हुए नर्स के नीचे काम करेंगे।
बारहवीं के बाद मेडिकल में इनके अलावा भी कई तरह के कॅरिअर विकल्प होते हैं जिनमे आप अपना भविष्य बना सकते हैं।
जिसमें प्रमुख रूप से साइकोलॉजी में बीएससी की डिग्री लेना और साइकोलोजिस्ट बनना, बी फार्मेसी में डिग्री लेकर एमआर बनना, एग्रीकल्चर में बीएससी कर कृषि वैज्ञानिक बनना, फूड टेक्नोलॉजी में बीएससी कर फूड इंस्पेक्टर बनना, मेडिकल स्टोर की डिग्री लेकर मेडिकल स्टोर खोलना, एक्स रे तकनीशियन बनना आदि।
बारहवीं के बाद कॉमर्स में कॅरिअर कैसे बनाएं
बारहवीं कॉमर्स में पास करने वाले छात्र आगे बीकॉम ही करते हैं और उसके बाद आगे की राह चुनते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि उनका मुख्य विकल्प बीकाम ही होता हैं।
हालाँकि वे बीबीए या बीए इन इकोनॉमिक्स जैसे कोर्स भी कर सकते हैं लेकिन वह अन्य फील्ड में भी किये जा सकते हैं। बीकॉम को केवल कॉमर्स होने पर ही किया जा सकता हैं।
इसलिए यदि आपने बारहवीं को कॉमर्स विषय से पास किया हैं तो आप बीकॉम को करें। बीकॉम करने के पश्चात आप आगे एम।काॅम। कर सकते हैं। बीकॉम करने के बाद आप कही भी अकाउंटेंट की नौकरी कर सकते हैं।
देश के सभी बैंक चाहे वे सरकारी हो या निजी, सभी फर्म, कंपनी, बड़े व्यापारी या छोटे व्यापारी, इत्यादि को अपने यहाँ अकाउंटेंट की आवश्यकता होती ही हैं। इसलिए आप बीकॉम करके आसानी से कही भी अकाउंटेंट की नौकरी कर सकते हैं।
कॉमर्स स्ट्रीम के प्रोफेशनल कोर्सेज: कॉमर्स स्ट्रीम स्टूडेंट्स के पास कई प्रकार के प्रोफेशनल कोर्सेज जो उनके एकेडमिक और प्रोफेशनल भविष्य को आकार दे सकते हैं, जिसमें प्रमुख रूप से सीए, सीएस, सीएमए, सीएफपी
चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए): भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा प्रदान की गई, चार्टर्ड एकाउंटेंसी की डिग्री कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के बीच सबसे लोकप्रिय प्रोफेशनल कोर्स है। एक प्रोफेशनल कोर्स होने के नाते, यह स्टूडेंट्स के लिए कई करियर के अवसर प्रदान करता है।
इसके अतिरिक्त स्व-रोजगार या सेल्फ प्रैक्टिस से एक स्वतंत्र सीए या प्रमुख भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों, स्थानीय और विदेशी बैंकों और लेखा परीक्षा फर्मों में सीए के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
कंपनी सेकरेट्री: कक्षा 12 की परीक्षा पूरी होने के बाद कंपनी सचिव कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए एक और लोकप्रिय कोर्स है। यह प्रोफेशनल कोर्स आईसीएसआई द्वारा तीन चरण के परीक्षा प्रारूप में पेश किया जाता है।
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट - सीएमए (लागत और प्रबंधन लेखाकार): लागत और प्रबंधन लेखाकार एक और प्रोफेशनल कोर्स है जिसे कॉमर्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स द्वारा किया जा सकता है। इस प्रोग्राम को भारत के कॉस्ट एकाउंटिंग इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित किया जाता है और इसे तीन चरणों में विभाजित किया गया है- फाउंडेशन, इंटरमीडिएट,फाइनल।
इस प्रोग्राम के पूरा होने के बाद, आप एक सर्टिफाईड कॉस्ट एकाउंटेंट होंगे। कई बड़ी कंपनियां, उद्योग और निगम उत्पादन या परिचालन लागत की लागत का प्रबंधन करने के लिए सीएमए को हायर करते हैं। सीएमए आउटपुट या उत्पादन को प्रभावित किए बिना किसी प्रबंधित तरीके से लागत में कटौती करके कंपनी को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
सर्टिफाइड फायनेंसियल प्लानर - सीएफपी (प्रमाणित वित्तीय योजनाकार): यदि पर्सनल फायनेंस और वेल्थ मैनेजमेंट में आपकी रूचि है तो सर्टिफाइड फायनेंसियल प्लानर बनना स्टूडेंट्स लिए सही करियर ऑप्शन साबित होगा।
