नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़े बदलाव किए हैं। गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वो NEET-UG आयोजित करने में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के कामकाज की समीक्षा के बाद परीक्षा सुधारों पर अपने 7 सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल द्वारा दिए गए सभी जरूरी सुझावों को लागू करेंगे। बता दें कि, पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली ये समिति नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की प्रक्रिया की समीक्षा के बाद बनाई गई थी। इसमें नीट-यूजी (NEET-UG) को पारदर्शी और कदाचार मुक्त बनाने के लिए सुधारों की सिफारिशें भी करने थीं। वहीं, गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस पी एस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि, केंद्र ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और सरकार सभी सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करेगी।
क्या है पूरा मामला...
आपको बता दें कि पिछले साल 2 अगस्त को कदाचार के आरोपों पर लंबी-चौड़ी सुनवाई के बाद कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द करने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा की पवित्रता को प्रभावित करने के तरीकों में गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं हैं। तब से नीट-यूजी (NEET-UG) का यह मुद्दा विवादों से घिरा हुआ है।
कई सुझावों के बाद तैयार हुईं ये सिफारिशें
बता दें कि, कमेटी ने देशभर से मिले 37 हजार 144 सुझावों, 23 बैठकों के बाद ये 101 सिफारिशें तैयार की हैं। इनमें से ये कुछ प्रमुख बाते हैं...
- देशभर में एक हजार टस्टिंग सेंटर बनें। इन्हें सरकारी स्कूल, कॉलेज या संस्थानों में बनाएं। साथ ही निजी संस्थानों को पुलिस मायापन के बाद ही सेंटर बनाएं। छोटे-छोटे इलाकों के लिए बसों के बेड़ों में मोबाइल टेस्टिंग सेंटर बनाए जाएं।
- पेपर सेट करने, पेपर छापने, उसकी स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन सहित पेपर से जुड़ी हर प्रक्रिया के दौरान एनटीए के सीनियर प्रतिनिधि का होना अनिवार्य किया जाए।
- एनटीए उच्च शिक्षा में दाखिले के लिए सिर्फ 15 प्रवेश परीक्षाएं ले और भर्ती परीक्षाएं न ले।
- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का पुनर्गठन किया जाए, 10 वर्टिकल बनें और ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर से निचे के अधिकारी इसमें हों।
- डिजी यात्रा की तर्ज पर डिजी एक्जाम व्यवस्था विकसित की जाए। हर प्रकिय की सीसीटीवी निगरानी में हो और उसके फुटेज एक साल तक सुरक्षित रखे जाएं।
- एनटीए भविष्य की सभी परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर असिस्टेड सिक्योर पेन-पेपर टेस्ट मोड अपनाए।
- छात्रों की शिकायतों का समाधान देने के लिए ग्रीवांस रिपोर्टिंग एंड रिड्रेसल सेल स्थापित हो।
- परीक्षा का तनाव कम करने के लिए मेंटल हेल्थ सेल और मानस की तर्ज पर एक टैली-हेल्पलाइन सेवा शुरु हो।
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