इंदौर में कोचिंग और स्कूल माफिया का खेल, मंत्री के करीबी, विधायक के डमी स्कूल
एक सीबीएसई स्कूल मंत्री के करीबी डॉ. राजेश मित्तल का है तो दूसरा सीबीएसई स्कूल हरदा से कांग्रेस विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने का ही है। एक अन्य स्कूल शहर के नामी दवा व्यापारी अनिल खरिया और अरुण खरिया का है।
इंदौर में कोचिंग और स्कूल माफिया की सांठगांठ से डमी स्कूलों का कारोबार बड़ी मात्रा में फल–फूल रहा है। 'द सूत्र' ने 20 दिन के लंबे कोचिंग और स्कूल माफिया के गठजोड़ की पहली किश्त के रूप में देश के नामी कोचिंग संस्थानों का खुलासा किया था। अब दूसरी किश्त में हम स्कूल माफिया का खुलासा करने जा रहे हैं। इसमें जिन स्कूल मालिकों के नाम सामने आ रहे हैं वे चौंकाने वाले हैं।
रसूखदारों के पास डमी स्कूल, विधायक और मंत्री के करीबी
एक सीबीएसई स्कूल मंत्री के करीबी डॉ. राजेश मित्तल का है तो दूसरा सीबीएसई स्कूल हरदा से कांग्रेस विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने का ही है। इसके अलावा एक अन्य स्कूल शहर के नामी दवा व्यापारी अनिल खरिया और अरुण खरिया का है, जिनकी दवा कंपनी मॉर्डन के सैंपल लगातार फेल हो रहे हैं। हमारे पास इन स्कूल माफियाओं की जो लंबी लिस्ट है, उसे आप देखकर हैरान रह जाएंगे। ये 11वीं की परीक्षा की कॉपियां अपने ऑफिस या कोचिंग में ही लिखवाने तक के दावे करते हैं।
शिक्षा माफिया बताते हैं कि सीबीएसई स्कूलों में अभी थोड़ी परेशानी आ रही है, लेकिन एमपी बोर्ड के स्कूलों में जाएंगे तो कोई परेशानी नहीं होगी। एमपी बोर्ड के नाम पर तो स्कूल माफिया खुलकर बात कर रहे हैं कि वहां पर तो आप जैसा चाहेंगे वैसा हो जाएगा। स्कूल जाने का तो छोड़िए, परीक्षा देने भी अगर जाना हो तो ठीक, नहीं तो ऐसे ही पास कर देंगे और नंबर भी मनमाफिक मिल जाएंगे। विधायक के स्कूल में तो बोला गया कि 10वीं में जितने नंबर आएंगे उसी के हिसाब से 11वीं में नंबर मिल जाएंगे।
कल्पवृक्ष से देते हैं ऐसी लिस्ट
सीबीएसई की सख्ती को लेकर निकाला तोड़
इन स्कूलों ने सीबीएसई की सख्ती का भी तोड़ निकाल लिया है। ये 11वीं और 12वीं में बच्चों को महीने में कम से कम और अधिकतम चार बार स्कूल आने का कह रहे हैं। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि बच्चा स्कूल के सीसीटीवी फुटेज में दिख जाए, ताकि वे उस वीडियो रिकॉर्डिंग को सीबीएसई बोर्ड के अफसरों को दिखाकर मूर्ख बना सकें। हालांकि अनएकेडमी में मिले स्कूल के दलाल ने ज्यादा पैसे देने की बात पर कह दिया कि ठीक है, सीबीएसई में 11वीं में स्कूल मत आना, हम मैनेज कर लेंगे।
अब आपको बताते हैं कि 11वीं और 12वीं में पास कराने के दावे
डमी स्कूल संचालक 11वीं के लिए तो खुलकर बोल रहे हैं कि परीक्षा देना हो तो दो, और नहीं देना तो कोई बात नहीं। परीक्षा की कॉपियां भी घर से लिखकर लाने की सुविधा मिल रही है। वहीं, नंबर देना तो उन्हीं के हाथ में है, तो जो बोलो नंबर मिल जाएंगे। स्कूलों के सिटी ऑफिस भी हैं, जहां पर बैठे स्कूल के ही लोग पालकों से खुल्लमखुल्ला सौदेबाजी करते हैं। हमने एडमिशन नहीं लिया था। अगर एडमिशन लेते तो स्कूल वाले 12वीं में भी सेटिंग से पास कराने की सारी पोल खोल देते।
1. रैंकर्स इंटरनेशनल: 11वीं की परीक्षा एलन में ही हो जाएगी
The Sootr
रिपोर्टर : सर 11वीं में डमी में एडमिशन करवाना चाहते हैं, फीस कितनी है?