कॉमर्स स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स पहले से ही अपने प्रारंभिक सिलेबस के अंतर्गत टैक्सेसन पॉलिसी, इन्वेस्टमेंट की मुलभूत बातें और जनरल अवेयरनेस आदि का अध्ययन कर चुके होते हैं और इसलिए उन्हें सर्टिफाइड फायनेंसियल प्लानर का कोर्स करने तथा उन्हें एक सर्टिफाइड फायनेंसियल प्लानर बनने में बहुत उपयोगी साबित होता है।
एक प्रमाणित वित्तीय योजनाकार (सर्टिफाइड फायनेंसियल प्लानर) बनने के लिए, स्टूडेंट्स को वित्तीय योजना मानक बोर्ड (फायनेंसियल प्लानिंग स्टैण्डर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया, एफपीएसबीआई) से प्रमाण पत्र प्राप्त करना जरुरी होता है।
फायनेंसियल प्लानिंग स्टैण्डर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया कॉमर्स स्ट्रीम वाले स्टूडेंट्स को फायनेंसियल प्लानिंग, पर्सनल फायनेंसियल एडवाइजरी प्रैक्टिसेज,टैक्सेशन,रिस्क मैनेजमेंट तथा अन्य विषयों के आर्ट और साइंस का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करने तथा सही प्रशिक्षण के उद्देश्य से एक टेक्नीकल प्रोग्राम ऑफर करता है।
बारहवीं में आर्ट्स के बाद कॅरिअर कैसे बनाएं
आर्ट्स लेकर बीए की डिग्री कर सकते हैं। बीए करने के लिए आर्ट्स अनिवार्य तो नही होती हैं लेकिन आवश्यक अवश्य होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बीए के कई विषयों में आपके वे विषय आएंगे जो आपने आर्ट्स के 11 वीं और बारहवीं कक्षा में पढ़े होंगे।
इससे आपको आगे पढ़ने में समस्या नही होगी। इसलिए आप अपनी पसंद के अनुसार आगे का कॅरिअर चुनाव कर सकते हैं।
ऑर्ट्स कोर्सेज को करने के बाद स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज के एग्जाम देते है और सिलेक्ट भी होते हैं। कुछ लोग तो पीजी में मुख्य विषय कोई ओर होने के बाद सिविल सर्विसेज के फाइनल पेपर में ऑर्ट्स सब्जेक्ट को चयन कर सफलता प्राप्त करे रहे है, इसलिए इस सब्जेक्ट को कम नहीं आंकना चाहिए।
पहले माना जाता था कि ऑर्टस सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन करने के बाद कॅरिअर के आॅप्शन बहुत कम रह जाते है, लेकिन अब यह सोच काफी बदल चुकी है। ऑर्ट्स में ऐसे कई विषय हैं, जिनकी पढ़ाई करके आप सरकारी और निजी क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं।
आप इकनाॅमिक्स, साइकाॅलजी, इतिहास, फिलाॅसफी आदि विषयों के साथ ग्रेजुएट बन सकते है। ऑर्ट्स से ग्रेजुएशन के बाद आप सिविल सर्विसेज में जा सकते है। इसके अलावा एमबीए, जर्नलिज्म, मार्केट ऐनालिसिस टीचिंग, एंथ्रोपोलाॅजी, हयूमन रिसोर्स, एमएसडब्यू आदि में भी आपके सामने कई विकल्प मौजूद हैं।
बारहवीं किसी भी स्ट्रीम करने के बाद कॅरिअर विकल्प
अभी तक तो हमने उन कॅरिअर विकल्प की बात कि जो आप केवल उसी स्ट्रीम को लेकर ही कर सकते हैं। लेकिन कुछ कॅरिअर विकल्प वे है जिन्हें आप किसी भी स्ट्रीम में कर सकते हैं। कहने का अर्थ यह हुआ कि इन कॅरिअर विकल्प के लिए आपके पास बारहवीं में चाहे कोई भी स्ट्रीम हो, यह मायने नही रखता हैं।
उनमें होटल मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर, बायो केमिस्ट्री, क्लिनिकल साइंस, फाइन आर्ट्स, संगीत, सोशल वर्क, फिजिकल एजुकेशन, पत्रकारिता, फैशन टेक्नोलॉजी, मॉडलिंग, राइटिंग, इवेंट मैनेजमेंट, हॉस्पिटैलिटी व टूरिज्म, कानून इत्यादि।
टीस तरह आपको एक या दो नही बल्कि सैकड़ों कोर्स मिल जाएंगे जिनमे आप डिग्री ले सकते हैं और अपना भविष्य बना सकते हैं। इनमे से किसी भी तरह के कोर्स में डिग्री लेने के लिए आपको 3 से लेकर 6 वर्ष का समय लगेगा। उसके बाद यदि आप उससे बड़ी डिग्री करना चाहते हैं या उसी में नौकरी करना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करेगा।
बारहवीं के बाद नौकरी करना
हालाँकि बहुत से लोग बारहवीं के बाद आगे पढ़ने के इच्छुक नही होते हैं और उसके बाद ही किसी क्षेत्र में अपना कॅरिअर बनाने का सपना देखते हैं। बारहवीं के बाद अपना कॅरिअर बनाने के लिए किस किस क्षेत्र में नौकरी कर सकते हैं या खुद का कोई काम कर सकते हैं।
