भैया जी के ट्रेलर को देखकर माना जा रहा था कि ये एक एक्शन से भरी फिल्म होने वाली है। हालांकि भैया जी के किरदार में मनोज बाजपेयी ( Manoj Bajpayee ) का लुक एकदम जबरदस्त था ही साथ ही उनका ये अवतार भी एकदम नया था, लेकिन पर्दे पर जो देखने को मिला वो सोच से लगभग अलग था।
जानें फिल्म की कहानी
बिहार के पूपरी, गांव सितामंडी के राम चरण उर्फ भैया जी का गांव भर में अलग भौकाल है. शांत स्वभाव के भैया जी को गांव में भगवान समान माना जाता है। एक वक्त था जब भैया जी ने अपने फावड़े से अच्छे-अच्छे को मौत के घाट उतारा है, लेकिन अब सालों से शेर शांत है। उसे एक ट्रैजडी ही जगा सकती है। वहीं, भैया जी के दिल्ली में पढ़ने वाले एक छोटे भाई की हत्या हो जाती है। ऐसे में भैया जी के बार-बार निवेदन करने पर जब बात नहीं बनती तो वो नरसंहार का फैसला लेते हैं। अब कैसे भैया जी अपने बेटे जैसे छोटे भाई की मौत का बदला लेते है। ये तो आपको देखकर ही पता लग पाएंगा।
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कैसा था मनोज का किरदार
भैया जी का किरदार अपने आप में काफी कमजोर है, उनके इमोशन्स और रौब को मनोज बाजपेयी काफी अच्छे तरीके से पर्दे पर उतारते हैं, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं कमी रह जाती है। इस फिल्म में भैया जी की होने वाली पत्नी बनी हैं जोया हुसैन ( Zoya Hussain ) । देखा जाए तो जोया ने अपने किरदार को अच्छे से निभाया है। इसी के साथ एक्ट्रेस भागीरथी बाई कदम, फिल्म में मनोज की छोटी अम्मा के रूप में नजर आई हैं। जतिन गोस्वामी और सुविन्द्र विक्की ने मूवी में विलेन का रोल निभाया है। फिल्म के बाकी सपोर्टिंग किरदारों का काम भी ठीक ठाक है।
किस ने किया निर्देशन
अपूर्व सिंह कार्की ने भैया जी का निर्देशन किया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने मनोज बाजपेयी के साथ सिर्फ एक बंदा काफी है फिल्म की थी। उस फिल्म में जो दिक्कत थी, वहीं इसमें भी है। मनोज बाजपेयी ने अपना काम बखूबी निभाया है, लेकिन फिल्म का स्क्रीनप्ले कमजोर है। ये फिल्म आपको खुश कम और निराश ज्यादा करती है।