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भारत में हिस्ट्री और अर्कियोलॉजी की खोज में इंटरेस्ट रखने वालों के लिए अर्कियोलॉजिस्ट बनना एक शानदार करियर ऑप्शन है। अर्कियोलॉजिस्ट वे लोग होते हैं जो पुराने समय के रिमेंस, बिल्डिंग्स, पत्थरों, मूर्तियों और वस्तुओं की पढ़ाई करते हैं, ताकि हमारे सिविलाइजेशन, कल्चर, लाइफस्टाइल और एनसिस्टर्स को समझा जा सके।
अगर आपको इतिहास से प्यार है और आप खोजबीन करने में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह फील्ड आपके लिए बिल्कुल सही है। इस आर्टिकल में हम विस्तार से बताएंगे कि, अर्कियोलॉजिस्ट बनने के लिए क्या-क्या पढ़ाई करनी होती है और कौन-कौन सी स्किल्स जरूरी हैं।
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🏺📜 अर्कियोलॉजी क्या है
अर्कियोलॉजी या पुरातत्व विज्ञान वह विज्ञान है, जो प्राचीन अवशेषों की खोज, उत्खनन, संरक्षण (Discovery, excavation, conservation of ancient remains) की पढ़ाई से जुड़ा है।
इसके जरिए हम इतिहास के अनजाने पहलुओं को उजागर करते हैं और पुरानी सभ्यताओं की समझ बढ़ाते हैं। भारत जैसे देश में जहां हजारों सालों की सभ्यता रही है, अर्कियोलॉजी का क्षेत्र बहुत जरूरी है।
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📚 कौन-कौन से विषय पढ़ने चाहिए
अर्कियोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको
- इतिहास (History),
- पुरातत्व (Archaeology),
- संस्कृत (Sanskrit),
- कला इतिहास (Art History)
- और सामाजिक विज्ञान (Social Sciences) में अच्छी पकड़ होनी चाहिए।
🏺📖✨शैक्षणिक योग्यता
- स्नातक (Bachelor’s Degree): सबसे पहले आपको इतिहास या पुरातत्व में ग्रेजुएट की डिग्री करनी होगी। इसके लिए आप BA in History या BA in Archaeology चुन सकते हैं।
- स्नातकोत्तर (Master’s Degree): आगे बढ़ना हो तो MA in Archaeology या History करें।
- पीएचडी (PhD): शोध करना चाहते हैं तो PhD कर सकते हैं, जिससे आप विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञ बन जाएंगे।
🛠️जरूरी स्किल्स
- ध्यान और लगन: आर्कियोलॉजिकल डिस्कवरी में धैर्य और बारीकी से काम करना पड़ता है।
- फिजिकल फिटनेस: उत्खनन (Excavation) के दौरान लंबे समय तक बाहर काम करना होता है।
- एनालिटिकल सोच: मिली वस्तुओं से इतिहास के तथ्यों को समझने की क्षमता।
- कम्युनिकेशन स्किल्स: शोध रिपोर्ट लिखने और लोगों को समझाने के लिए जरूरी।
- टीम वर्क: अक्सर यह काम टीम के साथ होता है।
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🏫भारत में कहां-कहां हो सकती है पढ़ाई
भारत में पुरातत्व और इतिहास पढ़ाने वाले कई अच्छे कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं, जैसे:
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
- यहां इतिहास और पुरातत्व के उच्चस्तरीय कोर्स उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा देते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय पुरातत्व अध्ययन के लिए प्रसिद्ध है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
- BHU में पुरातत्व और इतिहास की मजबूत पढ़ाई होती है। यहां से निकलकर कई छात्र सफल अर्कियोलॉजिस्ट बने हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)
- JNU में सामाजिक विज्ञान और पुरातत्व की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यह उच्च शिक्षा के लिए देश का प्रमुख केंद्र है।
पुणे विश्वविद्यालय
- पुणे विश्वविद्यालय पुरातत्व अध्ययन के लिए जाना जाता है। यहां शोध और प्रैक्टिकल कार्यों पर जोर दिया जाता है।
पटना विश्वविद्यालय
- पटना विश्वविद्यालय में इतिहास और पुरातत्व की अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यह बिहार का प्रमुख शिक्षण संस्थान है।
मद्रास विश्वविद्यालय
- यहां भी पुरातत्व और इतिहास के उच्च स्तर के कोर्स होते हैं। मद्रास विश्वविद्यालय दक्षिण भारत के छात्रों के लिए अच्छा विकल्प है।
✨🏺भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)
इसके अलावा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) भी प्रशिक्षण कार्यक्रम और कोर्स करवाता है। ASI समय-समय पर प्रशिक्षण और विशेष कोर्स आयोजित करता है। यहां से प्रशिक्षित होकर आप पुरातत्व क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।
अर्कियोलॉजिस्ट की सबसे प्रमुख नौकरी ASI में होती है, जो भारत सरकार का पुरातत्व विभाग है। यहां स्थायी पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से भर्ती होती है।
💼 नौकरी कैसे मिलेगी
अर्कियोलॉजिस्ट की नौकरी के लिए मुख्य रूप से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) में आवेदन करना होता है। ASI भारत सरकार का विभाग है जो पुरातत्व से जुड़ा काम करता है। इसके अलावा:
विभिन्न राज्य सरकारों के आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट्स
✨संग्रहालय (Museums)
- संग्रहालयों में भी अर्कियोलॉजिस्ट की मांग होती है, जहां वे पुरानी वस्तुओं का संरक्षण और प्रदर्शन करते हैं। ये पद अकसर स्थायी और सम्मानजनक होते हैं।
✨विश्वविद्यालयों में शोध
- अर्कियोलॉजिस्ट रिसअर्चर या प्रोफेसर बनकर विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकते हैं। यहां वे नई पीढ़ी को पुरातत्व की शिक्षा देते हैं।
✨सांस्कृतिक और पर्यटन विभाग
- सांस्कृतिक और पर्यटन विभागों में भी पुरातत्व विशेषज्ञों की जरूरत होती है। यहां वे पर्यटन स्थलों का विकास और संरक्षण करते हैं।
✨प्राइवेट रिसर्च फाउंडेशन और NGO
- कुछ प्राइवेट संस्थान और NGO भी पुरातत्व शोध और संरक्षण के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करते हैं। यहां काम की प्रकृति परियोजना आधारित होती है।
💰 सैलरी कितनी होती है
अर्कियोलॉजिस्ट की शुरुआती सैलरी लगभग 30 हजार रुपए से 50 हजार रुपए प्रति माह होती है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है और आप वरिष्ठ पदों पर पहुंचते हैं, सैलरी 70 हजार रुपए से एक लाख तक भी हो सकती है।
सरकारी नौकरी होने के कारण ग्रेड पे, भत्ते और पेंशन भी मिलती है। ASI में भर्ती के लिए UPSC, SSC, या सीधे ASI की स्पेशल प्रतियोगी परीक्षाएं देनी होती हैं।
तो अगर आप भी इतिहास में रुचि रखते हैं और खोजी स्वभाव के हैं, तो अर्कियोलॉजी में अपना करियर बनाएं और देश की कल्चरल हेरिटेज को आगे बढ़ाएं!
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