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भारत की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय वायुसेना की एक प्रमुख शक्ति फाइटर पायलट होते हैं। इन पायलटों की जिम्मेदारी देश की सीमाओं की रक्षा करना और किसी भी चुनौती का सामना करना होती है।
हाल ही में, ऑपरेशन सिंदूर के तहत वायुसेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक ने देशभर के युवाओं में फाइटर पायलट बनने की इच्छा को और भी अधिक बढ़ा दिया।
यदि आप भी भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं कि इस फील्ड में करियर कैसे बना सकते हैं।
📚 शैक्षिक योग्यता
फाइटर पायलट बनने के लिए सबसे पहला कदम है 10+2 में फिजिक्स और मैथमेटिक्स के साथ पढ़ाई करना। यह दो विषय आपके लिए अनिवार्य हैं, क्योंकि एयरफोर्स में जाने के लिए आपकी गणित और विज्ञान में अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
इसके बाद आपकी योग्यता के अनुसार कई रास्ते खुलते हैं, जिनसे आप वायुसेना में शामिल हो सकते हैं।
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📝 एंट्री के रास्ते
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NDA (National Defence Academy) परीक्षा: अगर आप 12वीं के बाद फाइटर पायलट बनना चाहते हैं, तो आपको UPSC द्वारा आयोजित NDA परीक्षा पास करनी होगी। इसके माध्यम से आप भारतीय वायुसेना में शामिल हो सकते हैं।
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CDS (Combined Defence Services) Exam: ग्रेजुएशन के बाद, भारतीय वायुसेना में शामिल होने के लिए UPSC द्वारा आयोजित CDS परीक्षा एक प्रमुख मार्ग है।
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AFCAT (Air Force Common Admission Test): AFCAT परीक्षा, जिसे वायुसेना साल में दो बार आयोजित करती है, के माध्यम से भी आप फाइटर पायलट बनने का मौका प्राप्त कर सकते हैं।
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NCC 'C' Certificate: अगर आपके पास NCC 'C' सर्टिफिकेट है, तो आप NCC स्पेशल एंट्री के जरिए वायुसेना में सीधे भर्ती हो सकते हैं।
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🎯 SSB और मेडिकल टेस्ट
लिखित परीक्षा पास करने के बाद, आपको सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) द्वारा चयनित किया जाता है। यह बोर्ड आपकी पर्सनैलिटी, निर्णय क्षमता, और नेतृत्व कौशल की जांच करता है।
इसके बाद, आपको मेडिकल टेस्ट और PABT (Pilot Aptitude Battery Test) से भी गुजरना होता है। PABT में आपकी फ्लाइंग क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।
यह परीक्षण खासतौर पर फाइटर पायलट बनने के लिए जरूरी है क्योंकि उनकी शारीरिक और मानसिक फिटनेस का स्तर बहुत महत्वपूर्ण होता है।
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🛫 वायुसेना में ट्रेनिंग
जो उम्मीदवार सभी टेस्ट्स में सफल होते हैं, उन्हें हैदराबाद की एयर फोर्स एकेडमी में भेजा जाता है, जहां पर उन्हें बेसिक से लेकर एडवांस तक की फ्लाइंग ट्रेनिंग दी जाती है।
इस ट्रेनिंग के दौरान, पायलटों को लड़ाकू विमान उड़ाने की तकनीक सिखाई जाती है। यह एक कठिन और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है, लेकिन सफल होने पर फाइटर पायलट को अपने देश की रक्षा करने का गौरव प्राप्त होता है।
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