डॉ. अजय चंद्राकर, RAIPUR. अभी चुनाव होने पर कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही है। वर्तमान कांग्रेस की सरकार को औसत 5.7 प्रतिशत विकास दर में सरकार का संचालन करना पड़ा है। कोरोना जैसी महामारी से निपटने के बावजूद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को लेकर यह सरकार लगातार पिछले पौने 5 वर्षों से कार्यरत रही। बाकी सामाजिक रूप से भी छत्तीसगढ़ियावाद का फायदा कांग्रेस को मिलता दिख रहा है, सेवा और आर्थिक क्षेत्र में इस तरह नीतियां रही जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली हैं। कांग्रेस की सरकार को इसलिए 10 में से 8 अंक दिया जा सकते हैं।
बीजेपी ने किया भौतिक विकास, कांग्रेस ग्रामीणों तक पहुंची
बीजेपी के 15 सालों के शासन को देखें तो भौतिक विकास प्रदेश का तेजी से हुआ है। लेकिन प्रदेश की जनता के बीच खासतौर पर ग्रामीण आबादी के लिए वो सरकार उतनी करीब नहीं पहुंच पाई जितना वर्तमान सरकार छत्तीसगढ़ी तीज-त्योहारों को बढ़ावा देकर, धान की लगातार कीमतें बढ़ाकर पहुंच गई है। हालांकि उन वर्षों में भारत की औसत विकास दर 8 रही। अभी चुनाव होने की स्थिति में बीजेपी को 5 अंक दिए जा सकते हैं।
अभी चुनाव हों तो दोबारा बनेगी कांग्रेस सरकार
अभी चुनाव हो जाएं तो लगता है कांग्रेस की सरकार दोबारा बनेगी। हालांकि यह स्पष्ट दिख रहा है कि उसकी सीटें काफी कम हो जाएंगी। भारतीय जनता पार्टी की सीटें बढ़ेंगी, लेकिन कांग्रेस बहुमत के निकट रहेगी। लगभग 50 सीटें। कांग्रेस के अनेक मंत्री हारेंगे। कुछ विधायक भी क्योंकि उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता को निराश किया। भूपेश बघेल के चेहरे पर ही चुनाव होगा। मुख्यमंत्री की ग्रामीण छवि और गांव से जुड़ी हुई अनेक योजनाओं का लाभ कांग्रेस को मिलेगा। नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी, गौठान, गौमूत्र और गोबर खरीदी जैसी योजनाओं के साथ ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहन देना, किसानों के प्रति उदारता आदि का लाभ कांग्रेस को मिल सकता है। अनेक कस्बों में अंग्रेजी स्कूलों की शुरुआत भी कांग्रेस की अच्छी पहल रही। लेकिन अंतत: यह लोकतंत्र है जनता के मन में क्या चल रहा है, इसे 100 फीसदी जान पाना बहुत कठिन है। जहां तक नंबर देने की बात है, फिलहाल की स्थिति में कांग्रेस को 7 नंबर और बीजेपी को 4 नंबर। लेकिन एक बार फिर कह रहा हूं कि अंतिम मास्टर जनता है। वही गुप्त रूप से कॉपी जांचेगी और अपने नंबर देगी।
अब कांग्रेस को टक्कर देने की स्थिति में बीजेपी
लोकतंत्र में सारे अनुमान अक्सर फेल हुए हैं। मोटे तौर पर पिछले 5 वर्षों में मैंने जो महसूस किया, उसके हिसाब से मुझे लगता है कि कांग्रेस का पलड़ा भारी है। यह और बात है कि 2023 में भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस को जबरदस्त टक्कर देने की स्थिति में आ गई है। बीजेपी, कांग्रेस के उन वादों को जनता के बीच ले जाएगी, जिन वादों को कांग्रेस पूरा नहीं कर सकी। हाथ में गंगा जल लेकर भी। जैसे शराबबंदी का वादा। अन्य कुछ और वादे अधूरे रहे। इससे कांग्रेस की छवि धूमिल तो हुई है।
कांग्रेस का पलड़ा भारी
अभी चुनाव हो जाएं तो कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है, यानी कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही है। कहीं एंटीइन्कंबेंसी नजर नहीं आई। किसी भी सरकार के 5 साल तक शासन में रहने के बाद एंटीइन्कंबेसी का नहीं दिखाई देना फायदे की बात है। PSC में हुई गड़बड़ियों का मामला यूथ के बीच खासा चर्चा में है। ED की कार्रवाई और भ्रष्टाचार के आरोप बहुत असरकारक नहीं दिख रहे, क्योंकि लोगों के बीच यह संदेश बिल्कुल साफ है कि छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में केवल गैरभाजपाई राज्यों में ED का छापा पड़ा है। वहीं महाराष्ट्र बड़ा उदाहरण है जिसको लेकर लोगों के बीच चर्चा है कि मोदी जी के साथ हो जाओ तो सारे दाग धुल जाएंगे।
छत्तीसगढ़ बीजेपी एकजुट नहीं
छत्तीसगढ़ में बीजेपी पूरी तरह एकजुट नहीं दिख रही। केंद्रीय टीम हर चीज तय कर रही है। स्थानीय पदाधिकारियों की भूमिका केवल उनके आदेशों का पालन करने वाली है। ऐसे हालात में चुनाव में प्रदर्शन विपरीत परिणाम देने वाले हो सकते हैं। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए मैं कांग्रेस को 10 में से 7 और बीजेपी को 4 अंक दूंगा।