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New Delhi. अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री और बीजेपी नेत्री जया प्रदा मुश्किल में फंस गई हैं। जया प्रदा को चेन्नई कोर्ट ने छह महीने जेल की सजा सुनाई है। यही नहीं, उन पर 5,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जया पर अपने थिएटर के कर्मचारियों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) का पैसा नहीं देने का आरोप साबित हुआ है। मामले में जया प्रदा के साथ-साथ उनके दो बिजनेस पार्टनर्स राम कुमार और राजा बाबू को भी दोषी पाया गया था।
पार्टनर को भी सजा
जया प्रदा और उनके भाई राज बाबू ‘जया प्रदा सिने थिएटर’ के पार्टनर रहे हैं। तमिलनाडु के एग्मोर की दूसरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने दोनों को ईएसआई को देय योगदान का भुगतान नहीं करने का दोषी ठहराया था। कोर्ट ने 6 महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई है।
11 साल श्रमिकों के खाते में जमा नहीं करीब आठ लाख रुपए
कर्मचारी राज्य बीमा निगम ने 5 अगस्त 2004 को एक शिकायत की थी। इसमें बताया था कि नवंबर 1991 से सितंबर 2002 तक की अवधि में जया प्रदा सिने थिएटर की तरफ से श्रमिकों का 8,17,794 रुपए के बकाया योगदान का भुगतान नहीं किया गया है। ईएसआई ने कहा कि आरोपी ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम की धारा 85 (ए) के तहत योगदान का भुगतान ना करने का अपराध किया है, जो अधिनियम की धारा 85 (आई) (बी) के तहत दंडनीय है। मामले में कोर्ट ने जया और उनके पार्टनर को दोषी पाया था।
कोर्ट ने कहा- कर्मचारियों का भुगतान भी करना होगा
केस की सुनवाई के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने जया प्रदा और राज बाबू को दोषी करार दिया। दोनों को छह महीने की कैद और 5000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। चेन्नई की कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपी की तरफ से शिकायतकर्ता को 8,17,794 रुपए का भुगतान करना होगा।
जया का राजनीति करियर
जया हिंदी और तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में सबसे लोकप्रिय और प्रभावशाली एक्ट्रेस में से एक मानी जाती हैं। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को छोड़कर 1994 में राजनीति में प्रदार्पण किया और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) में शामिल हो गईं। वह पहले राज्यसभा सदस्य और फिर लोकसभा सांसद बनीं। वह काफी समय तक यूपी की सियासत में समाजवादी पार्टी में सक्रिय रहीं। 2019 में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं थीं।