डायरेक्टर प्रकाश झा (Director Prakash Jha) अपने बोल्ड सब्जेक्ट (Bold Subject) के लिए जाने जाते हैं। गंगाजल से लेकर सत्याग्रह और अब आश्रम, प्रकाश की करीब हर फिल्म को लेकर बवाल हुआ। मुश्किलों का सामना करने के बाद भी प्रकाश दमदार कहानियों को पर्दे पर लाते रहे हैं। आइए, समझते हैं कि आखिर उनकी फिल्मों में ऐसी भी क्या बात है कि विवाद हो जाता है...
आश्रम
इस वक्त बॉबी देओल स्टारर वेब सीरीज 'आश्रम' पर विवाद है। तीसरे सीजन की शूटिंग भोपाल में चल रही है। सेट पर बजरंग दल के लोगों ने मारपीट की और सेट पर तोड़फोड़ मचाई। सीरीज में एक ऐसे ढोंगी बाबा की कहानी दिखाई जा रही है, जो अच्छाई का चोला पहनकर काले काम करता है। अब सीरीज का नाम बदलने को कहा जा रहा है।
राजनीति
रणबीर कपूर और कटरीना कैफ स्टारर 'राजनीति' को भी विवाद हुए थे। नाना पाटेकर ने फिल्म को बीच में छोड़ दिया था, तो एक राइटर ने आरोप लगाया था कि फिल्म की कहानी उसकी लिखी कहानी से मिलती है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि कटरीना का किरदार सोनिया गांधी पर आधारित है। हालांकि, फिल्म का अंत आते-आते UA सर्टिफिकेट मिल गया था। इसकी कीमत उन्होंने कटरीना और अर्जुन रामपाल के बीच इंटीमेट सीन्स को काटकर और कुछ गालियों को डिलीट करके चुकाई थी।
लिपस्टिक अंडर माय बुर्का
2017 में फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को लेकर भी कई विवाद हुए थे। इस फिल्म में महिला सशक्तिकरण और सेक्सुअलिटी से जुड़ी कहानी को दिखाया गया था। उस समय सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC- सेंसर बोर्ड) चीफ रहे पहलाज निहलानी ने अजीबोगरीब कारण देते हुए इसे सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था। बाद में चीजें ठीक हुईं और फिल्म रिलीज हुई।
सत्याग्रह
2012 में फिल्म सत्याग्रह के भोपाल में लगे सेट पर हंगामा हुआ था। एक लोकल एक्शन ग्रुप ने 19वीं शताब्दी में बने बेनजीर पैलेस के पास टार की रोड बनाने और शूटिंग पर आपत्ति जताई थी। मामला इतना बड़ा हो गया था कि नेशनल मोन्यूमेंट अथॉरिटी, फिर बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंचा। फिल्म को रिलीज करने के लिए प्रकाश और उनके साथियों ने बड़ी लड़ाई लड़ी और बाद में फिल्म रिलीज करने में कामयाब रहे।
चक्रव्यूह
फिल्म चक्रव्यूह में भी विवाद हो गया था। फिल्म के एक गाने को लेकर विवाद शुरू हुआ था, जिसमें 'टाटा', 'बिड़ला', 'बाटा' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। जूते की कंपनी ने एक पिटीशन फाइल की थी, जिसमें गाने को बदनामी करने वाला बताया गया। सुप्रीम कोर्ट ने काफी मशक्कत के बाद फिल्म को रिलीज होने की अनुमति दी। साथ ही ये भी कहा कि गाने को लेकर शुरुआत में डिस्क्लेमर दिया जाए।
आरक्षण
इसकी शूटिंग भी भोपाल में हुई थी। फिल्म का विषय जाति के आधार पर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में मिलने वाला रिजर्वेशन था। फिल्म की रिलीज से पहले दलित समुदाय नाराज हो गया। फिल्म को एंटी-दलित बताया गया। उन्हें सैफ अली खान के किरदार से दिक्कत थी, जो एक दलित लीडर था। वहीं, राजस्थान की करणी सेना को लगा था कि ऊंची जाति को इस फिल्म में खराब दिखाया जा रहा है।
जय गंगाजल
गंगाजल फिल्म को लेकर कोई बड़ा विवाद तो नहीं हुआ था, लेकिन साधु यादव का नाम होने से उनके सपोर्टर नाराज हो गए थे। वहीं, प्रियंका चोपड़ा के साथ बनी फिल्म 'जय गंगाजल' को लेकर सेंसर बोर्ड ने काफी आपत्ति जताई थी। फिल्म में 50 कट लगाए गए थे, जिससे इसका पूरा स्ट्रक्चर ही बदल गया था। हालांकि, रिलीज के बाद फिल्म को पसंद किया गया था। शूटिंग मध्य प्रदेश में हुई थी। एमपी में इसे टैक्स फ्री भी कर दिया गया था।