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मध्य प्रदेश सरकार ने शासकीय कॉलेजों को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की तैयारी शुरू कर दी है। इस योजना के तहत जबलपुर, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, और शुजालपुर के कई प्रमुख कॉलेजों को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव है।
इस कदम से इन कॉलेजों को अफिलिएशन से मुक्ति मिलेगी, और छात्रों को उच्चतम शिक्षा के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। इस योजना से जुड़ी विशेष जानकारी और आवेदन प्रक्रिया पर चर्चा करते हैं।
🌟 क्या होती हैं डीम्ड यूनिवर्सिटी ?
डीम्ड यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले कॉलेज को यूजीसी (University Grants Commission) के पैरामीटर्स पर तैयार किया जाता है। यह कॉलेज अपने पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रक्रिया, और फीस संरचना तय करने में स्वतंत्र होते हैं। डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने के बाद कॉलेज को हर साल अफिलिएशन शुल्क के रूप में 50 लाख रुपए का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, जिससे संस्थान को वित्तीय राहत मिलेगी।
इससे कॉलेजों को न केवल वित्तीय लाभ होगा, बल्कि वे अपने पाठ्यक्रम को भी नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अनुकूलित कर सकेंगे। इस बदलाव से कॉलेजों के लिए शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और छात्रों को नए और उत्कृष्ट कोर्सेज की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त होगा।
🏫 कौन से कॉलेज बनेंगे डीम्ड यूनिवर्सिटी?
पहले चरण में कुछ प्रमुख कॉलेजों को डीम्ड यूनिवर्सिटी के लिए चिह्नित किया गया है। इनमें शामिल हैं:
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भोपाल: सरोजनी नायडू गर्ल्स कॉलेज
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जबलपुर: होम साइंस कॉलेज
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ग्वालियर: आदर्श साइंस कॉलेज, गर्ल्स कॉलेज छिंदवाड़ा
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उज्जैन: माधव साइंस कॉलेज, माधवा पीजी कॉलेज
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शुजालपुर: एक कॉलेज
इन कॉलेजों के लिए नैक (NAAC) की टीम द्वारा वर्चुअल इंस्पेक्शन किया गया है। पहले दौर में इन कॉलेजों को 'ए' ग्रेड मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
इन कॉलेजों के डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद उन्हें अफिलिएशन लेने की आवश्यकता नहीं होगी, जो कि एक बड़ा कदम है।
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🎓 आवेदन प्रक्रिया
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने की प्रक्रिया कई चरणों में होती है। सबसे पहले, कॉलेज को यूजीसी द्वारा निर्धारित मानकों पर खरा उतरना होता है।
इसके लिए कॉलेज को नैक (NAAC) निरीक्षण में अच्छे अंक प्राप्त करने होते हैं। कॉलेज की फैकल्टी, विभागों और छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं की जांच की जाती है।
इसके बाद, कॉलेज को यूजीसी से डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने के लिए एक औपचारिक आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
इसमें कॉलेज को अपनी शैक्षिक और प्रशासनिक संरचना, पाठ्यक्रम, अनुसंधान गतिविधियों, और अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी देनी होती है।
📝 नैक निरीक्षण और ‘ए’ ग्रेड की उम्मीद
नैक (NAAC) द्वारा कॉलेज के अकादमिक और अन्य पहलुओं का निरीक्षण किया जाता है।
होम साइंस कॉलेज जबलपुर के प्राचार्य प्रो. समीर शुक्ला के अनुसार, कॉलेज को पहले नैक से 'B' ग्रेड प्राप्त था, लेकिन इस बार 'ए' ग्रेड मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
इस ग्रेड के बाद ही कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल सकता है।
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🌱 आगे का रास्ता
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद, इन कॉलेजों को अपने निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी। ये कॉलेज अपने पाठ्यक्रम और शिक्षा पद्धतियों को और अधिक व्यापक और प्रासंगिक बना सकते हैं, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा और अधिक अवसर मिलेंगे।
इसके साथ ही, सरकार ने स्पष्ट किया है कि डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद, इन कॉलेजों के लिए कोई भी संबंधित विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रक्रिया नहीं होगी। इससे कॉलेजों को पूरी स्वतंत्रता मिलेगी और वे अपने अनुसंधान कार्यों और छात्रों की शिक्षा में सुधार कर सकेंगे।
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छात्रों को मिलने वाले फायदे
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स्वतंत्र पाठ्यक्रम और शिक्षा पद्धतियां
डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के बाद, कॉलेजों को अपने पाठ्यक्रम, परीक्षा संरचना, और शिक्षा पद्धतियों में स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे छात्रों को अधिक विविध और अप-टू-डेट शिक्षा मिल सकेगी। -
बेहतर शैक्षिक गुणवत्ता
डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने से कॉलेजों को नैक निरीक्षण में अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद उच्च शैक्षिक मानक स्थापित करने का अवसर मिलेगा, जिससे छात्रों को गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी। -
अफिलिएशन से मुक्ति
कॉलेजों को अफिलिएशन शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, जिससे वित्तीय राहत मिलेगी और यह छात्रवृत्तियों, बेहतर सुविधाओं, और शोध गतिविधियों के लिए निवेश कर सकेगा। -
नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम
कॉलेजों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार अपने पाठ्यक्रम को अपडेट करने की स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे छात्रों को समकालीन और प्रासंगिक कोर्स मिलेंगे जो उनके करियर में सहायक होंगे। -
शोध और विकास में बढ़ावा
डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने के बाद कॉलेजों को अधिक अनुसंधान कार्य करने की स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे छात्रों के लिए नए शोध और करियर के अवसर पैदा होंगे।
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