JAIPUR से मनीष गोधा
राजस्थान सरकार से बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा की लाल डायरी ने एक बड़े चुनावी मुद्दे की तलाश कर रही भाजपा को जैसे संजीवनी बूटी दे दी है। जुलाई 2020 में कांग्रेस सरकार में बगावत के बाद से मुख्यमंत्री लगातार भाजपा पर आरोप लगा रहे थे कि इसने करोड़ो रुपए के ऑफर देकर विधायकों को खरीदने की कोशिश की, लेकिन इस लाल डायरी के बाद अब भाजपा उल्टे गहलोत से ऐसे ही सवाल पूछती दिख रही है कि आखिर इस लाल डायरी में ऐसे कौनसे ब्यौरे दर्ज हैं, जो सरकार छिपा रही है।
गहलोत लगा रहे थे विधायकों को करोड़ों देने के आरोप
जुलाई 2020 में जब सचिन पायलट कुछ विधायकों को लेकर मानेसर चले गए थे और राजस्थान की कांग्रेस सरकार संकट में पड़ गई थी तब से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अक्सर भाजपा पर यह आरोप लगाते थे कि भाजपा ने विधायकों को करोड़ों रुपए देकर सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन विधायकों ने भाजपा का ऑफर ठुकरा दिया और हमारे साथ बने रहे। इसके लिए वे विधायकों का शुक्रिया भी अदा करते थे। जिन राजेन्द्र गुढ़ा को गहलोत ने पद से बर्खास्त किया है, उनके खुद के क्षेत्र में जाकर गहलोत ने गुढ़ा के लिए भी ऐसा ही कुछ कहा था।
अब भाजपा पूछ रही सवाल
गुढ़ा की रहस्यमयी लाल डायरी का प्रकरण सामने आने के बाद अब भाजपा को बड़ा मुद्दा मिल गया है। गहलोत के महंगाई राहत शिविरों और लोकलुभावन ऐलानों की कोई बड़ी काट भाजपा को नहीं मिल रही थी। ऐसे में लाल डायरी का मुद्दा पार्टी के लिए संजीवनी बनकर आया है। यही कारण है कि पार्टी ने हाथों-हाथ मुद्दे को लपक लिया और दिल्ली में केन्द्रीय नेताओं से लेकर राज्य के नेताओं के बयान अब इसी लाल डायरी के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं। पार्टी का सोशल मीडिया सेल भी गुढ़ा के उस बयान को जमकर वायरल कर रहा है, जिसमें वे कह रहे हैं कि डायरी में गहलोत और उनके बेटे के नाम हैं और यह बताया गया है कि किस चुनाव में किस विधायक को कितने पैसे दिए गए और लेन-देन भी छोटा-मोटा नहीं 500-600 करोड़ रुपए तक का है। भाजपा के नेता लाल डायरी के मुद्दे को सदन से सड़क तक ले जाने का ऐलान कर चुके हैं।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि जनता जानना चाहती है कि आखिर इस लाल डायरी में सरकार के कौनसे काले कारनामे हैं। क्या लाल डायरी में जनता के लूटे हुए पैसे दिल्ली में बैठे कांग्रेस के आकाओं को देने का हिसाब है, यह स्पष्ट होना चाहिए।
कांग्रेस दिख रही डिफेसिंव मोड में
राजेन्द्र गुढ़ा के मामले में कांग्रेस डिफेंसिव मोड में दिख रही है। पार्टी गुढ़ा पर भाजपा से मिलीभगत का संदेह जता चुकी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा कह चुके हैं कि यह राजेन्द्र राठौड़ और भाजपा की साजिश हो सकती है और हम इसकी जांच कराएंगे। वहीं लाल डायरी को उनके नेता फर्जी कह कर खारिज कर रहे हैं। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल इसे पूरी तरह फेब्रिकेटेड स्टोरी बता रहे हैं और उनका कहना है कि भाजपा के साथ मिलीभगत कर सारा काम किया गया है।
भाजपा को बड़ा मुद्दा मिला है
वरिष्ठ आर्थिक और राजनीतिक विश्लेषक अनिल शर्मा मानते हैं कि इस पूरे प्रकरण में भाजपा को एक बड़ा मुद्दा मिला है। पार्टी को ऐसे एक मुद्दे की शिद्दत से तलाश थी और अब पार्टी के पास चुनाव तक के लिए यह बड़ा मुद्दा सरकार के खिलाफ हो गया है। कांग्रेस को इसकी काट ढूंढनी पड़ेगी।