स्टाफ : 46 हजार रुपए फीस लगेगी।
रिपोर्टर : सर डमी में एडमिशन की भी एतनी फीस?
स्टाफ : डमी कोई शब्द नहीं होता है। डमी शब्द आज से आप बोलना भूल जाईये। बच्चा आपका रेग्यूलर में भर्ती होगा।
रिपोर्टर : एलन में ही 1 लाख 58 हजार रुपए लग रही है फीस?
स्टाफ : वो तो आपने एलन में दी है वहां से आपको डिग्री मिलेगी क्या। हम 46 हजार लेकर डिग्री देंगे।
रिपोर्टर : हां बात तो सही है, लेकिन फिर भी कुछ कम हो जाए तो देखिए?
स्टाफ : एलन में आप पूरे 360 दिन जा रहे हैं। स्कूल आप नहीं आ रहे हो। वो इतने पैसे लेने के बावजूद नहीं बोल रहे कि आईआईटी में आपके बच्चे का हो ही जाएगा। हम तो लिखकर दे रहे हैं कि आपका बच्चा 12वीं की डिग्री लेकर जाएगा।
रिपोर्टर : हां वो बात तो ठीक है
स्टाफ : हमारे यहां डमी का नहीं रेग्यूलर का सर्टीफिकेट मिलता है। सीबीएसई ने कई स्कूलों को बंद कर दिया है।
रिपोर्टर : अभी जहां पढ़ा है वहां पर भी डमी ही पढ़ा है।
स्टाफ : हम रेग्यूलर में एडमिशन लेंगे और आपको सुविधा देंगे। महीने में 5 या 6 दिन बुलाएंगे। बच्चा चाहे तो 3 दिन ही आए। हम बस और लंच की सुविधा भी दे रहे हैं।
रिपोर्टर : एलन के बाकी के बच्चे आएंगे तो वह भी आ जाएगा।
स्टाफ : हां, सभी सेंटर पर हमारी बस खड़ी रहेगी।
रिपोर्टर : परीक्षा तो वहीं कोचिंग सेंटर पर ही हो जाएगी?
स्टाफ : हां कोचिंग सेंटर पर देना चाहे तो वहीं दे सकता है। अगर स्कूल में देना चाहे तो यहां आकर दे सकता है।
रिपोर्टर : सर पर्सेंटेज का कैसा रहेगा?
स्टाफ : वो तो बच्चे को ही लिखना है तो हो जाएगा सब। बाकी प्रेक्टिकल का हम देख लेंगे।
2. विद्या श्री स्कूल: हम तो बहुत बच्चे ले रहे हैं सीबीएसई के
The Sootr
रिपोर्टर : अनएकेडमी से 11वीं में डमी एडमिशन के लिए भेजा है।
स्टाफ : हां हो जाएगा सर। हमारे सीबीएसई और एमपी बोर्ड दोनों स्कूल हैं।
रिपोर्टर : पढ़ाई के लिए तो दो दिन ही आ पाएगा मैडम।
स्टाफ : तो कोई बात नहीं, वह दो दिन आ जाए और यहां पर बैठकर अपनी कोचिंग की पढ़ाई करे।
रिपोर्टर : लेकिन सीबीएसई में ही करवाना है एडमिशन।
स्टाफ : हां सर मैं कहां मना कर रही हैं। हमको तो सीबीएसई में फीस ज्यादा मिलती है। मुझे तो एमपी बोर्ड में करने में नुकसान है।
रिपोर्टर : आईबीपीएस सीबीएसई स्कूल कहां पर है मैडम?
