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अमेरिका ने भारतीय और अन्य विदेशी छात्रों को सख्त चेतावनी जारी की है। अमेरिका ने कहा है कि अगर कोई छात्र अपनी कक्षाएं छोड़ता है या बिना सूचना के अपने स्टडी प्रोग्राम से हटता है, तो उसका छात्र वीजा रद्द किया जा सकता है। यह निर्णय ट्रंप प्रशासन की अवैध प्रवास रोकने की नीतियों के तहत आया है।
ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियां
ट्रंप सरकार ने विदेशी छात्रों के वीजा नियमों को काफी सख्त कर दिया है। हार्वर्ड विश्वविद्यालय को नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन की अनुमति रोकने जैसे कदम इस नीति का हिस्सा हैं। इसके चलते हजारों विदेशी छात्रों का दाखिला प्रभावित हुआ है, जिनमें लगभग 788 भारतीय छात्र भी शामिल हैं।
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SEVIS सिस्टम और वीजा कैंसलेशन
बता दें कि, अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा संचालित SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) पर छात्रों की निगरानी होती है।
कई बार छात्रों और विश्वविद्यालयों को पता नहीं चलता कि उनकी जानकारी SEVIS से हटा दी गई है। यह छात्रों के लिए खतरा बन सकता है क्योंकि वीजा रद्द होने के बाद भविष्य में अमेरिका का वीजा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।
OPT कार्यक्रम पर संकट
वहीं, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए "ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT)" कार्यक्रम को खत्म करने की योजना पर भी विचार चल रहा है। OPT के तहत छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका में काम कर सकते हैं।
अमेरिकी सांसदों द्वारा "उच्च कुशल अमेरिकियों के लिए निष्पक्षता अधिनियम 2025" में इस कार्यक्रम को समाप्त करने का प्रस्ताव है। USCIS के प्रमुख जोसेफ एडलो ने भी OPT और STEM OPT कार्यक्रमों को खत्म करने का समर्थन किया है।
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वीजा इंटरव्यू पर रोक
द गार्जियन के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने सभी अमेरिकी दूतावासों को निर्देश दिया है कि वे अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा के लिए नए इंटरव्यू न लें। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सरकार छात्र और एक्सचेंज विजिटर वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया की जांच बढ़ाने की योजना बना रही है।
द गार्जियन के मुताबिक, विदेश विभाग ने मंगलवार को एक संदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जब तक नए दिशा-निर्देश नहीं आते, तब तक दूतावासों में छात्र और एक्सचेंज विजिटर (एफ, एम, जे) वीजा के लिए कोई नई नियुक्ति नहीं होगी। इस रोक से वीजा प्रक्रिया में लंबी देरी होने की संभावना है।
सोशल मीडिया जांच का विस्तार
नई नीति के तहत, वाणिज्य दूतावास अधिकारी इंस्टाग्राम, टिकटॉक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आवेदकों की पोस्ट, लाइक, कमेंट और शेयर की निगरानी करेंगे।
इसका मकसद ऐसी किसी भी सामग्री की पहचान करना है जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाए। यह रोक उन विश्वविद्यालयों के लिए चिंताजनक है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों की फीस पर निर्भर हैं।
NAFSA एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले वर्ष अमेरिका में दस लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ रहे थे, जिन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में लगभग 43.8 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है।
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SEVIS क्या है
SEVIS (Student and Exchange Visitor Information System) एक ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम है जिसे अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग संचालित करता है। यह विदेशी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनाई गई है।
SEVIS के माध्यम से छात्रों के कोर्स, एडमिशन और वीजा की स्थिति की जानकारी रखी जाती है। अगर छात्र की जानकारी इस सिस्टम से हट जाती है तो उसका वीजा रद्द हो सकता है, जिससे अमेरिका में पढ़ाई मुश्किल हो जाती है।
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