इंदौर में फिर कोचिंग वॉर, IIT-JEE के रिजल्ट में कल्पवृक्ष ने दिया विवादित विज्ञापन, कोचिंग संस्थानों पर मारा ताना

क्या यह मिसगाइड करने की हद नहीं? : आज कुछ कोचिंग संस्थान स्वयं को नंबर 1 बताने की होड़ में इतने आगे निकल गए हैं कि बच्चों और अभिभावकों को गुमराह करने की हदें पार कर रहे हैं।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में कोचिंग संस्थानों के बीच में एक बार फिर कोचिंग वॉर शुरू हो गया है। हाल ही में जब आईआईटी–जेईई के रिजल्ट आए तो उसके बाद कल्पवृक्ष के विजित जैन ने एक विवादित विज्ञापन दे डाला। इसके बाद कोचिंग संस्थानों में हड़कंप मच गया। इसके पलटवार में एलन ने भी दो दिन तक रिजल्ट को लेकर विज्ञापन दिए। हालांकि उसने कोई टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन छात्रों को लुभाने के लिए ढ़ाई करोड़ रुपए के कैश प्राइज की घोषणा जरूर कर दी। इन कोचिंग संस्थानों द्वारा विज्ञापन वॉर इसलिए किया गया, क्योंकि इन्हीं को दिखाकर ये कोचिंग संस्थान हजारों बच्चों को अपने यहां एडमिशन करवाते हैं। इस विज्ञापन से संबंधित जानकारी लेने के लिए कल्पवृक्ष के विजित जैन से संपर्क कर सवाल किए, लेकिन उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।

विज्ञापन वॉर इसलिए क्योंकि 200 करोड़ से ज्यादा का है खेल

इंदौर में काेचिंग माफिया प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने को लेकर सालाना लगभग 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का खेल कर रहे हैं। इन कोचिंगों के बीच यह विज्ञापन वॉर केवल इसलिए हो रहा ताकि ये कोचिंग संस्थान 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का खेल कर सकें। इसमें शहर के 20 से ज्यादा कोचिंग संस्थान ही अकेले 150 करोड़ रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं। इन्हीं स्कूलों के बच्चे एलन, कल्पवृक्ष, कैटेलाइजर, अनएकेडमी और मेडिमेथ में पढ़ते हैं। वहां पर कम से कम एक बच्चे की जेईई की फीस 1 लाख 40 हजार रुपए है। ऐसे में अगर केवल 3000 बच्चों से ही कोचिंग वालों को सालाना मिली फीस की बात करें तो यह 42 करोड़ रुपए हो रही है।

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यह विवादित विज्ञापन दिया कल्पवृक्ष ने

 

कल्पवृक्ष ने यह दिया है विवादित विज्ञापन

क्या यह मिसगाइड करने की हद नहीं? : आज कुछ कोचिंग संस्थान स्वयं को नंबर 1 बताने की होड़ में इतने आगे निकल गए हैं कि बच्चों और अभिभावकों को गुमराह करने की हदें पार कर रहे हैं। JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए 2 Year Classroom program पूरी तरह उपयुक्त है, लेकिन बाजार में कुछ कोचिंग्स द्वारा नया और बड़ा दिखने की होड़ में अब 7 Year Classroom program तक शुरू कर दिए गए हैं और फिर दावा करते हैं कि, "हमने 7 साल की क्लासरूम ट्रेनिंग से टॉपर्स बनाए हैं। मतलब ये हुआ कि इन कोचिंग संस्थानों ने बच्चों से उनका बचपन ही छीन लिया है और बचपन को किताबों के बोझ तले दबा दिया है। क्या आप सच में एक 6 वीं क्लास के बच्चे को IIT की रेस में धकेलना चाहते हैं, जबकि वह अभी तक ठीक से पढ़ना सीख ही रहा होता है? क्यों आप उससे उसका बचपन छीनना चाहते हैं?

अपने विज्ञापन में फिर लिखा हम 13 घंटे पढ़ाते हैं

कल्पवृक्ष ने जो विवादित विज्ञापन दिया है, उसमें एक बार फिर 13 घंटे पढ़ाई कराने का उल्लेख किया है। इसी 13 घंटे पढ़ाई करने के दावे को लेकर पूर्व में भी कल्पवृक्ष को शहर के शिक्षाविदों और नामी स्कूलों के प्रिंसीपलों ने आलोचना की थी। उसके बाद एक बार फिर कल्पवृक्ष ने अपने विज्ञापन में 13 घंटे पढ़ाई कराने की बात लिखी है।

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यह विवादित विज्ञापन दिया कल्पवृक्ष ने

 

