चेन्नई. साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। उन्होंने इसकी जानकारी अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर की। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की। दादा साहब फाल्के अवॉर्ड देश का सबसे प्रतिष्ठित आवॉर्ड है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें यह दुख है कि उनके गुरु केबी (के बालाचंदर) सर उन्हें ये अवॉर्ड मिलते हुए देखने के लिए जीवित नहीं है।
कल दिल्ली पहुंचेंगे
उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मुझे कोई उम्मीद नहीं थी कि मुझे आवॉर्ड मिलेगा। मीडिया रिपोर्टस की माने तो रजनीकांत कल दिल्ली पहुंचेंगे। बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि सुपरस्टार रजनीकांत को पिछले चार दशकों से भारतीय सिनेमा में उनके योग्यदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के आवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। कोरोना की वजह से आवॉर्ड फक्शन देरी से हो रहा है।
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— Rajinikanth (@rajinikanth) October 24, 2021
पद्म भूषण और विभूषण से सम्मानित
रजनीकांत इससे पहले 2000 में पद्म भूषण और 2016 में पद्म विभूषण मिला था। रजनीकांत ने तमिल सिनेमा में 'अपूर्व रागंगल' से डेब्यू किया था. उनकी कई हिट फिल्मों में 'बाशा', 'शिवाजी' और 'एंथिरन' जैसी फिल्में हैं. वे अपने फैंस के बीच थलाइवर (नेता) के रूप में जाने जाते हैं। हाल के वर्षो में यह पुरस्कार पाने वालों में अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, फिल्म निर्माता के. विश्वनाथ और मनोज कुमार शामिल हैं.
कुली से हीरो बनने तक का सफर
रजनीकांत फिल्मों में आने से पहले कुली और कंडक्टर का काम कर चुके है। उन्होंने के बी की फिल्म अपूर्वा रागनगाल से अपना कैरियर की शुरुआत की थी। और फिर कभी मुड़कर नहीं देखा। रजनीकांत का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ था, लेकिन रजनीकांत ने ही उन्हें पहचान दिलाई। बचपन काफी गरीबी में बीता पर उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। नेगेटिव रोल के बाद पहली बार उन्हें एसपी मुथुरमन की फिल्म भुवन ओरु केल्विकुरी में पहली बार पॉजिटिव रोल में दिखे ।