स्टाफ : ; यहां सामने ही है। आपके लिए आईबीपीएस ही ठीक है।
रिपोर्टर : फीस वगैरह का कैसा रहेगा मैडम?
स्टाफ : सीबीएसई में 33 हजार रुपए रहेगी।
रिपोर्टर : पर्सेंटेज का कैसा क्या रहेगा मैडम?
स्टाफ : देखिए 11वीं में तो हमें सब हाथ से ही बनाना है तो हम कुछ भी बना दें।
रिपोर्टर : थोड़े पैसे ज्यादा लग जाएं, लेकिन पर्सेंटेज अच्छे आ जाएं।
स्टाफ : नहीं सर उसके पैसे ज्यादा नहीं लगेंगे। जो सबके साथ सिस्टम है वह आपके साथ भी रहेगा। हमारे लिए 200 बच्चे भी हों तो भी पैसे उतने ही लगेंगे।
रिपोर्टर : कोचिंग में ही करवा दें तो चलेगा एडमिशन
स्टाफ : हां कोई बात नहीं। वहां पर हमारा ही व्यक्ति बैठा रहता है। आप उसके पास भी फीस जमा करके एडमिशन ले सकते हैं।
3. द न्यू ग्रीन फील्ड : हमारे एमपी बोर्ड में 11वीं करवा लीजिए, परीक्षा सीधे 12वीं में देना होगी
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रिपोर्टर : सर एलन से आया था 11वीं में डमी एडमिशन करवाना है, रौनक सर से बात हुई थी।
स्टाफ : हां रौनक मैं ही हूं। डमी तो फॉलो नहीं करते, थोड़ा अलग रहता है सिस्टम हमारा।
रिपोर्टर : तो फिर कैसा रहेगा सर?
स्टाफ : बच्चे को पीसीएम एलन पढ़ाएगा, बाकी के तीन विषय हम पढ़ाएंगे।
रिपोर्टर : सर बच्चा पूरे समय कोचिंग में रहेगा तो यहां कैसे आएगा?
स्टाफ : सर उसके लिए हम महीने में एक या दो दिन बच्चे की क्लास लगाते हैं। बस बच्चे को तब ही आना है।
रिपोर्टर : स्कूल एलन के बच्चों के साथ ही आ जाएगा।
स्टाफ : सर सप्ताह में तीन दिन मिलते हैं हमको एलन की अलग–अलग बैच के बच्चों के।
रिपोर्टर : अच्छा तो ये कैसे मैनेज होगा सर।
स्टाफ : बच्चे को मंगलवार, शुक्रवार या शनिवार तीन में से जिस भी दिन चाहे आ सकता है।
रिपोर्टर : एक ही दिन मिल पाएगा सर उसको।
स्टाफ : हां एलन का मुझे पता है, वहां पर एक ही दिन मिल पाता है बच्चों को।
रिपोर्टर : फीस का क्या रहेगा और एग्जाम का भी बता दीजिए।
स्टाफ : एग्जाम केवल दो ही देनी होगी, लेकिन बच्चों को यहीं पर आना पड़ेगा।
रिपोर्टर : सर एलन वाले तो बोल रहे थे कि वहीं हो जाएगी एग्जाम।
स्टाफ : सर वो एमपी बोर्ड वालों के साथ में सिस्टम अलग रहता है वो मैनेज हो जाता है।
रिपोर्टर : सर ऐसा हो कि पूरा मैनेज हो जाए।
स्टाफ : उसके लिए तो आप एमपी बोर्ड में चले जाओ। 11वीं में एडमिशन लो और सीधे 12वीं की परीक्षा देने बच्चा स्कूल जाए।
