MP Madrasa Board में पढ़ रहे हिंदू बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजें सरकार - NCPCR

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष नें मध्य प्रदेश सरकार से मदरसों की खस्ता हालात बयां करते हुए कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजा जाए। इन संस्थानों में आरटीई अधिनियम के तहत जरूरी बेसिक डेवलपमेंट की भी कमी है।

Advertisment
author-image
Amresh Kushwaha
एडिट
New Update
MP Madrasa Board
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

MP Madrasa Board : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPCR ) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को सामान्य स्कूलों में भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मदरसों की खस्ता हालात है। ये इस्लामी संस्थान शिक्षा के अधिकार ( RTE ) अधिनियम के अंतर्गत नहीं आते हैं।

ये खबर भी पढ़िए...SSC POST PHASE-XII 2024 ADMIT CARD जारी, 20 से 26 जून तक होगा एग्जाम

मदरसों में पढ़ रहे हैं 9 हजार से ज्यादा हिंदू बच्चे

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि मध्य प्रदेश में 1 हजार 755 पंजीकृत मदरसों में 9 हजार 417 हिंदू बच्चे पढ़ रहे हैं। इन संस्थानों में आरटीई ( Right to Education ) अधिनियम के तहत जरूरी बेसिक डेवलपमेंट की भी कमी है।

साथ ही गैर-पंजीकृत मदरसों में पढ़ने वाले मुस्लिम बच्चों को भी सामान्य स्कूलों में भेजा जाना चाहिए। मैं मध्य प्रदेश सरकार से मदरसों में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों को बाहर निकालने का अनुरोध करता हूं।

ये खबर भी पढ़िए...UPSC IES-ISS 2024 Admit Card जारी, 21 से 23 जून तक होगा एग्जाम

शिक्षकों के पास नहीं हैं बीएड की डिग्री : प्रियांक

कानूनगो ने कहा, जिस अधिनियम के तहत एमपी मदरसा बोर्ड अस्तित्व में आया, उसमें मदरसों को परिभाषित किया गया है। इसमें साफ तौर से कहा गया है कि उनमें इस्लामी धार्मिक शिक्षा दी जानी चाहिए। शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा 1 मदरसों को शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दायरे से बाहर रखती है।

ये खबर भी पढ़िए...बोर्ड एग्जाम के दौरान पीरियड्स से जूझ रहीं छात्राओं को मिलेगी राहत, शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों को जारी की एडवायजरी

कानूनगो ने दावा किया कि एनसीपीसीआर के पास मौजूद जानकारी के अनुसार, इन मदरसों के शिक्षकों के पास बी.एड. की डिग्री नहीं है। उन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा भी नहीं दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका बुनियादी ढांचा भी आरटीई अधिनियम के अनुरूप नहीं है।

मुस्लिम बच्चों को भी सामान्य स्कूल में ट्रांसफर करने की मांग

प्रियांक कानूनगो ने हिंदू बच्चों को मदरसों में भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, मदरसों में सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। मैं एमपी सरकार से इसे तुरंत ठीक करने का अनुरोध करता हूं।

ये खबर भी पढ़िए...NEET के रिजल्ट पर बवाल, क्या रद्द हो जाएगी NEET, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कई छात्र

बाल अधिकार निकाय प्रमुख ने आगे कहा कि आरटीई अधिनियम के तहत स्कूल स्थापित करना सरकार का काम है। मदरसा बोर्ड को फंड देना गरीब बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार से वंचित करने जैसा है। जो मुस्लिम बच्चे गैर-पंजीकृत मदरसों में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी तुरंत सामान्य स्कूलों में भेजा जाना चाहिए।

शिक्षा के अधिकार एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो MP Madrasa Board RTE एनसीपीसीआर NCPCR राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग Right To Education