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CBSE 10th and 12 th board policy: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025-26 के शैक्षणिक सत्र के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस साल से, 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले सभी स्टूडेंट्स के लिए APAAR ID मैंडेटरी कर दी गई है।
बोर्ड ने अपनी लिस्ट ऑफ कैंडिडेट (LOC) यानी परीक्षार्थियों की लिस्ट को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि केवल वही स्टूडेंट्स परीक्षा में बैठ पाएंगे जिनके पास यह डिजिटल आईडी होगी।
यह कदम CBSE की तरफ से एग्जामिनेशन प्रोसेस को और ज्यादा पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में उठाया गया है। हर साल, स्कूलों को LOC सबमिट करना होता है जो बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी का एक अहम हिस्सा है। इस बार यह प्रोसेस सीधे APAAR ID से लिंक कर दिया गया है।
LOC जमा करने की आखिरी तारीख
CBSE ने सभी एसोसिएटेड स्कूलों को 29 अगस्त से 30 सितंबर 2025 तक ऑनलाइन LOC (List of Candidates) जमा करने का इंस्ट्रक्शन दिया है। जो स्कूल इस समय-सीमा में ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें 3 से 11 अक्टूबर तक लेट फी के साथ LOC जमा करने का मौका मिलेगा।
बोर्ड ने यह भी क्लियर किया है कि LOC और फीस जमा करने की लास्ट डेट एक ही है, यानी बिना फीस के LOC सबमिट नहीं माना जाएगा।
स्कूलों को स्ट्रिक्ट इंस्ट्रक्शंस दी गई है कि LOC में स्टूडेंट्स का नाम, जन्मतिथि, लिंग, कैटेगरी और माता-पिता का नाम जैसी जानकारियां बेहद सावधानी से भरी जाएं। ये सभी डिटेल्स भविष्य में एडमिट कार्ड बनाने के लिए इस्तेमाल की जाएंगी, इसलिए इनमें किसी भी तरह की गलती नहीं होनी चाहिए।
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क्या है APAAR ID और यह क्यों है ये जरूरी
APAAR ID का मतलब है 'ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री' (Automated Permanent Academic Account Registry)।
यह भारत सरकार द्वारा शिक्षा मंत्रालय के तहत शुरू की गई एक 12 अंकों की डिजिटल पहचान है। यह एक तरह का 'एकेडमिक लॉकर' है, जो स्टूडेंट्स के सभी एकेडमिक रिकॉर्ड्स को एक ही जगह पर सुरक्षित रखता है।
इसमें मार्कशीट, डिग्री, स्कॉलरशिप, अवॉर्ड्स और अन्य क्रेडिट्स शामिल होते हैं। इस आईडी का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके एकेडमिक हिस्ट्री को आसानी से एक्सेस करने और मैनेज करने में मदद करना है।
यह नेशनल एजुकेशन पॉलिसी NEP 2020 और डिजिटल इंडिया अभियान के तहत एक बड़ा कदम है।
CBSE ने LOC डेटा को APAAR ID Card से जोड़ने का फैसला किया है ताकि एग्जामिनेशन प्रोसेस में ट्रांसपेरेंसी और क्रेडिबिलिटी लाई जा सके।
अब सिर्फ वही स्कूल अपने स्टूडेंट्स के लिए LOC भर पाएंगे, जिन्होंने उनके APAAR डिटेल्स अपलोड किए हैं। हालांकि, विदेश में स्थित स्कूलों को इस नियम से छूट दी गई है।
CBSE की नई पॉलिसी
बता दें कि, CBSE ने 2025-26 के एकेडमिक सेशन (10वीं-12वीं बोर्ड CBSE एग्जाम) से एक और बड़ा बदलाव किया है। नई पॉलिसी के तहत, कक्षा 10वीं के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी।
पहली मुख्य परीक्षा फरवरी 2026 (10th-12th board CBSE exam) में होने की संभावना है, जिसमें सभी स्टूडेंट्स का शामिल होना अनिवार्य होगा। इसके बाद मई में एक सुधार परीक्षा (improvement exam) भी होगी। यह कदम स्टूडेंट्स को अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का एक और मौका देगा।
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डेटा वेरिफिकेशन के लिए नई व्यवस्था
इस बार से CBSE (Big decision of CBSE) ने डेटा वेरिफिकेशन के लिए भी एक नई व्यवस्था लागू की है। स्कूलों द्वारा LOC जमा करने के बाद, बोर्ड 'डेटा वेरिफिकेशन स्लिप' जारी करेगा।
इस स्लिप में स्टूडेंट्स, उनके माता-पिता और उनके चुने हुए विषयों की जानकारी होगी। अगर स्लिप में कोई गलती होती है, तो उसे इसी स्लिप के आधार पर ठीक किया जा सकेगा। यह एक बहुत ही अच्छा कदम है क्योंकि इससे एडमिट कार्ड में गलतियों की संभावना कम हो जाएगी।
CBSE का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। APAAR ID की अनिवार्यता से न केवल परीक्षा प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी, बल्कि स्टूडेंट्स को भी अपने शैक्षणिक रिकॉर्ड को एक ही जगह पर सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। 2026 से लागू होने वाले ये नियम स्टूडेंट्स के लिए एक नई शुरुआत हैं और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे।
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