रिपोर्टर : हां सर ऐसा ही कुछ हो जाए तो ठीक रहेगा।
स्टाफ : हमारा एमपी बोर्ड स्कूल भी है वह सपना संगीता रोड़ पर है। उसकी फीस भी कम है। वहां पर करवा सकता हूं मैं बच्चे का एडमिशन।
रिपोर्टर : फीस स्ट्रक्चर क्या रहेगा सर।
स्टाफ : सीबीएसई की 45 हजार और एमपी बोर्ड की 23 हजार रुपए लगेगी।
रिपोर्टर : सर कल्पवृक्ष भी गया था, वहां से भी कुछ स्कूलों की लिस्ट मिली है।
स्टाफ : उनके बच्चों को हम एडमिशन नहीं दे पाते हैं, क्योंकि वहां पर 13 घंटे का सिस्टम चलता है तो बच्चा कैसे आएगा स्कूल।
4. विद्या विजय स्कूल : अगर कभी इंस्पेक्शन हुआ तब ही आना पड़ेगा बच्चे को स्कूल
The Sootr
रिपोर्टर : मैडम कल्पवृक्ष और एलन से भेजा था 11वीं में एडमिाशन के लिए।
स्टाफ : आप पहले फायनल करें कि आपका बच्चा एलन या कल्पवृक्ष दोनों में से कहां लेगा एडमिशन।
रिपोर्टर : मैडम दोनाें जगह की लिस्ट में आपके स्कूल का ही नाम है।
स्टाफ : हां वो तो है, पर आपको पहले फायनल करना होगा कि बच्चा कहां पढ़ेगा। खैर वो तो तय कर लेना।
रिपोर्टर : डमी के लिए फीस कितनी रहेगी मैडम?
स्टाफ : सर रेग्यूलर के लिए 43 हजार रुपए है, लेकिन डमी के लिए 40700 हो जाएगी। हमारे पास सीट फिक्स रहती है।
रिपोर्टर : हां कोई बात नहीं हमें एलन और कल्पवृक्ष दोनों जगह से बोला कि कोटा रहता है उनका।
स्टाफ : हां बिलकुल वो तो ठीक है, लेकिन आप पहले कोचिंग का फायनल कर लेना।
रिपोर्टर : मैडम क्लास व अटेंडेंस का कैसा रहेगा।
स्टाफ : वो तो डमी के लिए हम क्लास और अटेंडेंस पूरा हम मैनेज करते हैं। प्रेक्टिकल के लिए बच्चे को भेजना पड़ेगा।
रिपोर्टर : कोचिंग में सुबह 8 से शाम 7 बजे तक रहेगा बच्चा तो यहां कैसे आएगा।
स्टाफ : हम बच्चे को क्लास अटेंड करने के लिए नहीं बोल रहे हैं।
रिपोर्टर : नहीं वो आपने कहा ना कि बच्चे को स्कूल आना पड़ेगा।
स्टाफ : अगर कभी स्कूल में सीबीएसई का इंस्पेक्शन होता है तो आना होगा। उसके लिए आपको फोन करके सूचना दी जाएगी।
रिपोर्टर : बाकी तो नहीं आना पड़ेगा ना बच्चे को।
स्टाफ : नहीं, अगर बच्चा चाहे तो महीने में एक बार या वीक में एक बार आ सकता है।
रिपोर्टर : एलन जो बच्चे आएंगे तो वो सब साथ में ही आएंगे।
स्टाफ : कभी कभार बच्चे अलग–अलग भी ग्रुप में आते हैं, लेकिन आने से पहले फोन कर लें। क्योंकि टीचर्स स्कूल में मौजूद हैं या नहीं हैं।
रिपोर्टर : बाकी पर्सेंटेज 75 तो आना ही चाहिए?
