NIA का खुलासा, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में 700 शूटर, दाऊद की D-कंपनी की तरह करता काम, आतंकियों को भी दे रहा मदद

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Pratibha Rana
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NIA का खुलासा, लॉरेंस बिश्नोई के गैंग में 700 शूटर, दाऊद की D-कंपनी की तरह करता काम, आतंकियों को भी दे रहा मदद

New Delhi. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ लगातार शिकंजा कस रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के आरोप पत्र में अहम खुलासे हुआ है। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि बिश्नोई का गैंग अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी की तरह काम कर रहा है और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड समेत कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैलाया है। ज्यादातर अपराध उसके गिरोह के सदस्यों ने कनाडा के टिकट के बदले में किए थे। एनआईए ने आरोप लगाया है कि ज्यादातर अपराध उसके गिरोह के सदस्यों ने कनाडा के टिकट के बदले में किए थे। डी कंपनी चलाने वाला दाऊद एक समय छोटा गुंडा था, लेकिन बाद में अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया।



पहले गिरोह बनाया, फिर इस तरह गैंग का किया विस्तार



इसी तरह लॉरेंस बिश्नोई ने एक छोटे अपराधी के तौर पर शुरुआत कर अपना गिरोह बनाया और अब उत्तर भारत में एक संगठित आतंकी सिंडिकेट चलाता है। बिश्नोई ने सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़, सचिन थापन उर्फ सचिन थापन बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई उर्फ भानु, विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बराड़, काला जठेड़ी और काला राणा की मदद से अपने गिरोह का विस्तार किया।



आतंकी संगठनों को दे रहा सहायता



एनआईए ने कहा कि दाऊद इब्राहिम की तरह बिश्नोई एक कुख्यात गैंगस्टर बन गया है और उसने अपनी आपराधिक गतिविधियों के 10 साल के भीतर ही आतंकवादी संगठनों को सहायता देना शुरू कर दिया है। उसके आतंकी सिंडिकेट का लक्ष्य हत्या, जबरन वसूली और हत्या के प्रयास के माध्यम से उत्तर भारत में कानून-व्यवस्था को अस्थिर करना है।



बिश्नोई के गैंग में हैं 700 से अधिक शूटर



एनआईए ने आरोप पत्र में कहा कि लॉरेंस बिश्नोई के पास वर्तमान में 700 से अधिक शूटरों का एक विशाल नेटवर्क है और इसमें से 300 शूटर पंजाब से हैं। इस गिरोह ने 2020 तक करोड़ों रुपए कमाए। एनआईए ने कहा कि बिश्नोई पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या और अन्य हत्याओं के पीछे के मास्टरमाइंड में से एक है। आरोप पत्र में कहा है कि गिरोह के सभी सदस्य बिश्नोई के निर्देशों के तहत काम करते थे।



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गैंग के प्रचार के लिए किया इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल



जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि गैंग का प्रचार-प्रसार करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया। इसके जरिए बिश्नोई और गोल्डी को अदालत लाने व ले जाने की फोटो डाली गई।



पंजाब समेत कई राज्यों में फैला है नेटवर्क



एनआईए के अनुसार, एक दौर में बिश्नोई का गैंग सिर्फ पंजाब तक सीमित था, लेकिन हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के गैंग से गठजोड़ कर उसने अपने गैंग का अन्य राज्यों में विस्तार कर लिया है। गैंग का नेटवर्क वर्तमान में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड में भी फैला है। गिरोह के अधिकांश मुख्य सदस्य सलाखों के पीछे हैं, लेकिन उनमें से कुछ अभी भी जेलों के अंदर से अन्य गैंगस्टरों की मदद से गिरोह संचालित कर रहे हैं।


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