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Photograph: (THESOOTR)
RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश को देश का अगला औद्योगिक और रोजगार का हब बनाने की दिशा में कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को मंजूरी दी है। इसमें कई अहम बदलाव किए गए हैं। ये संशोधन आर्थिक बदलाव की शुरुआत हैं। साथ ही युवाओं को रोजगार, किसानों को आधुनिक तकनीक और उद्योगपतियों को भरोसा दिलाने वाला रोडमैप हैं।
नई नीति के तहत अब स्थानीय युवाओं को रोजगार देने वाले उद्योगों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। इसका सीधा असर यह होगा कि बाहर जाने वाले युवाओं को अपने ही राज्य में काम मिलेगा और पलायन रुकेगा।
किसानों को हाईटेक खेती का सहारा
अब हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक जैसी हाईटेक खेती को औद्योगिक क्षेत्र में शामिल किया गया है। यानी खेती भी अब उद्योग का हिस्सा होगी। इससे किसानों को तकनीक, उपकरण और आईटी आधारित संसाधनों की मदद से ज्यादा उत्पादन और मुनाफा मिलेगा।
स्पोर्ट्स सेक्टर को उड़ान
सरकार स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर्स और स्पोर्ट्स अकादमियों को बढ़ावा देगी। इससे खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और संसाधन मिलेंगे। इससे छत्तीसगढ़ देश के स्पोर्ट्स मैप पर और मजबूत होकर उभरेगा। गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। यानी अब राज्य के होनहार छात्रों को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ खुद एजुकेशन हब के रूप में विकसित होगा।
हर ब्लॉक में ऑटोमोबाइल सर्विस यूनिट्स को मान्यता
सरकार ने तय किया है कि प्रदेश के हर विकासखंड में ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग और सर्विस यूनिट्स को मान्यता दी जाएगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी तकनीकी रोजगार के अवसर पैदा होंगे। बस्तर, सरगुजा जैसे पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों में होटल-रिसॉर्ट बनाने के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा घटा दी गई है। इससे वहां पर्यटन बढ़ेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
कपड़ा उद्योग को दोगुना प्रोत्साहन
जो कंपनियां टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश करेंगी, उन्हें 200 प्रतिशत तक का इंसेंटिव दिया जाएगा। इसका मतलब है कि अब ग्रामीण महिलाएं, बुनकर और कढ़ाई-कारीगरों को बड़े पैमाने पर काम मिलेगा। नई लॉजिस्टिक नीति से पूरे राज्य में माल ढुलाई आसान होगी। इससे व्यापारियों को सामान पहुंचाने में समय बचेगा और खर्च भी कम होगा।
रक्षा और एयरोस्पेस इंडस्ट्री को बूस्टअप
छत्तीसगढ़ सरकार डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में निवेश करने वालों को विशेष पैकेज देगी। इससे यह क्षेत्र राज्य में नई संभावनाओं के साथ उभरेगा और ग्लोबल कंपनियों को आकर्षित करेगा। "प्लग एंड प्ले" फैक्ट्रियों को बढ़ावा देकर निजी औद्योगिक पार्कों को इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए मदद दी जाएगी। इससे छोटे और मझोले निवेशकों को भी सुविधा मिलेगी।
भूमि विकास नियम में किया सुधार
इसी के साथ साय सरकार ने छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में सुधार किए हैं। अब उद्योग एक ही भू-खंड पर दोगुना निर्माण कर सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर हुए इस संशोधन से राज्य में उद्योगों एवं व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम में संशोधन 24 दिसंबर 2024 को अधिसूचित किए गए हैं।
फ्लैटेड इंडस्ट्री के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को 1.5 से बढ़ाकर 3.0 किया गया है, जिससे उद्योग एक भूखंड पर दोगुना निर्माण कर सकेंगे। इससे विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स को कम लागत में अधिक उपयोग योग्य स्थान उपलब्ध होगा। औद्योगिक प्लॉट्स के लिए ग्राउंड कवरेज को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही सेटबैक में कमी की गई है, जिससे जमीन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।
नगर पालिका क्षेत्रों और विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में व्यावसायिक भवनों के लिए न्यूनतम 5.0 एफएआर निर्धारित किया गया है। जिन भूखंडों का क्षेत्रफल 5 एकड़ या उससे अधिक है और जिन तक 100 मीटर चौड़ी सड़क की पहुँच है, उन पर एफएआर 5.0 लागू होगा। यदि ये भूखंड सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक (सीबीडी) या ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवल्पमेंट (टीओडी) जोन में आते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 2.0 एफएआर की अनुमति होगी, यानी कुल एफएआर 7.0 तक हो सकेगा।
उद्योगों को मदद दे रही सरकार
छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को छत्तीसगढ़ में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने की भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट के लिए बिलासपुर जिले के चांपा के पास नेशनल हाईवे से लगी 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आवंटित किया जाएगा। दरअसल, 1 नवंबर 2024 से लागू छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-30 ने राज्य को निवेशकों के लिए एक आकर्षक और सुगम गंतव्य बना दिया है। इसमें सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, ऑनलाइन आवेदन व त्वरित स्वीकृति प्रक्रियाएं और थ्रस्ट सेक्टर्स में विशेष प्रोत्साहन ने नीति को उद्योग अनुकूल और प्रभावी बनाया है। इसमें फार्मास्यूटिकल, आईटी, एआई, ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
उद्योगों को आकर्षक प्रोत्साहन
नई नीति के तहत उद्योगों को 30-50% सब्सिडी, 5 से 12 वर्षों तक कर छूट, ब्याज अनुदान, 1000+ रोजगार देने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक नीति और प्रति कर्मचारी ₹15,000 तक प्रशिक्षण अनुदान जैसे प्रावधान किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में पांच लाख नए रोजगार सृजित करना है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट्स आयोजित कर उद्योगपतियों का भरोसा जीता है। यहां 4.40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें मुंबई में 6,000 करोड़, दिल्ली में 15,184 करोड़ और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में बड़े निवेश की सहमति बनी है। मुख्यमंत्री साय का कहना है कि हमारी औद्योगिक नीति केवल निवेश आकर्षण का माध्यम नहीं, बल्कि यह रोजगार सृजन, सामाजिक न्याय और आर्थिक समृद्धि का मॉडल है। राज्य अब नक्सल प्रभावित छवि से बाहर निकलकर प्रगतिशील औद्योगिक और तकनीकी हब के रूप में उभर रहा है। हमारा उद्देश्य अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 को साकार करना है।
औद्योगिक क्रांति | छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय