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Career Option after 12th: जब भी करियर सिलेक्शन की बात आती है, तो 90% छात्रों के लिए दो सबसे पॉपुलर चॉइस केवल इंजीनियरिंग या मेडिकल होते हैं। ये दोनों ही फील्ड शानदार करियर पॉसिबिलिटीज देती हैं, लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि इनमें से कौन सा फील्ड बेहतर है?
कभी-कभी छात्रों के लिए यह तय करना अक्सर कठिन हो जाता है कि कौन सा करियर उनके लिए सबसे बेस्ट हो सकता है। इसका जवाब पूरी तरह से आपके इंटरेस्ट एसिबिलिटी, हार्ड वर्क और लॉन्ग टर्म करियर गोल्स पर डिपेंड करता है। तो आइए हम इंजीनियरिंग और मेडिकल दोनों एरियाज को डिटेल से समझेंगे, उनके फायदे और नुकसान (advantages and disadvantages) पर चर्चा करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि कौन-सा करियर आपके लिए बेहतर हो सकता है।
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इंजीनियरिंग क्या है
इंजीनियरिंग साइंस और मैथमेटिक्स के एप्लीकेशन पर बेस्ड होता है, जो नए इन्वेंशंस और टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट में मदद करता है। इसमें अलग-अलग ब्रांचेज होते हैं, जैसे:
- सिविल इंजीनियरिंग (Civil Engineering)
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering)
- कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (Computer Science Engineering)
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering)
- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) etc.
- तो ऐसे में इंजीनियरिंग का मेन ऑब्जेक्टिव नए टेक्नोलॉजी डेवेलप सोलूशन्स करना और लोगों के जीवन को आसान बनाना है।
मेडिकल क्या है
मेडिकल फील्ड मेनली हेल्थ केयर और मेडिकल ट्रीटमेंट पर कंसन्ट्रेटेड होता है। इसमें प्रमुख रूप से डॉक्टर, सर्जन, फार्मासिस्ट और अन्य हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स शामिल होते हैं। मेडिकल फील्ड में भी अलग-अलग ब्रांचेज होते हैं, जैसे:
- जनरल मेडिसिन (General Medicine)
- सर्जरी (Surgery)
- डेंटल साइंस (Dental Science)
- फार्मेसी (Pharmacy)
- होम्योपैथी और आयुर्वेद (Homeopathy and Ayurveda)।
- इस फील्ड का मेन ऑब्जेक्टिव बीमारियों का डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट करना और लोगों की सेहत में सुधार लाना है।
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इंजीनियरिंग vs मेडिकल
अब जब हमने ये जान लिया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल क्या है, तो ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि दोनों में से कौन-सा करियर ऑप्शन बेहतर है? इसका आंसर हर स्टूडेंट के इंटरेस्ट, एसिबिलिटी, हार्ड वर्क और लॉन्ग टर्म करियर गोल्स पर निर्भर करता है। आइए इसे डिटेल में समझें...
