CG में ई-ऑफिस सिस्टम, कागजों वाली फाइलों का झंझट खत्म, अब कम्प्यूटर पर एक क्लिक में हो रहा काम

छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-ऑफिस सिस्टम लागू किया है जिससे फाइलों का भौतिक आदान-प्रदान खत्म होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई व्यवस्था की शुरुआत की। इससे काम में तेजी, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।

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The Sootr
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Photograph: (the sootr)

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RAIPUR. छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने बड़ा और बदलाव वाला कदम उठाते हुए ई-ऑफिस सिस्टम अपनाया है। अब प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में फाइलें एक मेज से दूसरी मेज नहीं दौड़ेंगी, बल्कि सारा काम कंप्यूटर के जरिए, यानी ई-ऑफिस सिस्टम से हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले दिनों मंत्रालय में नई व्यवस्था की शुरुआत की थी। 

सीएम साय का कहना है कि ई-ऑफिस सिस्टम से सरकारी कामों की गति, दक्षता और पारदर्शिता में अभूतपूर्व सुधार होगा। इस पहल से सरकारी प्रक्रियाओं में स्वचालन (automation) आएगा, जिससे फाइलों की ट्रैकिंग आसान होगी, निर्णय लेने की गति तेज होगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

सीएम ने लॉन्च किए पोर्टल 

अपने फैसले के तहत सरकार ने सभी विभागों, कलेक्टर ऑफिसों और शासकीय संस्थाओं को आदेश दे दिया है कि अब से फाइलें या पत्राचार भेजने का तरीका बदल गया है। सब कुछ ई-ऑफिस पोर्टल के जरिए ही हो रहा है। कोई कागज की फाइल नहीं, कोई नोटशीट हाथ में नहीं, सारा काम एक क्लिक से।

मुख्यमंत्री ने ई-ऑफिस के साथ 'स्वागतम पोर्टल' और 'मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल' की भी शुरुआत की है। उनका कहना है कि यह सिर्फ तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि जनता को जवाबदेह और साफ-सुथरा प्रशासन देने की दिशा में हमारा बड़ा कदम है। 

क्या बदलेगा? क्या फायदे होंगे? 

1. भ्रष्टाचार पर सीधा वार होगा

अब हर फाइल की जानकारी कंप्यूटर में दर्ज होगी, किसने कब देखी, किसके पास कितनी देर रुकी, सब रिकॉर्ड रहेगा। फाइल रोकने, दबाने या गायब करने का खेल अब नहीं चलेगा। कोई काम जानबूझकर लटकाया गया, तो तुरंत पकड़ में आ जाएगा। 

2. हर काम होगा पारदर्शी

अब हर फाइल की रियल टाइम ट्रैकिंग होगी। जब चाहे तब देखा जा सकेगा कि फाइल कहां है। कौन अफसर क्या काम कर रहा है, सिस्टम में दर्ज रहेगा। यानी जवाबदेही तय होगी। कोई भी कागज न गायब होगा, न बदला जा सकेगा।

 

3. काम की रफ्तार दोगुनी

जो फाइलें पहले दफ्तर-दर-दफ्तर हफ्तों तक घूमती थीं, अब वही काम चंद मिनटों में हो जाएगा। निर्णय जल्दी होंगे और योजनाओं का असर जल्दी दिखेगा। एक ही जगह से सारी जानकारियां मिलेंगी, जिससे फैसले लेना आसान होगा।

4. काम होगा स्मार्ट और चुस्त

डुप्लिकेट फाइलें नहीं बनेंगी। दस्तावेज पूरी तरह सुरक्षित और एक ही जगह संग्रहीत रहेंगे। हर विभाग को अपनी प्राथमिकताएं तय करने और उनकी निगरानी करने में आसानी होगी। शासन और अफसर दोनों जिम्मेदार और असरदार बनेंगे।

5. खर्च में भी भारी कटौती

अब न तो फाइलों की छपाई होगी, न उन्हें ढोने के लिए गाड़ियां चलेंगी। इसी के साथ कागज की जरूरत बहुत घटेगी। पेड़ नहीं कटेंगे, तो पर्यावरण भी बचेगा। फालतू दस्तावेजों से पैदा होने वाला कचरा खत्म होगा। धुएं और प्रदूषण में कमी आएगी। 

मुख्यमंत्री का विजन: डिजिटल इंडिया से सुशासन तक 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने साफ कहा कि ई-ऑफिस सिर्फ तकनीक नहीं, सरकार की सोच का आईना है। इसका मकसद जनता को समय पर काम देना, सरकारी सिस्टम पर भरोसा बढ़ाना है। हमारा प्रयास है कि छत्तीसगढ़ ई-गवर्नेंस में देश के सबसे आगे रहने वाले राज्यों में गिना जाए। हमारा यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन की भावना को मजबूत करता है। अब छत्तीसगढ़ की सरकारी सेवाएं होंगी ज्यादा तेज, ज्यादा साफ और पूरी तरह ऑनलाइन।

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