जबलपुर. 23 फरवरी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने MPPSC 2020 से जुड़ा एक बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा यानी प्री में फेल हुए 15 कैंडिडेट्स को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के लिए PSC को आदेश दिया है। इन कैंडिडेट्स को दो नंबर से फेल कर दिया गया था।
ये है पूरा मामला: 25 जुलाई 2021 को MPPSC का प्री एग्जाम हुआ। 15 जनवरी 2022 को इसका रिजल्ट घोषित किया गया। इसमें याचिकाकर्ता नेहा शर्मा, नरेंद्र वर्मा, बुशरा रहमान खान, सचिन गोस्वामी, दीपक धनगर, जिग्नेश बामनिया, अदित्यराज यादव, गीतश पटले, सीमा राय, अरुण प्रताप सिंह, लोलेंद्र नारगुवा, संदीप धनगर, आणिमा दुबे, प्रवीण शुक्ला और सुमित सिंह ठाकुर को 2 नंबर से फेल कर दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। दरअसल, इस एग्जाम में PSC ने एक सवाल पूछा था कि आदि ब्रहममाज की स्थापना किसने की थी? छात्रों के मुताबिक इसका सही उत्तर था केशव चंद सेन (B)। जबकि PSC ने इसका सही उत्तर माना देवेन्द्रनाथ टेगौर (A)। याचिकर्ताओं ने B के समर्थन में भोज ओपन यूनिवर्सिटी की प्रकाशित सामग्री और दूसरों लेखकों की पुस्तकों को अदालत में पेश किया। एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट में दलील दी कि दो नंबर कम मिलने की वजह से स्टूडेंट मेंस एग्जाम देने से वंचित हो गए। आयोग ने ऑप्शन B टिक करने के कारण 2 नंबर नहीं दिए। आयोग ने सवाल का सही उत्तर ऑप्शन (A) मान्य किया, जो कि गलत है।
अदालत का स्ट्रिक आदेश: जस्टिस श्रुशूत धर्माधिकारी ने याचिका की सुनवाई की। उन्होंने याचिका के समर्थन में प्रस्तुत पाठ्य सामाग्री का अवलोकन करते हुए आयोग के इस निर्णय को गलत माना। इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को मेंस एग्जाम में शामिल करने का स्ट्रिक आदेश दिया है। साथ ही अनावेदकों को नोटिस जारी कर जबाब-तलब किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल 2022 को होगी।