NEET PG 2025 : सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश, अब मेडिकल कॉलेजों को देनी होगी फीस की डीटेल

NEET PG 2025 में सीट ब्लॉकिंग पर सुप्रीम कोर्ट सख्त; कॉलेजों को काउंसलिंग से पहले फीस बतानी होगी, सीट ब्लॉक पर छात्रों की परीक्षा से अयोग्यता तय।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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NEET PG (नीट पीजी) 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। अब देश के सभी मेडिकल कॉलेजों- खासकर प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटियों- को काउंसलिंग शुरू होने से पहले अपनी पूरी फीस संरचना (Fee Structure) सार्वजनिक करनी होगी। यह आदेश मेडिकल कॉलेजों द्वारा फीस छिपाने और सीट ब्लॉकिंग जैसे अनैतिक कार्यों को रोकने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

सीट ब्लॉकिंग (Seat Blocking) का मतलब

सीट ब्लॉकिंग का अर्थ है जब कोई छात्र जानबूझकर सीट लेता है लेकिन एडमिशन नहीं लेता, जिससे वह सीट अन्य योग्य उम्मीदवार के लिए अस्थायी रूप से रोक दी जाती है।

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सीट ब्लॉकिंग से ये नुकसान...

  • असली सीटों की संख्या भ्रमित हो जाती है।
  • मेरिट के बजाय किस्मत हावी हो जाती है।
  • कई छात्र असली अवसर से वंचित रह जाते हैं।
  • सिस्टम में पारदर्शिता की कमी उजागर होती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मुख्य बातें...

निर्णय विवरण
फीस खुलासा अनिवार्य सभी कॉलेजों को ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस, डिपॉजिट आदि काउंसलिंग से पहले बताना होगा।
सीट ब्लॉक पर कार्रवाई ऐसे छात्रों को अगले साल की NEET PG परीक्षा से अयोग्य घोषित किया जाएगा।
कॉलेजों की जवाबदेही सीट ब्लॉकिंग में शामिल कॉलेज ब्लैकलिस्ट हो सकते हैं और जुर्माना लग सकता है।
एकीकृत काउंसलिंग कैलेंडर AIQ और राज्य काउंसलिंग एक समान शेड्यूल पर चलेगी, जिससे फर्जी सीट बुकिंग रोकी जा सके।
NMC की भूमिका एक केंद्रीय शुल्क विनियमन प्रणाली बनाई जाएगी, जिसमें NMC मार्गदर्शक होगी।

फीस ट्रांसपेरेंसी क्यों है जरूरी?

अभी तक कई मेडिकल कॉलेज फीस स्ट्रक्चर काउंसलिंग से पहले स्पष्ट नहीं करते थे, जिससे छात्रों को बाद में मनमानी फीस चुकानी पड़ती थी। इस निर्णय से-

  • छात्र समय से सही निर्णय ले सकेंगे।
  • झूठी सीट बुकिंग रोकी जा सकेगी।
  • आर्थिक पारदर्शिता आएगी।

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काउंसलिंग प्रक्रिया में नया क्या?...

  • रॉ स्कोर, उत्तर कुंजी और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला सार्वजनिक किया जाएगा।
  • दूसरे राउंड के बाद सीट अपग्रेड की सुविधा मिलेगी, लेकिन नए छात्रों के लिए नए रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे।
  • काउंसलिंग कैलेंडर पूरे देश में एक समान रहेगा।

ब्लॉकिंग जैसे मुद्दों से सख्ती से निपटेंगे 

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय मेडिकल शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सीट ब्लॉकिंग जैसे गंभीर मुद्दे पर सख्ती से निपटते हुए न्यायालय ने यह सुनिश्चित किया है कि योग्य छात्रों को उनका हक मिल सके और कॉलेजों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके।

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