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आजकल, बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में एक नया और रोचक ट्रेंड उभरकर सामने आ रहा है - "Un-schooling". यह पारंपरिक स्कूलिंग से एक अलग और अनोखा तरीका है, जिसमें बच्चों को बिना किसी नियम और व्यवस्था के सीखने का अवसर मिलता है।
इसमें बच्चों को अपनी गति से सीखने की स्वतंत्रता मिलती है और उनका ध्यान केवल किताबों और कक्षाओं तक सीमित नहीं रहता। इस तरह की शिक्षा सिस्टम में माता-पिता को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है, क्योंकि वे बच्चों के सीखने के गाइड बनते हैं।
आइए Un-schooling के फायदे और नुकसानों के बारे में जानते हैं।
🌱 Un-schooling क्या है?
Un-schooling एक शिक्षा पद्धति है जो पारंपरिक शिक्षा सिस्टम से पूरी तरह अलग होती है। इसमें बच्चों को किसी भी स्कूल में भेजने के बजाय, वे घर पर अपने हिसाब से सीखते हैं। यहां बच्चों की रुचि, कक्षा के बाहर की गतिविधियां और अनुभवों के आधार पर शिक्षा दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की रचनात्मकता और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है।
💡 Un-schooling के फायदे
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स्वतंत्रता और रचनात्मकता
Un-schooling बच्चों को सीखने के लिए पूरी स्वतंत्रता देता है। वे अपनी रुचि के अनुसार अध्ययन करते हैं, जो उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। यह बच्चों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का विकास करता है। -
समय की लचीलापन
पारंपरिक स्कूलों में निश्चित समय और नियम होते हैं, लेकिन Un-schooling में बच्चों को खुद के समय की योजना बनाने का अवसर मिलता है। इससे उन्हें अपने रुचियों और शौकों के लिए अधिक समय मिल पाता है। -
व्यक्तिगत ध्यान
Un-schooling में बच्चों को अधिक व्यक्तिगत ध्यान मिलता है। माता-पिता बच्चों के शिक्षा में अधिक सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, जिससे बच्चों को अपनी जरूरतों के हिसाब से सहायता मिलती है। -
समाजिक और मानसिक विकास
Un-schooling में बच्चे केवल किताबों से नहीं, बल्कि विभिन्न अनुभवों, कार्यों और गतिविधियों से भी सीखते हैं। यह उनके समाजिक और मानसिक विकास में मदद करता है।
⚠️ Un-schooling के नुकसान
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समाजिक इंटरव्यू की कमी
पारंपरिक स्कूलों में बच्चों को अन्य बच्चों के साथ समाजिक रूप से संपर्क करने का मौका मिलता है, जबकि Un-schooling में यह अवसर कम हो सकता है। इससे बच्चे समाजिक रूप से पिछड़ सकते हैं। -
अवधि में शिक्षा का विस्तार
Un-schooling में माता-पिता को अधिक समय और ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। अगर सही तरीके से मार्गदर्शन न मिले, तो बच्चों के लिए समुचित शिक्षा हासिल करना कठिन हो सकता है। -
आधिकारिक प्रमाणपत्रों की कमी
स्कूलिंग में बच्चों को प्रमाणपत्र मिलते हैं, लेकिन Un-schooling में यह मुद्दा जटिल हो सकता है। बच्चों को उच्च शिक्षा या नौकरी के अवसर प्राप्त करने में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि आधिकारिक प्रमाणपत्र की कमी हो सकती है।
👨👩👧👦माता-पिता की भूमिका
Un-schooling में माता-पिता की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। वे बच्चों के गाइड और इंस्पिरेशन होते हैं। माता-पिता को बच्चों के स्वभाव, रुचियों और जरूरतों को समझने की आवश्यकता होती है ताकि वे उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकें।
इसके अलावा, बच्चों को रचनात्मक कार्यों, खेलों, यात्रा, और शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से सीखने का अवसर देना जरूरी है।
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