FIR: वीर दास ने अमेरिका में पढ़ी थी ये कविता, भारत में एक्टर को लोग कह रहे देश विरोधी

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FIR: वीर दास ने अमेरिका में पढ़ी थी ये कविता, भारत में एक्टर को लोग कह रहे देश विरोधी

ऐक्‍टर और कमीडियन वीर दास अमेरिका में दिए अपने विवादित बयान के कारण कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं।वीर दास के खिलाफ मुंबई में FIR भी दर्ज कराई गई है।साथ ही उनका सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है। अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में 'जॉन एफ कैनेडी सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स' में उन्होंने 'टू इंडियाज' नाम की एक कविता पढ़ी। अपने परफॉर्मेंस का वीडियो वीर दास ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर भी शेयर किया। वीर ने इस वीडियो में अमेरिका के लोगों के सामने भारत के लोगों के दोहरे चरित्र के बारे में जिक्र किया है। जिस पर लोग भड़क गए।अब उन पर देश का अपमान करने के आरोप लग रहे हैं।

अमेरिका में किया देश का अपमान

बॉम्बे हाई कोर्ट के एडवोकेट आशुतोष जे दुबे ने कॉमेडियन के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। बता दें कि वीर दास इन दिनों अमेरिका में हैं।वीडियो में वीर दास मौजूदा वक्‍त में देश की तमाम समस्‍याओं का जिक्र करते हैं। वह कोरोना से लड़ाई का जिक्र करते हैं, रेप की घटनाओं पर बात करते हैं। किसानों के प्रदर्शन को लेकर भी बात रखते हैं। छह मिनट के इस वीडियो का टाइटल है 'I come from two Indias' यानी 'मैं दो भारत से आता हूं।' अब मामला बढ़ता देख वीर दास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर सफाई भी दी है।

ये है वो पूरी कविता
मैं उस भारत से आता हूं, जहां AQI 9000 है लेकिन हम फिर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में गैंगरेप करते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां आप हमारी हंसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के पार से भी सुन सकते हैं।
और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ देता है, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज आती है।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां ओल्ड लीडर्स अपने मरे पिता के बारे में बात करना बंद नहीं करते और न्यू लीडर्स अपनी जीवित मां के रास्तों पर चलना शुरू नहीं करते।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां की एक बड़ी आबादी 30 साल से छोटी है, लेकिन फिर भी 75 साल के लीडर्स के 150 साल पुराने आइडियाज को सुनना बंद नहीं करती।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां लोग क्लब के बाहर सड़कों पर सोते हैं, लेकिन साल में 20 बार तो सड़क ही क्लब होती है।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम वेजेटेरियन होने में गर्व महसूस करते हैं, लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्जियां उगाते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जो कभी चुप नहीं होता और मैं उस भारत से आता हूं जो कभी नहीं बोलता।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां बच्चे मास्क लगा कर एक दूसरे का हाथ थामते हैं और मैं उस भारत से भी आता हूं, जहां के लीडर्स बिना मास्क लगाए गले मिलते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम बॉलीवुड की वजह से ट्विटर पर बंटे होते हैं, लेकिन थिएटर के अंधेरे में उसी बॉलीवुड की वजह से एक साथ होते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम जब भी 'ग्रीन' के साथ खेलते हैं, ब्लीड ब्लू का नारा देते हैं, लेकिन ग्रीन से हारने पर हम अचानक से ऑरेंज हो जाते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां म्यूजिक हमारा 'बहुत हार्ड' है, लेकिन जज्बात 'बहुत सॉफ्ट' हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जो ये देखेगा और कहेगा 'ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहां है ?' और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो ये देखेगा और जानेगा कि ये बहुत बड़ा जोक ही है, बस फनी नहीं है।

वीर दास ने दी सफाई 
वीर दास ने पोस्ट शेयर कर लिखा है कि उनका इरादा देश का अपमान करने का नहीं था, बल्कि उनका इरादा यह याद दिलाने रहा है कि देश अपने तमाम मुद्दों के बाद भी 'महान' है। उन्होंने कहा है कि एक ही विषय के बारे में दो अलग विचार रखने वाले लोगों के बारे में वीडियो में बात हो रही है और ये किसी तरह का कोई रहस्य नहीं है, जिसे लोग जानते नहीं है। वीर दास ने आगे कहा कि लोग भारत को एक उम्मीद के साथ देखते हैं। नफरत के साथ नहीं। लोग भारत के लिए तालियां बजाते हैं, इज्जत देते हैं और मुझे अपने देश पर गर्व है। मैं इस गर्व के साथ जीता हूं।"

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