भारतीय सेना में कॅरिअर बनाना: बारहवीं कक्षा को पास करके आप भारतीय सेना में पैदल टुकड़ी के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालाँकि यदि आप बिना कोई डिग्री लिए भारतीय सेना में जाना चाहते हैं तो आपको किसी अधिकारी के पद पर नही रखा जाएगा।
इसमें आपको जमीनी सेना के रूप में भर्ती किया जाएगा। इसी के साथ भारत सरकार के द्वारा हाल ही में अग्निवीर योजना निकाली गयी हैं। इसलिए आप बारहवीं पूरी करने के बाद अग्निवीर में भर्ती के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष व अधिकतम आयु 21 वर्ष हैं। यह आपके सुनहरे भविष्य के लिए एक बहुत बढ़िया अवसर होगा। हालाँकि इसमें 4 वर्ष के बाद केवल 25 प्रतिशत लोगों को ही सेना में स्थायी नौकरी दी जाएगी।
सरकारी ग्रेड सी में कॅरिअर बनाना: सरकारी नौकरी करने के लिए भी आपके पास एक विकल्प होगा। दरअसल सरकार में चार तरह के पद होते हैं जिन्हें ग्रेड अ, ब, स व द कहा जाता हैं। इसमें ग्रेड अ व ब की नौकरी तो डिग्री करने के बाद और फिर उसके बाद कठिन परीक्षा से गुजर कर मिलती हैं।
ग्रेड सी की नौकरी तो व्यक्ति किसी भी समय पा सकता हैं और इसके लिए तो पढ़ने की भी आवश्यकता नही होती हैं क्योंकि इसमें साफ-सफाई करने वाली कर्मचारी या ऐसा ही काम करने वाले लोग आते हैं।
ग्रेड स की नौकरी करने वाले ग्रेड ब की नौकरी करने वाले अधिकारियों के नीचे काम करते हैं और उनके सहायक कहलाते हैं। इनकी भर्ती के लिए सरकार के द्वारा बारहवीं पास छात्रों के लिए एसएससी ग्रेड स की परीक्षा आयोजित करवाई जाती हैं।
हालाँकि इसमें भी लाखों की संख्या में परीक्षार्थी बैठते हैं। तो आपको इसके लिए जमकर मेहनत करनी होगी तभी आपका इसमें सिलेक्शन हो पाएगा।
कोई सर्टिफिकेट प्राप्त कर नौकरी पाना: आजकल कॅरिअर बनाने के कई तरह के विकल्प खुल चुके हैं। इनमे आप ग्राफिक्स डिजाइनिंग, विडियो एडिटिंग, फोटोशूट, विडियो मेकिंग, राइटिंग, स्पीकिंग, इवेंट मैनेजमेंट, ब्रांड्स प्रमोशन, ग्रोथ हैकर, कंटेंट मैनेजर, इत्यादि कई क्षेत्र में कोर्स करके उसमे अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं। इन कोर्स को आप ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों ही माध्यम से कर सकते हैं।
सोशल मीडिया में अपना कॅरिअर बनाना: आप दिनभर कितनी ही सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते होंगे। ऐसे में क्या आपके मन में यह विचार नही आया कि आप इनका भी इस्तेमाल अपना कॅरिअर बनाने के लिए कर सकते हैं।
कहने का अर्थ यह हुआ कि आजकल लाखों लोग सोशल मीडिया के द्वारा करोड़ो रुपए कमा रहे हैं। ऐसे में आप भी इसी सोशल मीडिया के जरिये अपना कॅरिअर बना सकते हैं। आप इसके लिए विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमो जैसे कि फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, इत्यादि का इस्तेमाल कर सकते हैं। सोशल मीडिया में कॅरिअर बनाने के लिए यूट्यूब सबसे बेहतर विकल्प हो सकता हैं।
यदि आप विडियो बना सकते हैं तो आप इसी से शुरुआत करें।
बारहवीं के बाद खुद अपना कॅरिअर बनाएं: अब जिनके पिताजी व्यापारी होते हैं और उनकी दुकान होती हैं तो वे तो सीधे दुकान पर बैठ जाते हैं और अपने पिता के काम में हाथ बंटाते हैं। किंतु वे लोग क्या करें जिनके पिता व्यापारी नही हैं।
किसी के पिता नौकरी करते हैं तो किसी के रिटायर्ड हो चुके होते हैं तो किसी के पिता कुछ अन्य काम करते हैं। ऐसे में आप भी अपना खुद का कुछ खोलकर कॅरिअर बना सकते हैं।
उदाहरण के रूप में आप बारहवीं के बाद अपना खुद का कैटरिंग का बिजनेस, एवेनेट मैनेजमेंट, शादियाँ वतहंदप्रम करवाना, कॅरिअर काउंसलर बनना, योग ट्रेनर बनना, इन्वेस्टमेंट बैंकर बनकर, एलआईसी एजेंट बनकर या ऐसा ही कुछ करके बारहवीं के बाद अपना कॅरिअर बना सकते हैं।
Education news | Career Counselling | डाॅ. चन्द्रशेखर श्रीमाली | career opportunities
thesootr links
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