द सूत्र की खबर के बाद विज्ञपन में से हटाए स्कूलों के नाम

कल्पवृक्ष ने जो विज्ञापन हालही में दिए हैं, उनमें बच्चों के फोटो और नाम तो दिए हैं, लेकिन स्कूलों के नाम हटा लिए हैं। इस बार केवल दो साल की क्लासरुम में की गई पढ़ाई का ही उल्लेख किया है। असल में इसके पूर्व में जो कल्पवृक्ष ने विज्ञापन दिए थे। उनमें छात्रों के नाम के साथ शहर के नामचीन स्कूलों के नाम भी छाप दिए थे। इसका खुलासा द दूत्र ने अपनी खबर में प्रमुखता से किया था। उसके बाद शहर के स्कूल मैनेजमेंट ने आपत्ति दर्ज कराई थी और नोटिस देने की बात भी कही थी। उससे कल्पवृक्ष के विजित जैन के होश उड़ गए थे और फिर अब जो विज्ञापन जारी किया है उसमें स्कूलों के नाम हटा दिए गए हैं।

कल्पवृक्ष ने छाप दिए थे इन स्कूलों के नाम

कल्पवृक्ष ने पिछले दिनाें अपने विज्ञापन में इंदौर के जिन 48 बच्चों का जेईई में सिलेक्शन होने को लेकर फोटो और जानकारी प्रकाशित करवाई है। उसमें शहर के जिन नामी सीबीएसई स्कूलाें का जिक्र है वे नाम चौंकाने वाले हैं। इसमें द शिशुकुंज इंटरनेशनल स्कूल, एमराल्ड हाईट्स स्कूल, वेदांश इंटरनेशनल स्कूल, सेंट पॉल हायर सेकंडरी स्कूल, चोइथराम स्कूल माणिकबाग, जवाहर नवोदय विद्यालय, चोइथराम स्कूल नॉर्थ कैंपस, श्री वैष्णव एकेडमी, सेंट रेफल्स एकेडमी, श्री सत्यसांई विद्या विहार, न्यू ग्रीन फील्ड हायर सेकंडरी स्कूल, एकायना स्कूल, डीपीएस, न्यू दिगंबर पब्लिक स्कूल, विद्यासागर स्कूल, प्रेस्टीज पब्लिक स्कूल, गोल्डन इंटरनेशनल स्कूल, केंद्रीय विद्यालय क्र.2, सेंट नॉर्बड स्कूल, सराफा विद्या निकेतन, लॉरेल्स स्कूल इंटरनेशनल, पोत्दार इंटरनेशनल स्कूल, चमेली देवी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन, मेडिकैप्स इंटरनेशनल स्कूल, एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल, सिक्का 78 स्कूल, अग्रसेन विद्यालय शामिल हैं।

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कल्पवृक्ष बताए किन स्कूलों में पढ़ते हैं उसके बच्चे

कल्पवृक्ष की इस गंदी मार्केटिंग से नाराज शहर के ख्यात स्कूलों के मैनेजमेंट ने कोचिंग संस्थान के खिलाफ कड़ा कदम उठाए थे। उनका कहना था कि कोचिंग की इस हरकत से उनके स्कूलों का नाम खराब हो रहा है। पालकों के मन में यह संदेश जा रहा है कि हम कोचिंग संस्थान को प्रमोट कर रहे हैं। स्कूल संचालकों ने यह भी आरोप लगाया है कि खुद कल्पवृक्ष के संचालक बताएं कि अगर बच्चा उनकी कोचिंग में 13 घंटे पढ़ाई कर रहा है तो फिर वह स्कूल की पढ़ाई कब व कैसे कर रहा है। इस विज्ञापन में छपे बच्चे वर्तमान में किन स्कूलों में पढ़ रहे हैं उनके नामाें का खुलासा भी होना चाहिए। 

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पूर्व में भी रैली निकालकर विवादों में आया था कल्पवृक्ष

कल्पवृक्ष मैनेजमेंट का यह विज्ञापन वॉर का कारनामा नया नहीं है। इसके पूर्व में भी जब आईआईटी–जेईई के रिजल्ट आए थे तब बच्चों को साथ लेकर एक रैली निकाली थी। उस दौरान रैली के जरिए एलन कोचिंग वालों को चिढ़ाने के लिए उसकी बिल्डिंग के सामने काफी देर तक रोका गया था और ढ़ोल–ढमाके भी बजाए गए थे। उस दौरान भी कल्पवृक्ष का यह कारनामा काफी चर्चित रहा था।

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एलन में फैकल्टी की सैलरी को लेकर पहले से ही है विवाद

एलन कोचिंग क्लास को लेकर सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ समय से यहां पर एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या में कुछ कमी आई है। मैंनेजमेंट जिस हिसाब से एडमिशन की उम्मीद कर रहा था उसके मुताबिक एडमिशन नहीं हो रहे हैं। इसकी गाज एलन की फैकल्टी पर गिरी है। एलन की फैकल्टी ने ही नाम ना छापने के आग्रह पर बताया है कि फैकल्टी के वेतन और पदोन्नति को यहां से सिलेक्ट होने वाले बच्चों से जोड़ दिया है। जिस फैकल्टी के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में ज्यादा सिलेक्ट होंगे। उसको उतना ज्यादा वेतन और प्रमोशन मिलेगा। इसको लेकर भी फैकल्टी और मैनेजमेंट के बीच विवाद चल रहा है।

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