MUMBAI. गीतकार जावेद अख्तर आज 17 जनवरी को अपना 78वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। उनका जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में मशहूर शायर रहे जांनिसार अख्तर के घर हुआ। वह जांनिसार अख्तर और मशहूर लेखिका सफिया अख्तर के बेटे हैं। जावेद के पिता जान निसार अख्तर हिंदी सिनेमा के फेमस गीतकार थे और उनकी मां सैफिया अख्तर गायिका-लेखिका थीं। जावेद अख्तर का असली नाम जादू था।
सलीम-जावेद की जोड़ी ने मचाया धमाल
जावेद को सलीम खान के साथ पटकथा लेखक के रूप में पहचान मिली। सलीम-जावेद के नाम से मशहूर इस जोड़ी ने कुछ बेहतरीन फिल्मों के लिए यादगार कहानियां लिखीं। जावेद और सलीम खान की जुगलबंदी खूब रही। सलीम-जावेद की जोड़ी ने करीब 24 फिल्मों के डायलॉग लिखे हैं। उनकी सिर्फ 4 कहानियां ही फ्लॉप हुई थीं। अन्य सभी सुपरहिट हुए थे। हालांकि बाद में 1982 में निजी कारणों की वजह से दोनों की जोड़ी अलग हो गई। इसके बाद जावेद साहब ने गीतकार के रूप में करियर को आगे बढ़ाया।
इन अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है
जावेद ने सिलसिला, दुनिया,सागर समेत कई मशहूर फिल्मों के लिए सदाबहार गीत भी लिखे। उन्हें जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, जोधा अकबर, रॉक ऑन और लगान: वन्स अपॉन ए टाइम इन इंडिया जैसी फिल्मों के लिए बेस्ट गीतकार के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। जावेद अख्तर अब तक पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 1999 में पद्मश्री , 2007 में पद्मभूषण , भारत के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान जीते हैं।
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लव लेटर लिखने के लिए पॉपुलर थे जावेद
बताया जाता है कि स्कूल के समय उनके दोस्त उनसे लव लेटर लिखवाने आया करते थे। वो उन लोगों के भी लव लेटर लिखते थे जिन्हें वो जानते तक नहीं थे। लव लेटर लिखने में उनकी बड़ी डिमांड थी। जावेद ने कई रोमांटिक गाने लिखे है, इसमें एक लड़की को देखा,देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए, जश्न-ए-बहारा, मैं यहां हूं,मैं अगर कहूं समेत कई अन्य शामिल है। इसके अलावा लगान, कल हो ना हो, मैं हूं ना, रॉक ऑन, नमस्ते लंदन, ओम शांति ओम जैसी फिल्मों में लिखे उनके गाने भी काफी पॉपुलर हैं।
जावेद ने की हैं दो शादियां
अख्तर की पहली शादी हनी ईरानी से की थी। फिल्म 'सीता और गीता' के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। दोनों की उम्र में 10 साल का अंतर था। 1970 में जावेद का दिल कैफी आजमी की बेटी और फेमस एक्ट्रेस शबाना आजमी पर आ गया। इस बात की जानकारी जब हनी को लगी तो घर में रोज कहा सुनी होने लगी। जावेद हनी को छोड़ना नहीं चाहते थे। इसलिए हनी ने उनसे कहा कि वो शबाना के पास जाएं और बच्चों की चिंता ना करें। इसके बाद जावेद ने हनी से डिवोर्स ले लिया था। 1984 में जावेद ने शबाना से शादी कर ली।