DU में छात्र पढ़ेंगे रामायण, महाभारत और पुराण, सिलेबस में शामिल होंगे ये सब्जेक्ट्स

दिल्ली विश्वविद्यालय ने संस्कृत में धर्मशास्त्र अध्ययन सिलेबस को शामिल किया है। इसमें भारतीय धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई होगी, जो छात्रों को समाज, संस्कृति, और कानून की गहरी समझ देंगे।

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Manya Jain
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दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने एक नई शैक्षिक पहल के रूप में संस्कृत में धर्मशास्त्र अध्ययन सिलेबस को शामिल किया है। इस सिलेबस का उद्देश्य छात्रों को भारतीय समाज, संस्कृति, और कानून की गहरी समझ प्रदान करना है।

इसके तहत भारतीय धार्मिक ग्रंथों, जैसे मनुस्मृति, रामायण, महाभारत, और पुराणों की विस्तार से पढ़ाई होगी। इस पहल का उद्देश्य भारतीय समाज की संरचना, विवाह के महत्व, नैतिकता, और समाजिक व्यवस्था को समझना है।

धर्मशास्त्र अध्ययन के प्रमुख उद्देश्य 🎯

इस सिलेबस का मुख्य उद्देश्य छात्रों को प्राचीन भारतीय समाज और उसके विचारों से परिचित कराना है। धर्मशास्त्र में भारतीय राजनीतिक, कानूनी, और आर्थिक परंपराओं का अध्ययन किया जाएगा।

 सिलेबस का उद्देश्य यह बताना है कि भारतीय समाज अराजक नहीं था, बल्कि यहां एक स्थिर और संरचित समाज था, जो विभिन्न संस्थाओं और व्यवस्था के आधार पर चलता था।

छात्रों को धर्म के वास्तविक अर्थ और व्यक्ति के जीवन के महान उद्देश्य से भी अवगत कराया जाएगा।सिलेबस की संरचना 📜
धर्मशास्त्र अध्ययन सिलेबस  को चार मुख्य यूनिट्स में बांटा गया है।

1. धर्म का कांसेप्ट 📖

इस यूनिट में छात्रों को यह बताया जाएगा कि प्राचीन भारत में आदर्श संस्थाओं के माध्यम से समाज की संरचना कैसे की गई थी। इस यूनिट में धर्म को एक आदर्श और नैतिक तत्व के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा, और इसमें प्रमुख ग्रंथों जैसे रामायण, महाभारत और कौटिल्य के अर्थशास्त्र का सर्वेक्षण शामिल होगा।

2. धर्मशास्त्र कंटेंट्स 🔍

इस यूनिट में धर्मशास्त्र को व्यवहार और प्रायश्चित के संदर्भ में डिटेल में बताया जाएगा। इसमें वर्ण और आश्रम प्रणाली के समाज और व्यक्तिगत जीवन पर प्रभाव, विवाह, शिक्षा, यज्ञ, और दान जैसी प्रथाओं का महत्व समझाया जाएगा।

3. व्यवहार और राजनीति 🏛️

इस यूनिट में व्यवहार और राजनीति पर फोकस किया जाएगा। छात्रों को यह समझाया जाएगा कि धर्मशास्त्र ने भारतीय समाज को कैसे संगठित किया और राजनीति में धर्म का स्थान क्या है।

4. प्रायश्चित और तपस्या 🌿

इस यूनिट में पापों, तपस्याओं, उपवास, दान, और यज्ञ जैसे विषयों को कवर किया जाएगा। इसके अलावा मृत्यु के बाद के संस्कारों जैसे श्राद्ध, तीर्थयात्रा, आदि पर भी चर्चा की जाएगी।

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आवेदन प्रक्रिया 📝

इस सिलेबस में आवेदन करने के लिए छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों को निम्नलिखित कदमों का पालन करना होगा:

एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया :  संस्कृत में ग्रेजुएट (B.A.) 

आवेदन पत्र भरें: दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ अपलोड करें।

चयन प्रक्रिया: चयन प्रक्रिया में मेरिट आधारित चयन होगा। इसमें छात्रों की शैक्षिक योग्यता और उनके द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर चयन होगा।

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सिलेबस के लाभ 🎓

धर्मशास्त्र अध्ययन सिलेबस छात्रों को प्राचीन भारतीय समाज और संस्कृति की गहरी समझ प्रदान करेगा। यह सिलेबस भारतीय कानूनी और सामाजिक स्ट्रक्चर की अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। 

छात्रों को इस सिलेबस से न केवल धार्मिक ग्रंथों के बारे में जानकारी मिलेगी, बल्कि यह उन्हें समाज में धर्म के महत्व को समझने का एक मंच भी प्रदान करेगा। यह शिक्षा उन्हें भारतीय परंपराओं, संस्कृति, और व्यवस्था के बारे में विस्तृत दृष्टिकोण देने में मदद करेगी।

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