MUMBAI: शराबी की एक्टिंग कर बस कंडक्टर ने चमकाई अपनी किस्मत, Whiskey brand के नाम पर रखा गुरूदत्त ने नाम, 300 से ज्यादा की फिल्म

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The Sootr CG
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MUMBAI: शराबी की एक्टिंग कर बस कंडक्टर ने चमकाई अपनी किस्मत, Whiskey brand के नाम पर रखा गुरूदत्त ने नाम, 300 से ज्यादा की फिल्म

MUMBAI. आज (29 जुलाई) जॉनी वॉकर की 19वीं डेथ एनिवर्सरी है। जॉनी वॉकर 50 से 70 के दशक के सबसे बेस्ट कॉमेडियन माने जाते थे। जॉनी ने 4 साल तक फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया। जॉनी हमेशा से फिल्मों का हिस्सा नहीं रहे। एक समय ऐसा भी था जब वे बस कंडक्टर थे। बाद में उन्होंने बतौर कॉमेडियन अपनी पहचान बनाई। जॉनी करीब 300 फिल्मों में काम किया था। जॉनी फिल्म इंडस्ट्री के पहले एक्टर थे जिन्होंने पर्सनल मैनेजर रखा था। साथ ही वे संडे को शूटिंग से ऑफ रखते थे। जॉनी के गाने फिल्म में रखने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स फिल्म मेकर्स को ज्यादा पैसे देते थे। जॉनी ही वो एक्टर रहे हैं जिन्होंने फिल्मों में टैक्सी ड्राइवर्स की लैंग्वेज बोलना करना शुरू किया था। 



बस कंडक्टर की नौकरी करी



जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवंबर 1926 को हुआ था। वो 10 भाई बहनों में दूसरे नंबर के थे। पिता की नौकरी जाने के बाद जॉनी और उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया। मुंबई आने के बाद उनके पिता की पहचान से जॉनी की बस कंडक्टर की नौकरी लग गई। तब जॉनी महीने का 26 रुपए कमाते थे। वे शुरू से हंसमुख इंसान रहे। उनका कॉमिक टाइमिंग भी कमाल का था। वो एक्टर्स की मिमिक्री भी शानदार किया करते थे। वे इसी कॉमेडियन अंदाज में यात्रियों को बुलाया करते थे। वे अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लेते थे। जॉनी को ये भी लगता था कि शायद कभी कोई फिल्म का डायरेक्टर उनसे इंप्रेस हो जाएगा और उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट कर लेगा।



गुरूदत्त हुए थे जॉनी से नाराज



जॉनी ने फिल्म स्टूडियोज जाकर अपनी पहचान बनाई। इसे के चलते जॉनी ने कुछ फिल्मों में छोटे-मोटे रोल्स कर अपने करियर की शुरूआत की। एक बार जॉनी की मुलाकात एक्टर बलराज साहनी से हुई। बलराज जॉनी की हंसाने की स्किल्स से बहुत इंप्रेस हुए। बाद में बलराज ने जॉनी को गुरुदत्त से मिलवाया तो जॉनी उनसे शराबी बनकर मिले। इससे गुरुदत्त नाराज हो गए। गुरू दत्त का कहना था कि कोई शराबी उनसे कैसे मिल सकता है। बाद में जॉनी ने जब बताया कि उन्होंने शराब नहीं पी है और वो एक्टिंग कर रहे थे, तो गुरुदत्त काफी इंप्रेस हुए। उन्होंने उसी वक्त जॉनी को गले लगा लिया।



गुरुदत्त का फेवरेट व्हिस्की ब्रांड- जॉनी वॉकर



जॉनी वॉकर का असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था। गुरूदत्त से मुलाकात के बाद उनका नाम जॉनी वॉकर पड़ा। ये नाम गुरूदत्त ने अपने फेवरेट व्हिस्की ब्रांड 'जॉनी वॉकर' से रखा। बता दें जॉनी ने कभी शराब नहीं पी पर उनकी एक्टिंग इतनी प्योर थी कि गुरूदत्त ने उन्हें ये नाम दे दिया। ये नाम बदरुद्दीन का स्क्रीन नेम बन गया और आज तक वे जॉनी वॉकर के नाम से ही जाने जाते हैं। 



डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रहे जॉनी



गुरुदत्त फिल्म बाजी की शूटिंग में बिजी थे। ये पेहली फिल्म थी जिसे गुरूदत्त डायरेक्ट कर रहे। इसी फिल्म से देव आनंद फिल्मों में अपना डेब्यू कर रहे थे। जॉनी के लिए इस फिल्म में कोई सीन नहीं लिखा गया था। ऐसे में जॉनी वॉकर के लिए गुरुदत्त ने अलग से सीन क्रिएट कराया। इस तरह जॉनी को फिल्म बाजी में काम मिला। इसी फिल्म से जॉनी ने खुद को प्रूव किया। फिल्म में उनके कॉमिक सीन्स को काफी पसंद किया गया। वहीं जॉनी इंडस्ट्री के पहले एक्टर रहे, जिनके नाम पर कोई फिल्म बनी थी। ये फिल्म 1957 में रिलीज हुई थी। उन्होंने 1957 में आई फिल्म पहुंचे हुए लोग को प्रोड्यूस और डायरेक्ट भी किया था।



मोहम्मद रफी ने गाए जॉनी वॉकर के गाने



जॉनी वॉकर ने गुरुदत्त की लगभग हर फिल्म में काम किया। साथ ही जॉनी एक ऐसे कलाकार थे, जिनके गानों को सबसे ज्यादा मोहम्मद रफी ने गाया था। फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स की ये खास डिमांड होती थी कि फिल्म में जॉनी के गाने हों। इसके लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स ज्यादा पैसे देने के लिए भी तैयार रहते थे। जॉनी फिल्मों के हिट होने की गारंटी माने जाते थे। उनकी एक्टिंग कभी-कभी लीड रोल प्ले कर रहे एक्टर को भी पछाड़ देती थी। नया दौर, टैक्सी ड्राइवर, मधुमती, मिस्टर एंड मिसेज 55 जैसी फिल्में उनकी बेस्ट फिल्मों में से एक हैं। वहीं जॉनी पेहल



चाची 420 थी लास्ट फिल्म



जॉनी वॉकर ने एक्ट्रेस शकीला की बहन नूरजहां से शादी की थी। जॉनी ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर नूरजहां से शादी की थी। उनके 3 बच्चे हुए। बाद में जॉनी ने अपने बेटे को US पढ़ाई के लिए भेजा। वहीं 1983 के बाद जॉनी ने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया था। उन्हें लगता था कि उनकी कॉमेडी का स्तर गिर गया है। बाद में उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने का फैसला किया। 14 साल तक फिल्मों से दूरी बनाने के बाद उन्होंने 1997 में आई कमल हासन की फिल्म चाची 420 से कमबैक किया। ये उनकी लास्ट फिल्म थी।



बेस्ट कॉमिक एक्टर का 96 साल की उम्र में हुआ निधन



जॉनी वॉकर को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड (Filmfare award) 1959 में आई फिल्म मधुमती में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए मिला था। इसके बाद फिल्म शिकार के लिए उन्हें बेस्ट कॉमिक एक्टर (Best comic actor) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड (Filmfare award) मिला। अपनी एक्टिंग और कॉमेडी से लोगों का दिल जीतने वाले जॉनी वॉकर का 96 साल की उम्र में 29 जुलाई 2003 को निधन हो गया। 

 


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