/sootr/media/post_banners/6c9ec6311cf64eaff49edbbdff0bea34e24903be39e3971ae6428e91ce268d13.jpeg)
अंकुश मौर्य, BHOPAL. चुनावी साल है तो मध्यप्रदेश सरकार एक के बाद एक घोषणाएं कर रही है। सरकार ने इस साल अगस्त के महीने तक 1 लाख सरकारी पदों पर भर्तियां करने का भी ऐलान किया है। घोषणा तो कर दी गई है मगर पूरी कैसे होगी, ये सबसे बड़ा सवाल है, क्योंकि अभी अलग-अलग विभागों के 36 हजार पदों पर भर्तियों के लिए परीक्षाएं ली जा चुकी हैं मगर अभी तक उनका रिजल्ट ही नहीं आया।
आचार संहिता लगने से पहले मिलेगा रोजगार?
अब सवाल यही है कि बचे हुए 60 से 70 हजार पदों के लिए परीक्षाएं लेना, उनका रिजल्ट जारी करना और फिर इन पदों पर नियुक्तियां करना क्या ये सबकुछ अगस्त तक हो सकेगा। अगस्त तो छोड़िए क्या आचार संहिता लगने से पहले हो सकेगा।
युवाओं को 1 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा
1 मार्च को विधानसभा में पेश हुए बजट भाषण में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि उनकी सरकार ने युवाओं को 1 लाख सरकारी नौकरियां देने का काम शुरू किया है। इससे पहले सीएम शिवराज से लेकर सरकार के हर मंत्री 1 लाख नौकरियां देने की बातों को दोहराते आ रहे हैं। पिछले साल 15 अगस्त 2022 से प्रक्रिया शुरू हुई, जो 15 अगस्त 2023 तक चलेगी।
सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक
- प्रदेश में 1 लाख 12 हजार 724 सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है
सामान्य प्रशासन विभाग के मुताबिक 15 अगस्त 2022 से लेकर 31 अक्टूबर तक 36 हजार 235 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं। नवंबर 2022 के महीने में सरकार की तरफ से जानकारी दी गई थी कि 9 अगस्त 2022 से लेकर अक्टूबर 2022 तक 8 विभागों में 1595 पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। सरकार का दावा है कि ये प्रक्रिया अभी भी जारी है। सरकार ने पदों पर भर्ती के लिए कर्मचारी चयन मंडल जो पहले प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड और उससे पहले व्यापम यानी व्यवसायिक परीक्षा मंडल के नाम से पहचाना जाता था उसे एजेंसी बनाया है।
वीडियो देखें.. 1 लाख नौकरी देने में सरकार को दुविधा!
30 हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी
अब जो 30 हजार पदों के लिए कर्मचारी चयन मंडल ने विज्ञापन जारी किए हैं। उसमें फॉर्म भरने से लेकर रिजल्ट आने और फिर विभागों की नियुक्ति होने तक की जो प्रोसेस है वो कछुए की चाल से चल रही हैं। अगस्त 2022 से लेकर अब तक यानी 8 महीने में 12 विज्ञापन कर्मचारी चयन मंडल की तरफ से जारी किए गए हैं। मगर कोई भी भर्ती नियुक्ति तक नहीं पहुंच सकी है।
द सूत्र ने इन सभी 12 विज्ञापनों की पूरी पड़ताल की पहले तो आपको चुनिंदा उदाहरण बताते हैं कि विज्ञापन जारी होने के बाद कब परीक्षा हुई और रिजल्ट का क्या हुआ।
36 हजार पदों पर भर्ती का क्या स्टेटस?
पोस्ट- ITI ट्रेनिंग ऑफिसर
- कुल पद- 304
पोस्ट- पैरामेडिकल और नर्सिंग समूह की भर्ती
- कुल पद - 1261
पोस्ट- आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा
- कुल पद- 462
ये तो हमने आपको तीन उदाहरण बताएं कुछ पदों पर एग्जाम हो चुके हैं। रिजल्ट भी आ गया मगर भर्तियां नहीं हुईं। कुछ पदों की अभी परीक्षा हुई है मगर रिजल्ट नहीं आया। अब कुछ परीक्षाएं ऐसी थी जो हो चुकी हैं मगर उनका रिजल्ट ही नहीं आया। एनएचएम दफ्तर के बाहर छात्रों ने आंदोलन किया। इन्होंने पिछले साल 3 और 4 अगस्त को संविदा फार्मासिस्ट और नर्सिंग की परीक्षा दी थी। एग्जाम होने के बाद आज तक रिजल्ट जारी नहीं हुआ। कहने का मतलब ये है कि अगस्त के बाद भर्ती पदों पर एग्जाम हुए और रिजल्ट घोषित करने में ही 7 महीने का समय लग गया। अब विभाग में नियुक्ति कब होगी ये कहना मुश्किल है।
कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा लेने की कैपेसिटी नहीं
अब सरकार ने जो करीब 36 हजार पदों के लिए विज्ञापन निकाले हैं, इनमें से अभी कुछ पदों की तो परीक्षाएं होना बाकी हैं। इनमें पटवारी, वन रक्षक, जेल प्रहरी, हाई स्कूल, मिडिल स्कूल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट जैसे पद हैं, लेकिन ये पद अगस्त तक भर पाना मुश्किल है। मुश्किल इसलिए क्योंकि कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा लेने की कैपेसिटी ही नहीं है।
- फरवरी के महीने में कर्मचारी चयन मंडल ने आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित की मगर ये परीक्षा 7 दिनों तक चलती रही। वजह रही आवेदकों की संख्या..
पटवारी के 11 हजार पदों के लिए 13 लाख आवेदन आए हैं
- 15 मार्च से परीक्षाएं शुरू होंगी
महीनों तक एग्जाम होगी उसके बाद रिजल्ट तय करने में 2 महीने का समय और लगेगा यानी जिन 36 हजार पदों के लिए पिछले साल से परीक्षा ली गई है उसकी पूरी कवायद जून-जुलाई तक पूरी होगी। अब एक और आंकड़ा बताते हैं कि..
- इन 36 हजार पदों के लिए करीब 36 लाख 61 हजार आवेदन आए हैं
अभी बाकी बचे हुए पदों के लिए विज्ञापन भी जारी नहीं हुआ है। ऐसे में कैसे होंगी भर्तियां। ये सवाल जब सामान्य प्रशासन विभाग के राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार से पूछा तो सुनिए क्या जवाब मिला। मंत्री जी कह रहे हैं कि परेशानियां होती तो पता चलता, लेकिन मंत्रीजी जब परेशानी नहीं है तो फिर सीएस की अध्यक्षता में भर्तियों को लेकर हर 3 दिन में मंत्रालय में बैठक क्यों हो रही है। भर्तियों को लेकर मंत्रालय के आला अधिकारी इस बात को लेकर परेशान क्यों हैं कि कैसे होगी एग्जाम। कैसे जारी होगा रिजल्ट और कैसे होंगी नियुक्तियां और ये सबकुछ आचार संहिता के पहले हो सकेगा या नहीं, कवायद इसी बात की चल रही है।