स्टाफ : हम इसकी श्योरिटी नहीं लेते हैं, लेकिन 10वीं में बच्चे के जो भी पर्सेंटेज रहेंगे उसी के आसपास पर्सेंटेज बन जाएंगे।
5. गुरू हरिकिशन पब्लिक स्कूल : 11वीं की परीक्षा के पेपर बच्चा घर बैठकर भी लिख सकता है
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रिपोर्टर : मैडम गुरूनानक स्कूल में 11वीं में डमी के लिए बात हुई थी फोन पर।
स्टाफ : हां सर वो गुरू हरिकिशन पब्लिक स्कूल है। लिस्ट में नाम गलत छप गया है।
रिपोर्टर : तो कैसा रहेगा फिर आप बताएं।
स्टाफ : आपको कहीं पर भी नहीं बोलना है कि आपका बच्चा डमी है। स्कूल में जाता है तो बच्चा बोल देता है डमी का।
रिपोर्टर : स्कूल तो जाएगा ही नहीं तो कैसे व किसको बोलेगा।
स्टाफ : अभी चेकिंग ज्यादा चल रही है। अभी सप्ताह में दो दिन तो भेजना ही पड़ेगा। स्कूल में कराएंगे कुछ भी नहीं बच्चे से। सिर्फ बैठा रहे या अपना काम करते रहे।
रिपोर्टर : मैडम 13 घंटे कोचिंग जाएगा तो फिर कैसे स्कूल जाएगा।
स्टाफ : उसमें तो फिर रिस्क आपकी रहेगी। आपको एप्लीकेशन देनी पड़ेगी स्कूल में। अगर कोई इंस्पेक्शन होता है तो फिर आप जिम्मेदार होंगे।
रिपोर्टर : एलन वाले कैसे भेजेंगे, फिर अटेंडेंस का कैसा रहेगा।
स्टाफ : सप्ताह में दो दिन तो भेज देंगे। अटेंडेंस भी हम ही लगा देंगे और रेग्यूलर लगेगी। क्योंकि रिकॉर्डिंग होती है तो उसमें बच्चा बैठा दिख जाए। या फिर दिन में दो घंटे चले जाए।
रिपोर्टर : फीस कितनी है?
स्टाफ : 40 हजार रुपए फीस है।
रिपोर्टर : अगर सप्ताह में एक दिन जाए तो चलेगा, क्योंकि स्कूल दूर भी है।
स्टाफ : गुरू हरकिशन के बजाए कलेक्टर ऑफिस के पास बाल निकेतन है वह चलेगा क्या।
रिपोर्टर : ये कैसा स्कूल है कोई परेशानी तो नहीं।
स्टाफ : अगर बिलकुल ही नहीं जाना है तो फिर एमपी बोर्ड में करवा दो एडमिशन।
रिपोर्टर : एमपी बोर्ड में नहीं, सीबीएसई में ही बताओ आप कुछ।
स्टाफ : बाल निकेतन स्कूल सपोर्टिव भी है। महीने के 12 घंटे कवर करने होते हैं। केवल दो दिन भेज देना आप स्कूल। वहां पर होमवर्क भी नहीं मिलेगा, अपना काम कर सकता है वहां पर बैठकर।
रिपोर्टर : एलन वाले बोल रहे थे कि एग्जाम की चिंता आप मत करो।
स्टाफ : हां वो तो आप हम पर छोड़ दो। यहीं ऑफिस पर करवा लेंगे एग्जाम।
रिपोर्टर : बच्चा स्कूल में एग्जाम नहीं देना चाहे तो।
स्टाफ : हां हम तो पेपर ही घर दे देते हैं। बच्चा घर से ही लिखकर ला देता है।
रिपोर्टर : गुरू हरिकिशन का ही देखो ना मैडम
स्टाफ : सर वहां तो एक दिन जाना पड़ेगा बच्चे को स्कूल और परीक्षा भी देना होगी। अभी पूरे इंदौर के स्कूलों में यह हाल है कि अगर आपने डमी एडमिशन का बोल दिया तो वो आपको बाहर कर देंगे।
रिपोर्टर : तो एडमिशन के लिए स्कूल जाना होगा।
स्टाफ : नहीं शहर के अधिकतर स्कूलों के सिटी ऑफिस हमने ही ले रखे हैं। हमारा एक ऑफिस रणजीत हनुमान पर भी है। यहीं पर हो जाएगा एडमिशन।