MUMBAI. संगीत की दुनिया का चमकता सितारा स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आज (6 फरवरी) को डेथ एनिवर्सरी हैं। पिछले साल 2022 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। लता आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और गाने आज भी उनके फैंस के दिलों में जिंदा हैं। उनका जन्म 28 सितंबर 1929 में हुआ था। करीब 6 दशक तक फिल्मी और गैर फिल्मी गाने, गाने वाली लता ने 30 से अधिक भाषाओं में गीतों को आवाज दी थी। लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी की जोड़ी ने इंडस्ट्री को कई सुपरहिट गाने दिए हैं, लेकिन एक समय में गाने की रॉयल्टी को लेकर दोनों ने सालों तक एक दूसरे से बात नहीं की।
On the occasion of the first death anniversary of Lata Mangeshkar, sand artist Sudarsan Pattnaik created a 6ft high sand sculpture with the message 'Tribute to Bharat Ratna Lata Ji, Meri Awaaaz Hi Pehechan Hai', at Puri beach in Odisha (05.02) pic.twitter.com/IeqtWTbvPh
— ANI (@ANI) February 6, 2023
नंगे पैर करती थीं गानों की रिकॉर्डिंग
कहा जाता है कि लता नंगे पैर से गानों की रिकॉर्डिंग करती थीं। गाना गाने के अलावा उन्हें क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक था। लता एकमात्र ऐसी जीवित शख्सियत रहीं जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते थे। कहा जाता है कि लता हर दिन पानी से अपने माता-पिता के पैर धोती थीं। इसके बाद वह इस पानी को पी लेती थीं। उनका मानना था कि जो बच्चे अपने माता पिता के धोए हुए पैर के बाद उसी पानी को पीते हैं, वह जिंदगी की ऊंचाई तक पहुंचते हैं।
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डूंगरपुर के राजा के इश्क में थीं लता
कहा जाता है कि लता, डूंगरपुर राजघराने के महाराजा राज सिंह को पसंद करती थीं और राज सिंह भी लता को पसंद करते थे। दोनों में काफी नजदीकियां बढ़ गई थी। दोनों की मुलाकात ह्रदयनाथ मंगेशकर के जरिए ही हुई थी। कहा जाता है कि राज सिंह ने अपने माता-पिता से वादा किया था कि वह किसी भी आम घर की लड़की को उनके घराने की बहू नहीं बनाएंगे।
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36 भारतीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए
लता ने 36 भारतीय भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए हैं। उन्हें 1989 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। 2001 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया जा चुका है।