Karnataka Education Department Decision
BENGALURU. दक्षिण भारत की कर्नाटक सरकार ( Karnataka Government ) ने स्कूली परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा ही अजीब फैसला लिया है। अब परीक्षा के दौरान छात्रों को अपने साथ खाली उत्तर पुस्तिका ( Anshwar Sheet ) लानी होगी। परीक्षा हॉल में सिर्फ प्रश्न पत्र ही दिए जाएंगे। अभी ये फैसला कुछ क्लास के लिए ही किया गया है। हालांकि अभी तक सरकार ने इस फैसले के पीछे की वजह नहीं बताई है।
KSEAB ने जारी किया निर्देश
सरकार का ये निर्णय सवालों में फंस गया है। लोग हैरान हैं कि राज्य सरकार आर्थिक तौर पर बदहाल नहीं है, फिर भी छात्रों को घर से खाली उत्तर पुस्तिका लाने को क्यों कहा जा रहा है। सरकार के अनुसार फिलहाल उत्तर पुस्तिका लाने का ये फैसला 5वीं, 8वीं और 9वीं क्लास के छात्रों पर लागू होगा। शिक्षा विभाग की ओर से राज्य के स्कूलों से कहा गया है कि वे छात्रों को कहें कि वे खुद ही उत्तर पुस्तिका लेकर आएं और सवालों के जवाब लिखकर उसे स्कूल में जमा करा दें। कर्नाटक राज्य परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) परीक्षा आयोजित करता है। पिछले हफ्ते एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में KSEAB ने सभी हाई स्कूलों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिए थे कि वे छात्रों को अपनी आंसर शीट लाने के बारे में जानकारी दे दें। परीक्षा पहले 11 से 18 मार्च तक होनी थी, लेकिन सोमवार को हाईकोर्ट ने इस परीक्षा को फिलहाल रद्द कर दिया है। परीक्षा की नई तारीख अभी घोषित नहीं हुई है।
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बीजेपी ने सरकार से पूछे सवाल
सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने सवाल खड़े किए हैं और सरकार को टारगेट पर लिया है। पार्टी के नेता और युवा इकाई के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया अकाउंट X (पहले ट्विटर) पर लिखा कि कांग्रेस सरकार, जिसने कर्नाटक को दिवालियापन में धकेल दिया है, अब छात्रों को अपनी आंसर शीट्स लाने के लिए मजबूर कर रही है। बोर्ड परीक्षाओं के लिए खुद की आंसर शीट्स। यह सरकार पूरी तरह से गड़बड़ है और पद पर बने रहने की गरिमा खो चुकी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से शिक्षा विभाग को तुरंत धनराशि उधार लेने और शिक्षा विभाग को जारी करनी चाहिए। सरकार की दूरदर्शिता और योजना की कमी से छात्र समुदाय पर दबाव नहीं पड़ना चाहिए। राज्य में पार्टी के लोकल नेता और बच्चों के माता-पिता भी सरकार के इस फैसले पर हैरानी और गुस्सा जता रहे हैं।