भोपाल। यशराज प्रोडक्शन हाउस 'द रेलवे मैन' से ओटीटी फ्लेटफॉर्म पर डेब्यू कर रहा है। ये वेबसीरीज साल 1984 में हुई भोपाल गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) पर आधारित होगी। जैसा कि सीरीज का टाइटल बता रहा है कि फिल्म में कहानी के केंद्र बिंदू रेलवे के तत्कालीन अधिकारी होंगे। इस सीरीज की कहानी भोपाल रेलवे स्टेशन के तत्कालीन प्रबंधक हरीश धुर्वे (Harish Dhurve) के इर्द-गिर्द होगी। वह फिल्म के मुख्य किरदार होंगे, जबकि अन्य अधिकारी अन्य किरदारों में नजर आएंगे। सीरीज में इरफान खान के बेटे बाबिल खान (Babil Khan), आर माधवन (R Madhavan), केके मेनन (Kay Kay Menon) और दिव्येंदु (Divyendu) जैसे कलाकार नजर आएंगे।
हजारों लोगों की जान बचाई थी
3 दिसंबर 1984 को हुई गैस रिसाव के दौरान लोग जान बचाकर बदहवास हालत में या तो दम तोड़ रहे थे या भोपाल से जान बचाकर बाहर भाग रहे थे, लेकिन भोपाल स्टेशन पर पदस्थ स्टेशन प्रबंधक हरीश धुर्वे और हरिशंकर शर्मा (Harishankar Sharma) जैसे 45 डिप्टी एसएस व रेल कर्मचारी जान जोखिम में डालकर मुंह पर कपड़ा बांधे हांफते हुए ड्यूटी पर डटे रहे। ताकि बीना और इटारसी की तरफ से आने वाली ट्रेनों को भोपाल पहुंचने से पहले ही रोका (The Railway Men Story) जा सके।
Courage. Grit. Resilience. Saluting #TheRailwayMen - the unsung heroes of 1984 Bhopal gas tragedy through @YRFEnt's 1st OTT project being directed by @shivrawail
Streaming - 02 December 2022 pic.twitter.com/7KcJuudIM8— Yash Raj Films (@yrf) December 2, 2021
दो दर्जन ट्रेनों को भोपाल आने से रोका
इस काम में स्टेशन प्रबंधक और डिप्टी एसएस कामयाब भी हुए। बीना की तरफ से आने वाली ट्रेनों को विदिशा, निशातपुरा, सलामतपुर और इटारसी की तरफ से आने वाली ट्रेनों को मिसरोद, मंडीदीप, औबेदुल्लागंज व बुदनी के आसपास रोक दिया गया। इस तरह दो दर्जन ट्रेनों को भोपाल आने से पहले रोक दिया गया। इन ट्रेनों में हजारों यात्री थे जिनकी जान बच गई। यदि ये ट्रेनें नहीं रुकवाई गई होतीं तो भोपाल पहुंचने के बाद ये यात्री जहरीली गैस की चपेट में आने से दम तोड़ देते।
स्टेशन प्रबंधक की मौत उसी दिन बाकी ने बाद में तोड़ा दम
अपना फर्ज निभाते हुए स्टेशन प्रबंधक हरीश धुर्वे ने उसी रात दम तोड़ दिया था। जबकि बाकी 44 कर्मचारियों में से कुछ त्रासदी के एक सप्ताह बाद और कुछ सालों के इलाज के बाद भी गंभीर बीमारियों से जूझते रहे और फिर उनकी भी मौत हो गई। इन सभी की याद में भोपाल स्टेशन परिसर में एक स्मारक बनाया गया हैं, जिसमें सभी 45 कर्मचारियों के नामों का उल्लेख है।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube