NEET PG (नीट पीजी) 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अब देश के सभी मेडिकल कॉलेजों- खासकर प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटियों- को काउंसलिंग शुरू होने से पहले अपनी पूरी फीस संरचना (Fee Structure) सार्वजनिक करनी होगी। यह आदेश मेडिकल कॉलेजों द्वारा फीस छिपाने और सीट ब्लॉकिंग जैसे अनैतिक कार्यों को रोकने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
सीट ब्लॉकिंग (Seat Blocking) का मतलब
सीट ब्लॉकिंग का अर्थ है जब कोई छात्र जानबूझकर सीट लेता है लेकिन एडमिशन नहीं लेता, जिससे वह सीट अन्य योग्य उम्मीदवार के लिए अस्थायी रूप से रोक दी जाती है।
रॉ स्कोर, उत्तर कुंजी और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला सार्वजनिक किया जाएगा।
दूसरे राउंड के बाद सीट अपग्रेड की सुविधा मिलेगी, लेकिन नए छात्रों के लिए नए रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे।
काउंसलिंग कैलेंडर पूरे देश में एक समान रहेगा।
ब्लॉकिंग जैसे मुद्दों से सख्ती से निपटेंगे
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय मेडिकल शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सीट ब्लॉकिंग जैसे गंभीर मुद्दे पर सख्ती से निपटते हुए न्यायालय ने यह सुनिश्चित किया है कि योग्य छात्रों को उनका हक मिल सके और कॉलेजों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।