आधी- अधूरी सेना के सेनापति गोविंद सिंह डोटासरा, तीन साल बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता पूछ रहे कब पूरा होगा इंतजार

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Chakresh
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आधी- अधूरी सेना के सेनापति गोविंद सिंह डोटासरा, तीन साल बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ता पूछ रहे कब पूरा होगा इंतजार

JAIPUR. राजस्थान के आगामी चुनावों के लिए पार्टी के 2 बड़े नेताओं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को एकजुट करने में व्यस्त कांग्रेस आलाकमान पार्टी के निचले स्तर के संगठन की ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। पार्टी संगठन का विस्तार और जिला अध्यक्षों और उनकी टीम का गठन लंबे समय से अटका हुआ है। पार्टी कार्यकर्ता कह रहे हैं कि तरफ बीजेपी है, जहां नए अध्यक्ष सीपी जोशी ने काम संभालने के बाद सिर्फ 3 महीने में ही अपनी टीम बना ली और अग्रिम संगठनों में भी फेरबदल कर दिया। दूसरी ओर हमारी पार्टी है, जहां मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पद पर आए 3 साल हो गए हैं, लेकिन ना वे अपनी टीम का विस्तार कर पा रहे हैं और न ही निचले स्तर पर संगठन खड़ा हो पा रहा है।

गोविंद सिंह डोटासरा आज से 3 साल पहले जुलाई 2020 में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर आए राजनीतिक संकट के समय अध्यक्ष बनाए गए थे। उस समय तत्कालीन अध्यक्ष सचिन पायलट की पार्टी से बगावत के बाद उन्हें पद से हटाया गया था और गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी। वह 13 जुलाई को अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं, लेकिन अब भी उन्हें इस बात का इंतजार है कि पार्टी आलाकमान को अपनी टीम और जिला अध्यक्षों की जो सूचियां वह कई बार सौंप कर आ चुके हैं, उन्हें हरी झंडी मिल जाए।



तीन प्रभारी भी कुछ नहीं कर पाए




राजस्थान में पार्टी के संगठन विस्तार और जिला वे निचले स्तर तक संगठन तैयार करने के मामले में कांग्रेस आलाकमान किस हद तक अनदेखी कर रहा है, इस बात का सबूत इससे मिलता है कि पिछले 3 साल में तीन प्रभारी यह नियुक्त किए जा चुके हैं लेकिन इनमें से एक भी राजस्थान में संगठनात्मक नियुक्तियों को पूरी तरह अंजाम नहीं दे पाया है।

डोटासरा जब अध्यक्ष बनाए गए थे, तब प्रभारी के रूप में अविनाश पांडे काम कर रहे थे जो पार्टी के दो बड़े नेताओं के बीच की राजनीति और खींचतान के शिकार हो गए और संगठनात्मक विस्तार पर ध्यान ही नहीं दे पाए। उनके बाद अजय माकन को प्रभारी बनाया गया। उनके प्रभारी रहते गोविंद सिंह डोटासरा की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन तो हुआ, लेकिन जिला अध्यक्ष और अन्य नियुक्तियां नहीं हो पाईं। प्रदेश के दोनों बड़े नेताओं की खींचतान के चक्कर में माकन को भी इस पद से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा और अब सुखजिंदर सिंह रंधावा राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी हैं। प्रभारी बनने के बाद से वे कई बार यह दावा कर चुके हैं कि जिला अध्यक्षों और संगठन की अन्य नियुक्तियां एक- दो दिन में होने वाली हैं या जल्द होने वाली हैं, लेकिन यह एक-दो दिन पूरे ही नहीं हो पा रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रंधावा की मंजूरी के बाद पिछले दिनों 85 प्रदेश सचिवों की नियुक्ति कर भी दी थी, लेकिन पार्टी आलाकमान ने इसे अपने क्षेत्राधिकार में दखल माना और इस सूची को होल्ड कर दिया गया। इस बात को भी लगभग 15 दिन बीत चुके हैं और अभी तक सूची क्लियर नहीं हो पाई है। ऐसे में अब डोटासरा चुनाव से 3 महीने पहले भी कांग्रेस आलाकमान की ओर देख रहे हैं कि वह उन्हें काम करने के लिए पूरा संगठन दे दें।

13 जुलाई, 2020 को जब डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, तो प्रदेश कांग्रेस की पुरानी पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया। उसके छह महीने तक तो डोटासरा राजस्थान में कांग्रेस के एकमात्र पदाधिकारी रहे। इसी बीच डोटासरा के सौंपे नामों के अनुसार नवंबर 2021 में 13 जिला अध्यक्ष बनाए गए, लेकिन इनमें से भी पांच जिला अध्यक्षों को भी पद इसलिए छोड़ने पड़े, क्योंकि वह लगातार 5 साल तक इस पद पर रह चुके थे और उदयपुर कांग्रेस अधिवेशन के नए नियमों के चलते उन्हें पद छोड़ने पड़े। हालांकि पिछले साल डोटासरा प्रदेश में कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष बनाने में कामयाब रहे, लेकिन इन सभी पदाधिकारियों को चलाने के लिए जो टीम डोटासरा को चाहिए वह अब तक उन्हें नहीं मिल सकी है।  



85 सचिवों की नियुक्ति भी अधरझूल में




हाल में प्रदेश कांग्रेस में की गई 85 सचिवों की नियुक्ति पर भी पार्टी हाईकमान की ओर से रोक लगा दी थी। इसके बाद सचिवों की नियुक्ति भी अधरझूल में हैं। प्रदेश प्रभारी रंधावा की स्वीकृति के बाद पीसीसी चीफ डोटासरा ने अपने स्तर पर सचिवों की नियुक्ति कर दी थी।



अब फिर जगी है उम्मीद




संगठनात्मक नियुक्तियों के मामले में अब एक बार फिर उम्मीद जगी है क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच खींचतान का मुद्दा अब खत्म होता दिख रहा है। पायलट के हालिया बयान यह बता रहे हैं कि वह सब- कुछ भूलकर एकजुटता से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कम से कम अब कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में पार्टी की संगठनात्मक नियुक्तियों की ओर ध्यान देगा और सूचियां जल्द जारी हो जाएंगी



कौन हैं  राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा  (Who is Govind Singh Dotasara?)




राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की प्रदेश के प्रमुख जाट राजनेताओं में गिनती की जाती हैं। स्वभाव से बेहद सख्त माने जाते हैं। बहुत बार अपने बयानों और कठोर निर्णयों के कारण चर्चा का विषय भी रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों में गोविंद सिंह डोटासरा का नाम लिया जाता है।  


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