पढ़ाई और डिफीकल्टी लेवल
इंजीनियरिंग: इंजीनियरिंग की पढ़ाई आमतौर पर 4 साल की होती है, जिसमें थ्योरी, प्रैक्टिकल और प्रोजेक्ट्स शामिल होते हैं। कंप्यूटर साइंस और सिविल इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचेज अधिक गणित और लॉजिकल थिंकिंग पर निर्भर करती हैं।
मेडिकल: मेडिकल की पढ़ाई थोड़ी कठिन होती है। इसमें MBBS कोर्स 5.5 साल का होता है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। मेडिकल छात्रों को शरीर की काम्प्लेक्स स्ट्रक्चर, बीमारियों और ट्रीटमेंट की गहराई से जानकारी लेनी होती है।
करियर पॉसिबिलिटीज और नौकरियां
इंजीनियरिंग:
- सॉफ्टवेयर कंपनियों में जॉब
- सरकारी इंजीनियरिंग पद
- स्टार्टअप्स और निजी कंपनियों में काम करने का मौका
- रिसर्च और इनोवेशन के फील्ड में मौके
मेडिकल:
- सरकारी और निजी अस्पतालों में डॉक्टर
- अपनी क्लिनिक खोलने का विकल्प
- मेडिकल रिसर्च में करियर
- मेडिकल टीचिंग में अवसर
सैलरी और कमाई के मौके
इंजीनियरिंग:
शुरूआती वेतन 3-10 लाख रुपए प्रति वर्ष तक हो सकता है, जो एक्सपीरियंस और स्किल के मुताबिक बढ़ सकता है।
मेडिकल:
MBBS के बाद डॉक्टर का शुरुआती सैलरी 6-12 लाख रुपए प्रति वर्ष तक हो सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर (स्पेशलिस्ट) बनने पर यह वेतन 20-50 लाख रुपए तक भी हो सकता है।
जॉब सिक्योरिटी और लाइफस्टाइल
इंजीनियरिंग:
टेक्नोलॉजी तेजी से बदलती है, जिससे कुछ इंजीनियरिंग फील्ड्स में नौकरियों की अनसर्टेनिटी हो सकती है। हालांकि, नए कौशल सीखकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
मेडिकल:
डॉक्टरों की हमेशा मांग रहती है, जिससे यह एरिया सेफ करियर विकल्प माना जाता है।
कार्य संतुलन (Work-Life Balance)
इंजीनियरिंग:
इंजीनियरिंग फील्ड में काम का संतुलन बेहतर होता है, क्योंकि अधिकतर नौकरियां 9 से 5 बजे तक की होती हैं।
मेडिकल:
डॉक्टरों को अनियमित घंटों में काम करना पड़ सकता है, खासकर सर्जन और इमरजेंसी डॉक्टरों को।
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इंजीनियरिंग के फायदे और नुकसान
फायदे (Advantages)
- कई तरह की नौकरियों के विकल्प मिलते हैं।
- सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में मौके उपलब्ध होते हैं।
- फ्रीलांसिंग और स्टार्टअप शुरू करने की संभावना हो सकती है।
- कुछ ब्रांचेज में विदेशों में भी अच्छे अवसर मिलते हैं।
नुकसान (Disadvantages)
- कॉम्पिटिशन अधिक होने से नौकरी मिलना कठिन हो सकता है।
- कुछ ब्रांचेज में रोजगार की अनसर्टेनिटी रहती है।
- नए कौशल लगातार सीखने की जरूरत होती है।
मेडिकल के फायदे और नुकसान
फायदे (Advantages)
- हमेशा रोजगार की गारंटी होती है।
- समाज में डॉक्टरों को सम्मान मिलता है।
- आर्थिक रूप से स्थिर करियर।
- स्पेशलाइजेशन करने के बाद ऊंची सैलरी के अवसर।
नुकसान (Disadvantages)
- पढ़ाई लंबी और कठिन होती है।
- कॉम्पिटिशन के कारण मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाना कठिन हो सकता है।
- वर्क-लाइफ बैलेंस खराब हो सकता है।
क्या चुनें
तो अब जब हमने इन दोनों फील्ड्स के बारे में जान लिया है, तो डिसिजन पूरी तरह से आपके इंटरेस्ट पर है। अगर आप टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और गणित में इंटरेस्ट रखते हैं, तो इंजीनियरिंग आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। वहीं, अगर आपको जीव विज्ञान, मानव शरीर और लोगों की सेवा करना पसंद है, तो मेडिकल आपके लिए बेहतर रहेगा।
दोनों ही फील्ड्स में करियर की इममेंस पॉसिबिलिटीज हैं। बस यह निर्भर करता है कि आप किस फील्ड में अधिक इंटरेस्ट रखते हैं और अपनी कैपेबिलिटीज को किस डायरेक्शन में एडवांस्ड करना चाहते हैं।
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